(Hindi) ONE-ON-ONE WITH ANDY GROVE
इंट्रोडक्शन
क्या आप अपने बॉस से डील करने का सीक्रेट तरीका जानना चाहते है? क्या आप खुद को इम्प्रूव करना चाहते है? ऑफिस में अपने को-वर्कर्स के साथ अनबन होने के बावजूद उनके साथ एक हर्मोनियस रिलेशनशिप कैसे मेंटेन करे, ये जानना चाहते है? क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है कि क्यों कुछ मैनेजर्स अपने डिफरेंट बिहेवियर के बावजूद स्कसेसफुल रहते है जबकि बाकि मैनेजर्स फेल हो जाते है? अगर आप भी इन सवालों के जवाब ढूंढ रहे है तो ये बुक समरी खास आपके लिए है.
वन ऑन वन विथ एंडी ग्रोव एक ऐसी बुक है जो आपको एक ऐसा बॉस बनने के जो बॉस होते हुए भी बॉसी नहीं है, प्रेक्टिकल टिप्स देगी और आपको ये भी सिखाएगी कि कैसे आप अपने को-वर्कर्स के साथ हार्मोनियस रिलेशन मेंटेन करते हुए एक बेस्ट एम्प्लोई बन सकते है.
इस समरी में आपको वर्क प्रॉब्लम से रिलेटेड कई तरह के ऐसे सवाल मिलेंगे जो दुनिया भर से लोगों ने ऑथर को भेजकर उनके जवाब मांगे है और इस बुक के ऑथर एंड्रू एस. ग्रोव ने भी उन सारे सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश की है. वो आपको बताएँगे कि उनके पास आपके लिए क्या एडवाइज है और आपको जो भी प्रॉब्लम है उन्हें अप्रोच करने का बेस्ट तरीका क्या है.
एंडी ग्रोव आपकी प्रॉब्लम सोल्व करने के लिए वो सही स्टेप लेने में आपकी मदद करेंगे जो आपको वाकई में लेने चाहिए. वो आपको बतायेंगे कि आपको कहाँ क्या चेंज लाना है और कैसे चीजों को मेंटेन करना है. इस बुक समरी को पढकर आपको शायद एक-आध लोगों की प्रोब्लम्स से रिलेट कर सकते है क्योंकि ये रियल लाइफ प्रॉब्लम है जो हम सबको लाइफ में कभी ना कभी फेस करनी पडती है. तो आइए! मौके का फायदा उठाते हुए क्यों ना हम एंडी ग्रोव से कुछ ऐसी स्किल्स सीखे जो एक मैनेजर या बिजनेस ऑनर के तौर पर हमारे काम आये.
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MANAGERS COME IN ALL SHAPES AND STYLES
एक सक्सेसफुल मैनेजर कैसे बना जाए, ये अभी तक एक मिस्ट्री है. लोगों के एक ग्रुप को लीड करके उन्हें अपनी कंपनी की ग्रोथ में भागीदार बनाना एक बहुत बड़ा चैलेंज है. मैनेजर हर टाइप के होते है, कुछ extrovert तो कुछ इंट्रोवर्ट, डायनामिक या cautious, पेशेंट या इमपेशेंट, यहाँ तक कि खुशमिजाज़ और बोरिंग भी.
ये बात ज्यादा मैटर नहीं करती कि मैनेजर की पर्सनेलिटी कैसी है बल्कि क्रिटिकल फैक्टर तो ये है कि इफेक्टिव मैनेजर्स अपनी अचीवमेंट्स की वजह से भीड़ में अलग पहचान बनाते है नाकि अपनी पर्सनेलिटी की वजह से.
तो इस चैप्टर में हम एक सवाल पर चर्चा करेंगे जिसे एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट ने भेजा है. वो कहता है कि उसे भी एक दिन मैनेजर बनना होगा. लेकिन उसका सवाल ये है कि एक सक्सेसफुल मैनेजर बनने के लिए कौन सी डिफरेंट क्वालिटीज़ होनी चाहिए.
एंडी ग्रोव कहते है कि हालाँकि मैनेजरियल पोजिशन के बारे में पुछा जाने वाला ये सबसे कॉमन क्वेश्चन है, लेकिन इस सवाल का कोई फिक्स आंसर नहीं है. जैसे कि लोगों में एक बड़ी गलतफहमी ये है कि सक्सेसफुल मैनेजर बनने के लिए एक खास तरह से एक्ट करना चाहिए या एक particular ढंग से पेश आना चाहिए पर असल में ऐसा कुछ भी नहीं है.
कई बार डिफरेंट सिचुएशन के हिसाब से इंसान को डिफरेंट अप्रोच लेनी पडती है जो टाइम टू टाइम के हिसाब से चेज होती रहती है. बेशक कुछ ऐसी खूबियाँ है जो एक मैनेजर बनने के लिए इंसान में होनी चाहिए जैसे कॉम्पीटेंस, ऑनेस्टी, पेशेंस, मेहनत और लगन तो भी इन फंडामेंटल कवलिटीज़ के अलावा कोई और ऐसी खूबी नहीं है जिसका डायरेक्ट रिश्ता आपके सक्सेसफुल मैनेजर बनने से है.
एंडी ग्रोव कहते है वो हर टाइप के मैनेजर के साथ काम कर चुके है, और उन्होंने उनमे से बहुतों को सक्सेसफुल या फेल होते देखा है जिसमे उनकी खुद की पर्सनेलिटी का डायरेक्ट कोई रोल नहीं था. अब जैसे एक्जाम्पल के लिए आपके फेल या सक्सेसफुल होने में आपकी एक्स्ट्रोवर्ट पर्सनेलिटी का कोई हाथ नहीं है.
असल में ये बात जरा भी मैटर नहीं करती कि आप किस टाइप के मैनेजर है, जब तक कि आप अपने वर्कप्लेस में डिजायरेबल रीज्ल्ट्स दे रहे है और कंपनी की उम्मीदों पर खरे उतर रहे है.
दुनिया में हर कोई एक जैसा नहीं है, सब किसी ना किसी रूप में एक दुसरे से अलग है, हर किसी की अपनी खूबियाँ और खामियां होती है. लोग अपनी काबिलियत को काम में लाने के लिए जो उन्हें सबसे बेस्ट लगता है उस तरीके से, या मेथड या टेक्नीक से काम करते है और इस तरह वो सक्सेसफुल होते है.
हो सकता है कि कोई मैनेजर अपनी किसी खूबी या आदत के चलते सक्सेसफुल बन गया हो लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं कि वही खूबी या आदत बाकि मैनेजर्स को भी उसी तरह से सक्सेसफुल बना सकती है.
इसलिए अपने अंदर की खूबियों को पहचानो और एक बैटर, इफेक्टिव और सक्सेसफुल मैनेजर बनने के लिए अपने स्ट्रोंग पॉइंट्स का फायदा उठाओ.