(Hindi) The Compound Effect
परिचय
कम्पाउंड इफेक्ट क्या है ?
समरी से पहले ये जान लेना ज़रूरी है कि डारेन हार्डी ने कम्पाउंड इफेक्ट किसे बोला है। तो इसे एक्सप्लेन करने के लिए इस बुक का एक एक्जाम्पल देख लेते है। अगर आपको दो पोसिबल ऑप्शन दिए जाए कि या तो आप 3 मिलियन डॉलर कैश ले जाए या फिर एक पेनी जो 31 दिनों तक हर रोज़ डबल होती रहे तो आप इसमें से कौन सा वाला ऑप्शन चूज़ करेंगे? ज़ाहिर है कि कोई भी इतना ज्यादा नहीं सोचेगा और नीचे दिए गए इन फैक्ट्स को कंसीडर करते हुए फर्स्ट वाला ऑप्शन ही चूज़ करेगा।
1. क्योंकि दुसरे वाले ऑप्शन के कंपेयर में ये ज्यादा पैसा लग रहा है।
2. इसमें टाइम नहीं लगेगा क्योंकि आपको सारा पैसा एक साथ मिल रहा है।
3. ये पैसा कैश में है।
हालांकि अगर हम इन दोनों ओपेशंस को थोडा बेसिक मैथमेटिक्स यूज़ करके गौर से समझने की कोशिश करे तो पता चलेगा कि ऐसी पैनी जो 31 दिनों तक हर रोज़ डबल होती है, असल में उसकी वैल्यू 11 मिलियन यूएसडी के बराबर होगी। हैं ना ये सरप्राइजिंग बात? इसका मतलब है कि अगर आप एक पैनी पर डे का ऑप्शन चूज़ करते है तो आपके पास 7 मिलियन यूएसडी ज्यादा होंगे उस इंसान से जो पहले वाला ऑप्शन यानि 3 मिलियन कैश का ऑप्शन चूज़ करेगा। तो देखा आपने एक छोटी सी पैनी की वैल्यू में हर रोज़ चेंज आने से इतना फर्क पड़ जाता है। और यही कम्पाउंडिंग इफेक्ट है। कुल मिलाकर कम्पाउंडिंग इफेक्ट से मतलब है कि स्माल स्टेप्स या एक्शन से स्टार्ट करके सक्सेस के रास्ते पर आगे बड़ा जाए।
ऊपर वाले एक्जाम्पल में पर डे 31 डेज़ के लिए एक पैनी का स्टाईपेंड लेना एक स्माल स्टेप या एक्शन होगा क्योंकि इसमें पहले वाले ऑप्शन के मुकाबले आपको 7 मिलियन यूएसडी ज्यादा अमीर होने का चांस मिल रहा है। अच्छा चलो एक और एक्जाम्पल लेते है। मान लो आप वेट लोस के केम्पेन पर है तो आप डिसाइड करते है कि आज से आप शुगर कम लेंगे, आप हर टाइप के जंक से दूर रहेंगे। और इस तरह बाद में जब आप अपना वेट चेक करते है तो वो 80 केजी निकलता है जोकि पहले 150 केजी था। तो आखिर ये हुआ कैसे? आपके सिर्फ एक डिसीजन ने कि आप एक परटीक्यूलर टाइम तक जंक फ़ूड से दूर रहेंगे, आपमें इतना बड़ा चेंज लाया। आपका जंक फ़ूड और शुगर कट करने का डिसीजन स्टार्टिंग में भले ही इन्सिग्निफिकेंट लग रहा हो,
इनफैक्ट आपको कोई डिफ़रेंस भी नजर नहीं आ रहा हो मगर जैसे-जैसे टाइम गुजरता जाता , रिजल्ट खुद आपके सामने आता है- पूरे 70 केजी जोकि आपने लोस किया। तो समझे आप! इसी को कम्पाउंडिंग इफेक्ट बोलते है। और कम्पाउंडिंग इफ्केट के बारे में एक अच्छी बात ये है कि इसे आप कहीं भी यूज़ कर सकते है। इस बुक को पढने से पहले मुझे याद है कि अपनी यंग एज में जब मैं अपना पहला मोबाइल फोन परचेज़ करना चाहता था तो उसके लिए पैसे सेव करने के चक्कर में मैंने कितना स्ट्रगल किया था। आपको ये मज़ाक लग रहा होगा ? है ना? लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि आपमें से कई सारे लोग सेम सिचुएशन से गुज़रे होंगे जब कोई चीज़ लेने के लिए आपने भी पैसे सेव किये होंगे क्योंकि किसी और ने आपको वो चीज़ लाकर नहीं दी।
मेरे केस में मुझे पूरे साल भर तक अपनी पॉकेट मनी का 70% बचाकर रखना पड़ता था जिसका मतलब था कि मै अपने पैसे से पूरा एन्जॉय नहीं कर पा रहा था। कोई पार्टी नहीं, कोई नए जूते नही, कपडे नहीं (वैसे आपको बता दूँ कि मै एक शू फ्रीक हूँ) बाहर खाना सब बंद। मगर मैंने अपना गोल अचीव करने के लिए ये सब कुछ मैनेज किया। आखिर इतना तो वर्थ करता था अपने फेवरेट फ़ोन के लिए। और आख़िरकार जब मैंने वो फ़ोन खरीदा तो अपने दोस्तों में मै पहला था जिसके पास खुद का एक फ़ोन था।
आपको शायद मेरी स्टोरी थोड़ी फनी लग रही होगी लेकिन अपना गोल अचीव करने के लिए मैंने सिम्पली कम्पाउंड इफेक्ट लॉ अप्लाई किया था। मैंने एक बड़े गोल (फ़ोन के लिए) बिट्स में पैसे बचाए। आपने क्या खरीदने के लिए पैसे बचाए थे? फोन, लेपटॉप, कार, कोई प्रॉपर्टी या कोई बिजनेस स्टार्ट करने के लिए? चाहे आपने जिस भी चीज़ के लिए पैसे बचाए हो, यहाँ आपने कम्पाउंडिंग इफेक्ट का लॉ अप्लाई किया है।
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द बिग आईडिया ऑफ़ कम्पाउंडिंग इफेक्ट
हो सकता है कि कम्पाउंडिंग इफेक्ट आपको थोड़ी टेक्नीकल चीज़ लग रही हो तो इसलिए हम इसे थोडा ब्रेक करके समझने की कोशिश करेंगे कि इसके पीछे एक्स्जेक्टली क्या है। तो हम बताते है कि इसके पीछे बेसिक आईडिया ये है कि कुछ स्माल मगर स्मार्ट डिसीजन जो हम एक पीरियड तक लेते रहते है, वो दरअसल लार्ज और शोर्ट चेंजेस से ज्यादा सब्सटेनियल होते है। अब हम इसका एक एकाज़म्प्ल लेके देखते है। मान लो तीन फ्रेंड्स है। फ्रेंड ए, फ्रेंड बी और फ्रेंड सी। वे तीनो इतने क्लोज है कि आलमोस्ट सारी चीज़े साथ ही करते है। उनको पार्टीज़ वगैरह अटेंड करने का शौक है क्योंकि उनके पेरेंट्स काफी रिच है इसलिए वो तीनो यंग और रेकलेस भी है हालांकि एक पॉइंट ऐसा भी आता है जब उनकी लाइफ में ड्रास्टिक चेंज आता है।
• फ्रेंड ए डिसाइड करता है कि वो अब ऐसी लाइफ नहीं जियेगा। पर डे 100 कैलोरी लूज़ करने के साथ-साथ वो मंथ में चार बुक्स तो कम से कम पढ़ेगा ही पढ़ेगा।
• फ्रेंड बी ने डिसाइड किया कि वो अब सारी पार्टीज़ और ऐसी रेकलेस लाइफ जीना छोड़ देगा लेकिन हाँ क्लब जाने के बदले वो घर पे बैठ के टीवी और फिल्मे देखेगा और बस एक बियर पिया करेगा।
• फ्रेंड सी ने कोई एफर्ट नहीं किया, वो जैसी लाइफ जी रहा था वैसे ही जीता रहा।
तीन साल बाद एक प्लेन क्रैश में तीनो के पेरेंट्स मारे जाते है। अब तीनो फ्रेंड्स एकदम अकेले रह गए। बाद में उन्हें रियेलाईज़ होता है कि उनके पेरेंट्स ने बिजनेस में इन्वेस्ट करने के लिए कुछ लोन्स ले रखे थे जो अभी चुकता नहीं हुए थे। इसलिए इनवेस्टर्स अपना पैसा वसूल करने के लिए उन तीनो की सारी प्रॉपर्टी बेच देते है अब ना तो उनके पास पैसा रहा और ना ही पेरेंट्स जो उनके खर्चे पूरे करते थे। अब आप बताओ कि इन तीनो में से कौन है जो सर्वाइव करेगा? वो होगा फ्रेंड ए, क्योंकि उसने इतनी सारी कैलोरीज लॉस्ट की है तो अब तक वो काफी फिट हो गया होगा और तीन सालो से वो हर मंथ चार बुक्स पढता रहा है तो तो उसके पास अब नॉलेज भी ज्यादा होगी।
फ्रेंड बी फेंस पे होगा क्योंकि तीन साल तक टीवी और फिल्मे देख-देख के शायद उसने कुछ तो सीखा होगा कि हार्ड टाइम में कैसे सर्वाइव करे लेकिन ये हम ये पक्के से नहीं कह सकते। मगर इतना पक्का है कि फ्रेंड सी की हालत सबसे खराब होगी क्योंकि वेट डबल होने से वो काफी स्लगिश हो गया होगा और उसके माइंड में कोई आईडिया भी नही होगा कि कैसे इस प्रॉब्लम से निकला जाए। ऐसी हालत में वो हेल्प के लिए अपने बाकी दोनों फ्रेंड्स या किसी और फ्रेंड के पास ही जाएगा। तो यहाँ पर हुआ क्या ? जब फ्रेंड बी और सी एन्जॉय कर रहे थे तो फ्रेंड ए अपनी डेवलपमेंट में लगा था। उसे काफी टाइम लगा इसमें लेकिन जब टेस्टिंग टाइम आया तो वो ही अकेला था जिसने सर्वाइव किया।
उसने खुद को बैटर बनाने के लिए अपना टाइम, एन्जॉयमेंट, पेरेंट्स का पैसा सब सेक्रीफाईज किया। और फिनेंशियल एस्पेक्ट के अलावा उसकी हेल्थ भी बाकी दोनों से बैटर थी। अब अपने स्टेटमेंट पर वापस आते है। इस स्टोरी के हिसाब से एक स्माल और स्मार्ट चॉइस होगी, 100 कैलोरीज़ पर डे लूज़ करना और मंथ में एट लीस्ट चार बुक्स पढना। और तीन साल बाद जो रिजल्ट मिलता है, वो प्रूफ है इस डिसीजन की सक्सेस का। ठीक यही चीज़ हम अपनी डेली लाइफ इम्प्लाई कर सकते है, स्माल स्टेप्स लेकर जिसका इफ्केट हमारे फ्यूचर पर काफी पोज़ीटीव वे में पड़ेगा। ऊपर वाले एक्जाम्पल से सीख लेकर जैसा डारेंन हार्डी ने किया था, हम भी फार्मूला प्रोपाउंड कर सकते है: योर डिसीज़न ऑर चॉइस + योर एक्शन ऑर बिहेवियर + रिपिटेड एक्शन + टाइम = सक्सेस चलो अब इसके हर कंपोनेंट को रेलेवेंट एक्जाम्पल से समझते है।