(Hindi) Duct Tape Marketing: The World’s Most Practical Small Business Marketing Guide

(Hindi) Duct Tape Marketing: The World’s Most Practical Small Business Marketing Guide

परिचय

क्या आप अपनी मार्केटिंग किसी डक्ट टेप जैसी चिपकू बनाने का तरीका जानना चाहते है? आपका छोटा सा बिजनेस खूब बड़ा हो जाए, क्या इसके बारे में जानना चाहेंगे ? जॉन जेंस्च के हिसाब से मार्केटिंग एक सिस्टम है और आपको भी अपनी मार्केटिंग इफेक्टिव बनाने के लिए इसका सिस्टम फोलो करना पड़ेगा. इस बुक में हम आपको कुछ ऐसी ही स्ट्रेटीजीज़ बताने जा रहे है जो आप अपने बिजनेस मार्केटिंग में अप्लाई कर सकते है. मार्केटिंग का मेन गोल लोगो को ये बताना है कि” नो, लाइक एंड ट्रस्ट यू”. अगर आप के पास डक्ट टेप मार्केटिंग है तो आप भी उन्हें” ट्राई, बाई, रीपीट एंड रेफर” के लिए लीड कर सकते है. एक छोटे बिजनेस में मार्केटिंग पर ज्यादा स्पेंड करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि कुछ ऐसे सिंपल लेकिन इफेक्टिव तरीके है जिससे आप स्टिक मार्केटिंग कर सकते है. इनमे से कुछ है मार्केटिंग आवरग्लास, क्लाइंट स्टेजेस, और कोंटेंट ड्राइवन साइटवगैरह, इन कॉन्सेप्ट्स के बारे में आप बाद में सीखेंगे.

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स्ट्रेटेजी बिफोर टैक्टिस

मार्केटिंग स्ट्रेटेज़ी और मार्केटिंग टैक्टिस के बीच एक डिफ़रेंस है. स्ट्रेटेज़ी, टैक्टिस के पीछे की अंडरलायिंग प्रिंसिपल्स को रेफर करती है. किसी भी बिजनेस टैक्टिक पर काम करने से पहले आपको अपनी स्ट्रेटेजी बनानी पड़ेगी. मार्केटिंग स्ट्रेटेज़ी क्या है ? ये सिर्फ एक सेट ऑफ़ गोल्स या लिस्ट ऑफ़ ओब्जेक्टिव्स नहीं है. आप अपने गोल्स कैसे अचीव करने वाले है, ये आपकी स्ट्रेटेजी डिसाइड करती है. एक तरह से बोले तो उन ओब्जेक्टिव्स को पाने के लिए एक प्रीसाइज़ प्लान ही स्ट्रेटेजी कहलायेगा. अगर आपका बिजनेस है तो मार्किट को डोमिनेट करना और अपने कस्टमर्स को सर्व करना ही आपका गोल होगा.

आपकी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी एक प्लान है कि आप कैसे अपने लिए सेट गोल्स अचीव करने वाले है. यहाँ हम आपको मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के कुछ एक्जाम्पल देते है. अगर आपको मार्किट में एक लीड ब्रांड बनना है तो इसके लिए सबसे पहले तो आपको अपना एक स्पेसिफिक मार्किट निचे चूज़ करना होगा. ये आपकी स्ट्रेटेजी है किस तरह के कस्टमर्स आपको चाहिए और किस टाइप की वैल्यू आप उन्हें देना चाहते है, ये सब भी फिगर आउट कर ले. इसमें आपको बड़ा स्पेसिफिक होना पड़ेगा. अगर आप और ज्यादा नए कस्टमर बनाना चाहते है तो आपको रेफ्रेल्स चाहिए. इसके लिए एक ऐसा सिस्टम सेट अप करे जहाँ आपके लॉयल कस्टमर्स ही आपके लिए मार्केटिंग करे.

अपने ट्रस्टेड सोर्स से रेफरल्स पाना भी आपकी स्ट्रेटेजी का एक पार्ट होगा. इन स्ट्रेटेजी की हेल्प से आप अपना एक्जेक्ट टैक्टिस पा सकते है. लेकिन आप मार्केटिंग स्ट्रेटेजी कैसे डेवलप करेंगे? थ्री स्टेप्स है जिन्हें आप फोलो कर सकते है जिसमे से फर्स्ट स्टेप है “डिसाइड हु मैटर्स”. डिसाइड हु मैटर्स का मतलब है ये चीज़ पिन पॉइंट कर लेना कि एक्जेक्टली कौन आपके आइडियल कस्टमर होंगे. ये फर्स्ट स्टेप आपकी स्ट्रेटेजी पर फोकस करता है. और अगर आप अपने आइडियल कस्टमर्स के बारे में जानते है तो उन्हें अट्रेक्ट करने का और सर्व करने का बैटर रास्ता आपको मालूम होगा. सेकंड स्टेप है” बी डिफरेंट”. आप अपने आइडियल कस्टमर्स को कैसे अपील करेंगे ?कैसे उन्हें लुभायेंगे? इसके लिए आपको उन्हें अपनी यूनीक सर्विस, प्रोडक्ट या अप्रोच देनी होगी जोकि बाकी ब्रांड्स से डिफरेंट हो. प्राइम्रली आपको वो चीज़ डिफाइन करनी होगी जो मार्किट में कस्टमर्स को फ्रस्ट्रेट करती है. और अगर आपके कॉम्पटीटर्स भी सेम मिस्टेक कर रहे है तो आपको उनसे कुछ हटकर करना होगा. थर्ड स्टेप जो मार्केटिंग स्ट्रेटेजी डेवलप करेगा, वो है” कनेक्ट द डॉट्स”. ये ज़रूरी है कि इस स्टेज में आप कांसेप्ट ऑफ़ आइडियल क्लाइंट और कोर डिफरेंस को कम्बाइन करे.

जैसे एक्जाम्पल के लिए डक्ट टेप मार्केटिंग के पीछे की स्ट्रेटेजी है” टू क्रियेट अ रेकोगनाइज़ेबल स्माल बिजनेस मार्केटिंग ब्रांड बाई टर्निंग मार्केटिंग फॉर स्माल बिजनेसेस इन्टू अ सिस्टम एंड प्रोडक्ट”. यहाँ पर आइडियल क्लाइंट है स्माल बिजनेस. और कोर डिफ़रेंस है कि डक्ट टेप मार्केटिंग को एक सिस्टम की तरह देखता है. सन जू ने आर्ट ऑफ़ वार में कहा था” “आल मेन केन सी दीज़ टैक्टिस वियरबाई आई कोंकर, बट व्हट नन केन सी इज़ द स्ट्रेटेजी आउट ऑफ़ व्हिच विक्ट्री इज़ एवोल्वड”.” तो क्या आपके पास भी कोई मार्केटिंग स्ट्रेटेजी है ? क्या इसमें थ्री स्टेप्स इन्वोल्व है ? क्या ये आपके आइडियल क्लाइंट और कोर डिफ़रेंस को डिफाइन करती है? आपकी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी आपका फाउन्डेशन है. तो इसलिए इसे लाइटली मत लो.

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आइडेंटीफाई योर आइडियल क्लाइंट
अपने आइडियल क्लाइंट पहचान ले

जब आप अपने क्लाइंट्स को प्रोपेर्ली टारगेट करेंगे तो फिर सिरफिरे क्लाइंट्स के साथ आपको दिमाग खपाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.” स्माल बिजनेस ओनर्स को जॉन जेंस्च यही बात समझाते है कि आप में वो एबिलिटी होनी चाहिए कि आप अपने क्लाइंट्स खुद चूज़ कर सके. क्योंकि यही लोग आपके प्रोडक्ट की वैल्यू समझेंगे. और यही लोग आपको सक्सेसफुल होता हुआ भी देखना चाहेंगे. सिर्फ कस्टमर्स की नीड्स ही नहीं बल्कि आपके बिजनेस की नीड्स भी सेटिसफाई होनी चाहिए. ये आइडियल तभी होगा जब दोनों पार्टीज़ बिजनेस इंटरएक्शन से सेटिसफाई होंगी. अपना बिजनेस ग्रो करने के लिए आप कस्टमर्स के साथ एक हेल्दी रिलेशनशिप रखे. लेकिन ये अचीव कैसे करे?

सबसे पहले तो अपने आइडियल कस्टमर डिफाइन कर ले. लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल नहीं है कि आप बाकि के कस्टमर्स को भगा दे. आइडियल कस्टमर बनाकर आप अपने बिजनेस को बनाये रखेंगे. आपका बिजनेस सर्वाइव करता रहेगा. सोचो अगर कस्टमर्स आपको टाइम पे पैसा नहीं दे रहे या आपके प्रोडक्ट की वैल्यू पर सवाल उठा रहे हो तो क्या होगा? सिंपल सी बात है कि ये आपके बिजनेस को अफेक्ट करेगा. इसलिए ये बात माइंड में रख ले कि आपके कस्टमर्स इल मैनेर्ड बिलकुल ना हो. अब सवाल है कि आइडियल कस्टमर्स ढूंढें कैसे जाए? इसके लिए हम आपको 5 स्टेप्स बताते है. फर्स्ट स्टेप है “बी प्रोफिटेबल फर्स्ट”. अपने कस्टमर्स की एक लिस्ट बना लो और इसमें ये भी लिखो कि हर किसी से आपको कितना प्रॉफिट मिल रहा है और उन्हें किस टाइप का ट्रांजेशन चाहिए.

फिर उन्हें मोस्ट प्रॉफिटेबल से लीस्ट प्रोफिटेबल की रैंक में रखे. जो लीस्ट प्रोफिटेबल है उनसे अगर छुटकारा मिल जाए तो भी आपके बिजनेस को कोई नुक्सान नहीं है. इससे आप ज्यादा प्रॉफिट देने वालो पर और भी फोकस कर पायेंगे. क्या आप अपने मोस्ट प्रोफिटेबल बिजनेस ट्रांजिक्शन्स को एन्जॉय करते है? सेकंड स्टेप है “एड्स रेफरल्स”. आपके प्रॉफिटेबल क्लाइंट्स की लिस्ट में ऐसे कौन है जो अपने फ्रेंड्स या फेमिली को आपका रेफरेंस देते है? और जो बाकि दुसरे लोगो को भी आपका रेफरेंस देते है ऐसे क्लाइंट्स आपके लिए मोस्ट वैल्यूएबल है. उन्हें आपकी सर्विस पसंद है तभी तो वे आपको रेफेर करते है. आपके बिजनेस के लिए ऐसे क्लाइंट परफेक्ट मैच है.

अब थर्ड स्टेप है “ स्टडी द डेमोग्राफिक्स”. इन प्रोफिटेबल और रेफ्रिंग क्लाइंट्स के फिजिकल केरेक्टरस्टिक्स क्या है ? इनमे क्या चीज़ कॉमन है? ये जानने के लिए आपको बेसिक डेमोग्राफिक्स जैसे इनकम, एज और लोकेशन से आगे जाना पड़ेगा. फोर्थ स्टेप है” रिसर्च क्लाइंट बिहेवियर”.  आपके इन आइडियल क्लाइंट्स को क्या चीज़ टिक करती है, ये आपको जानना पड़ेगा, उनका बिहेवियर स्टडी करना पड़ेगा. आप चाहे तो उन्हें क्लोजली स्टडी करने के लिए उन प्लेसेस में जा सकते है जहाँ ये लोग फ्रीक्वेंटली जाते है जैसे सेमिनार्स या बाकी दुसरे इवेंट्स. इसमें फिफ्थ और फ़ाइनल स्टेप है “क्रियेट द बायोग्राफिकल स्केच” इस स्टेप में आके आपको इतनी इन्फोर्मेशन मिल गयी होगी कि आपके सामने अपने आइडियल कस्टमर का क्लियर इमेज आ जायेगा.

जब वो आपके सामने होंगे तो आप उन्हें ईजीली स्पॉट कर सकते है. अब उनके इस बायोग्राफिकल स्केच को एक नाम देना चाहिए. इसलिए खुद से ही क्वेश्चन करो” क्या मैरी को ये पसंद आएगा?” या जो भी कोई और नाम जो आपको पंसद हो. ये सवाल आपकी डिसीजन मेकिंग में काफी हेल्प करेगा. आपका गोल बस ये हो कि आपके हर क्लाइंट को लगे कि आपकी सर्विस या प्रोडक्ट खास उसके लिए ही बनाया गया है. और इस तरह से आप उन्हें अपने प्रीमियम ऑफर्स भी बेच सकेंगे.

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