(Hindi) Eat That Frog!: 21 Great Ways to Stop Procrastinating and Get More Done in Less Time
ईट देट फ्रोंग (Eat that frog)
सक्सेसफुल बनने का बस यही सीक्रेट है कि जो करना है उसे आज और अभी करो।इस बुक में 21 स्ट्रेटेजीज़ (strategies ) है जिनपर चलकर आप सक्सेसफुल बन सकते है, ऐसा ऑथर (author) का मानना है। ऐसी बहुत सी स्टडीज़ (studies) की गयी जिनसे पता चला है सक्सेसफुल लोगो की इमिडियेट (immediate) एक्शन लेने की आदत ही उन्हें सक्सेस दिलाती है। बहुत सारे लोग ऐसे भी मीटिंग्स पे मीटिंग्स करते है, ब्रिलिएंट (brilliant ) बडे बडे प्लान्स (plans) बनाते है फिर भी उनका टाक्स पूरा नहीं हो पाता है। इसलिए अगर आपको प्रोडक्टिव (productive) बनना है तो आपको प्रोडक्टिव बनने की हैबिट भी डालनी होगी। काम को डिले (delay) ना करने की आदत, प्रायोरिटीज (priorities) सेट करना और अपने मोस्ट इम्पोर्टेंट टास्क टैकल (tackle) करने के लिए आपको एक्सपरटीज़ (expertise) की ज़रूरत है।
जब आप मल्टीपल टाइम (multiple time) ये चीज़ करेंगे तो ये ऑटोमेटिक (automatic) ही आपकी हैबिट बन जायेगी। जब आप कोई इम्पोर्टेंट टास्क कम्प्लीट (Complete) करते है तो आपकी बॉडी में एंडरोफिन(endorphin) रिलीज़ होता है जो आपके अंदर काम का नशा पैदा करता है! अब भला इससे बैटर क्या होगा कि आपके अंदर एक एडिक्शन पैदा हो जाए जो आपको अपने अनफिनिश्ड (unfinished ) टास्क पूरा करने पर मजबूर कर दे। फिर ये आपके लिए एक ईजी हैबिट बन जायेगी। और सबसे बड़ी बात, सक्सेस के ये जो थ्री डी है ना, वो है डिसीज़न(decision) काम को करने का, दूसरा है डिसिप्लीन(discipline) जिससे काम को अंजाम दिया जा सके, डेटरमिनेशन(determination) कि जब तक काम पूरा ना हो जाये उसे छोड़ना नहीं है। और फाइनली(Finally) अगर आपको सच में एक सक्सेसफुल इंसान बनना है तो खुद को ऐसे ही विजुयेलाइज(visualize ) करे। जब आप टालमटोल की आदत से छुटकारा पा लेंगे और अपने टास्क जल्दी-जल्दी पूरा करने की हैबिट बना लेंगे तो समझ जाओ कि अब आप सक्सेस की रोड पर भागने लगे हो!
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सेट द टेबल (Set the Table)
एक लायन (lion) शिकार करने से पहले क्या स्टेप लेता है? जी हां सही (guess) किया। वो सबसे पहले अपना प्रे (prey) यानी शिकार चूज़ करता है। इसी तरह आपको भी आपका टारगेट भी पहले से क्लियर होना चाहिए, और फिर बिना रुके अपना काम स्टार्ट कर दे। गोल की क्लियेरिटी(clarity) ही नहीं इसे कैसे करना है इस बात की भी क्लियेरिटी रखे। अगर आपको शोर्ट टाइम में अपनी प्रोडक्टीविटी(productivity ) इनक्रीज करनी है तो हम आपको 7 क्रूशियल स्टेप बताते है।
फर्स्ट स्टेप, डिसाइड कर लो कि तुम्हे क्या चाहिए। ज़रा सोचो एक लायन के लिए इससे बुरा क्या होगा कि वो एक गलत शिकार के पीछे भागे। सेकंड स्टेप, जो करने का सोचा है उसे लिख लो। अपने गोल को पेपर पर लिखने से आप मोटिवेट होते हो, आपको उसे क्लीयरली और परफेक्टली पूरा करने की एनर्जी मिलती है। थर्ड स्टेप, एक डेडलाइन(deadline) सेट कर लो। लायन अपना शिकार हंट करने में इतना सक्सेसफुल कैसे हो जाता है? क्योंकि वो इसमें देर नहीं करता है । वो अपने प्रे को उसी वक्त हंट करेगा! फोर्थ स्टेप है, एक लिस्ट बना लो कि अपना गोल अचीव करने के लिए आपको कौन-कौन से स्टेप्स लेने पड़ेंगे।
फिफ्थ स्टेप है, इस लिस्ट को ओर्ग्नाइज़ (organize )करो ताकि ये सिर्फ एक लिस्ट ना रहकर एक प्लान बन जाये। प्रायोरिटी(priority ) और सिक्वेंस(sequence) के हिसाब से ओर्गेनाइज़ करे। और ये करना ज़रूरी इसीलिए है ताकि आपका टास्क छोटे-छोटे इंडिविजुअल असाइनमेंट्स(individual assignments) में डिवाइड किया जा सके जो ईजिली अक्म्प्लिश (accomplish) हो सके। सिक्स्थ स्टेप है, जो भी एक्शन लेना है अभी इमिडीएटली(immediately) ले लो, कल का वेट मत करो, जो करना है अभी इसी वक्त करो! और सेवंथ स्टेप है, हर रोज़ ऐसा कुछ ना कुछ करो जो आपको अपने गोल की तरफ ले जाता है। फिर चाहे आप किसी न्यू लेंगुयेज (language) के कुछ वर्ड्स(words) लर्न करे या फिर रोज़ कुछ ना कुछ पढ़े। मैटर बस ये करता है कि एक बार अगर आप स्टार्ट हो गए तो फिर रुकना नहीं है। आपकी प्रोग्रेस छोटी ही सही पर है तो सही।
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प्लान एवरी डे इन एडवांस (Plan Every Day in Advance)
अच्छा, किसी को एलिफेंट(elephant) को खाने का सबसे ईजी तरीका क्या है ? ज़ाहिर है इसको छोटे-छोटे पीस में काट के। सेम यही चीज़ गोल्स के साथ भी है। ये टालमटोल से बचने का एक बड़ा एफिशिएंट(efficient) तरीका है, क्योंकि जब आपका गोल छोटे-छोटे टास्क में डिवाइड हो जाता है तो इन्हें पूरा करना ज्यादा ईजी रहता है। और इसके साथ ही आपको एक बढ़िया प्लान बनाकर चलना होगा। कोई भी ऐसा वैसा प्लान नहीं चलेगा। अब यहाँ पर हम आपको सिक्स पी फार्मूला (six P formula) बताते है जो सारी कन्फ्यूज़न (confusion) दूर कर देगा
ये कुछ ऐसे है, प्रॉपर प्रायर प्लानिंग प्रिवेंट्स पूअर परफोर्मेंस(proper prior planning prevents poor performance) अपने नेक्स्ट डे के टास्क लिख ले, इससे आपकी प्रोडक्टीविटी 25% बढ़ जाती है। आपकी लिस्ट सब लेव्ल्ड(sub leveled) होनी चाहिए, मंथली, वीकली और डेली के हिसाब से। इस लिस्ट में से आइटम ट्रांसफर(transfer) करके आप अपना मोस्ट प्रोडक्टिव डे क्रियेट कर सकते है। अगर आपको कोई प्रोजेक्ट(project) पूरा करना है तो फर्स्ट स्टेप ये लो कि वो सारे स्टेप्स लिख लो जो आपको अपना गोल अचीव करने में चाहिए। और जब आप इन स्टेप्स पर काम करो तो जो हो गए है उन्हें टिक ऑफ कर दो जिससे आपको फील हो कि टास्क पर आपका पूरा कंट्रोल है।
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हर चीज़ के लिए 80/20 का रुल अप्लाई करे( Apply the 80/20 Rule to Everything)
इमेजिन करो कि आपको कुछ इम्पोर्टेंट इमेल्स पढने है और ग्रोसरीज़(groceries) की शौपिंग के लिए सुपर मार्किट भी जाना है, तो आप क्या पहले करेंगे? ज़ाहिर सी बात है, इमेल्स पढना ज्यादा इम्पोर्टेंट और वैल्यूएबल(valuable) है। और यही 80/20 रुल है, जो भी आप करते है उसका 80% टास्क 20% वैल्यू रखता है। इसलिए हमेशा इम्पोर्टेंट टास्क से स्टार्ट करे जिनकी वैल्यू बाकि सारे टास्क के मुकाबले कहीं ज्यादा है। अक्सर लोगो की आदत होती है कि वे इम्पोर्टेंट टास्क टालते रहते है और फालतू के कामो में बिजी रहते है। और इसीलिए कई बार उन्हें लगता है कि वो बिजी है, कुछ काम कर रहे है जबकि असल में उस काम की रियल वैल्यू कुछ नहीं होती है। इसलिए याद रखो कि हमेशा इम्पोर्टेंट टास्क पहले करो, खुद को मोटिवेट करने के लिए इमेजिन करो कि आप उन्हें फिनिश कर रहे है।
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कंसीडर द कोनसिक्वेंश(Consider the Consequences)
सक्सेसफुल लोग अपने डिसीज़न्स में टाइम फैक्टर(time factor) को काफी इम्पोर्टेंट देते है। आफ्टरआल एक ऐसी कंपनी जो 20 सालो तक अपनी सक्सेस मेंटेन(maintain) कर सके, उस कंपनी से कहीं बैटर है जो आज की डेट में प्रॉफिट कमा रही है लेकिन नेक्स्ट 5 सालो में गायब हो जायेगी।
एक क्रूशियल(crucial) टास्क के ऑटोमेटिकली लॉन्ग टर्म पोटेंशियल कोनसिक्वेंस(potential consequences) हो सकते है अगर कुछ शोर्ट टर्म सेक्रीफाइस(sacrifices) किये जाए। तो क्या आप ये डील करने को तैयार है? आपको हमेशा ऐसे टास्क से स्टार्टिंग करनी चाहिए जिसके लार्जेस्ट पोटेंशियल(largest potential) पोजिटिव या नेगेटिव कोनसिक्वेंस हो। खुद को मोटिवेट रखने के लिए रिमाइंड(remind) कराते रहे कि इस टास्क का पोजिटिव इम्पैक्ट(positive impact) आपकी लाइफ में क्या होगा।
खुद को अपने माइंड के हाथो फूल ना बनने दे कि आपके पास टाइम नहीं है, क्योंकि जैसा कि फोर्स्ड एफिशियेंशी(forced efficiency)का लॉ है उसके हिसाब से आपके पास इम्पोर्टेंट काम करने के लिए हमेशा टाइम है। ये स्टडीज और रिसर्च से प्रूव हुआ है कि अगर आप लास्ट मिनट में जल्दी-जल्दी काम समेटते है तो बेशक आप इसे फिनिश कर लेंगे लेकिन ये भी पक्का है कि इसमें मिस्टेक भी बहुत होंगी जो आप रीडू(redo) नहीं कर पायेंगे। इससे तो बैटर है कि पहले से ही अपना सारा काम ओर्गेनाइज़(organizing) ताकि फिर डिले(delays) के लिए टाइम बच सके।
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क्रिएटिव प्रोक्रासटीनेशन की प्रेक्टिस करे (Practice Creative Procrastination)
अगर आपको एक ही दिन में ढेर सारे फ्रोग्स (frogs) खाने पड़े तो आप क्या करोगे? आप बोलोगे कि सबसे पहले फर्स्ट वाला फ्रोंग खायेंगे। यही डिफ़रेंस है सक्सेसफुल लोगो और फेलियर्स के बीच में। हर कोई टालमटोल करता है, किस बात पर टालमटोल करनी है आप वो चूज़ करे। ना बोलना भी एक आर्ट है और आपको ये सीखना ही होगा ! हर वो चीज़ जो आपके काम की नहीं है, जो आपको अपने गोल की तरफ नहीं ले जाती, उसे ना बोल दे। अपनी लाइफ से टाइम कन्ज्यूमिंग एक्टिविटीज़ को कट डाउन कर दे जैसे कि टेलिविज़न देखने के बजाये कोई काम की बुक पढ़े।
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एबीसीडी मेथड कोंटीन्यूअली यूज़ करे(Use the ABCDE Method Continually)
क्या आपके पास खाने को ढेर सारे फ्रोंग्स है? एबीसीडी मेथड! जैसा कि नाम से ही पता चलता है ए (A) आपका सबसे इम्पोर्टेंट फ्रॉग है बी(B) वो टास्क है जो आपको करना चाहिए लेकिन अगर आप नहीं भी करते है तो लाइफ में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। दुसरे वर्ड्स में ये आपके लिए मस्ट(must) नही है। सी(C) ऐसा टास्क है जिसे करना ठीक रहेगा लेकिन इसे ना करना आपकी लाइफ को बिलकुल भी अफेक्ट नहीं करने वाला। डी(D) एक ऐसा टास्क है जो आप किसी दुसरे को असाइन(assign) कर सकते है। ई(E) वो टास्क है जो आप अबोलिश(abolish) कर सकते है और ये आपकी लाइफ में कोई इम्पैक्ट नहीं डालेगा। आपको काफी स्ट्रीकनेस(strictness) दिखानी पड़ेगी जिससे कि आप अपना टास्क इमीडीएटली(immediately) स्टार्ट कर दे और जब तक पूरा ना हो तब तक ना रुके।