(Hindi) Year of Yes: How to Dance It Out, Stand In the Sun and Be Your Own Person
इंट्रोडक्शन(Introduction)
क्या आप अमेरिकन टीवी शोज़ जैसे Scandal, How to Get Away with Murder और Grey's Anatomy के फैन हैं? अगर हाँ तो आपको ये बुक काफ़ी दिलचस्प लगेगी क्योंकि इस बुक की ऑथर शोंडा राईम्स इन popular शोज़ की राइटर और प्रोडूसर हैं और ये बुक उनकी बायोग्राफी है. आप सोच रहे होंगे कि वो एक luxurious लाइफ जी रही होंगी क्योंकि वो रिच और फेमस हैं लेकिन ये बुक इस बारे में नहीं है कि उन्होंने अपनी सक्सेस कैसे हासिल की. ये बुक इस बारे में है कि सक्सेस के बाद क्या क्या होता है. घंटों हार्ड वर्क करने का स्ट्रेस, अपने बच्चों के साथ समय ना बिता पाना और किसी भी चीज़ को एन्जॉय ना करने के बाद जो सक्सेस मिलती है वो अपने साथ और क्या क्या लेकर आती है.
इस दुनिया में कई लोगों का मानना है कि अगर हमने किसी ख़ास गोल को अचीव कर लिया तो हम ख़ुश हो जाएँगे.लेकिन अक्सरउसे हासिल करने के बावजूद भी वो दुखी रहते हैं. इसका कारण है कि वो नए चांस लेना बंद कर देते हैं. वो ख़ुद के लिए एक बबल बना लेते हैं जिसमें वो सेफ़ फील करते हैं और ख़ुद को चैलेंज करना बंद कर देते हैं.
ये बुक इस बात की कहानी है कि कैसे शोंडा ने हर चीज़ के लिए no कहना बंद कर वो अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलीं. ये बुक बहुत सच्चाई से लिखी गई है और ये आपको कई वैल्युएबल लेसन सिखाएगी जिससे आप अपने सच को ख़ोज पाएँगे. इस बुक में आप ये भी सीखेंगे कि अपने लाइफ को better तरीके से एन्जॉय करने लिए ख़ुद को कैसे चैलेंज करें.
सिर्फ़ इसलिए कि लाइफ हमेशा फेयर नहीं होती, ख़ुद को अनलकी ना कहें.हर दिन आपके सामने आने वाली opportunity को हाँ कहने का ज़ज्बा पैदा करें और ये कैसे करना है वो आपको शोंडा की कहानी सिखाएगी.
नो(No)
क्या आपको वो समय याद है जब आपके सामने एक गोल्डन opportunity आई और आपने उसे मना कर दिया ? शायद आपको याद तक नहीं होगा क्योंकि वो एक automatic रिप्लाई था.
हम औमतौर पर उन opportunities के बारे में नहीं सोचते जो लाइफ हमें ऑफर करती है. जिन मोमेंट्स को हमें एन्जॉय करना चाहिए उन्हें हम एन्जॉय नहीं करते, जो जॉब ऑफर्स हमंऑ मिलती हैं हम उन्हें एक्सेप्ट नहीं करते, क्यों? क्योंकि हम बस ये जताते रहते हैं कि हम बिजी हैं, हम घर संभालने में बिजी हैं, बच्चों को बड़ा करने में बिजी हैं. हम बिजी हैं इसलिए हम कई मीटिंग्स और पार्टीज को यूहीं रिजेक्ट कर देते हैं.कई मौके हमारे लाइफ में ऐसे होते हैं जिन्हें हम once in a lifetime opportunity कहते हैं लेकिन फ़िर भी हम कोई ना कोई बहाना ढूंढ कर उसे मना कर देते हैं.
इस मामले में शोंडा हमसे अलग नहीं है. वो हमेशा हर चीज़ को no कहने के लिए जानी जाती है.उन्हें तब तक इस बात का एहसास नहीं हुआ जब तक उनकी बड़ी बहन ने उन्हें एक पार्टी के दौरान इसका एहसास नहीं दिलाया.बहुत रात हो चुकी थी और उनकी बड़ी बहन किचन में काम कर रही थीं. उस वक़्त शोंडा के तीन बच्चे थे.वो उनकी देखभाल भी कर रही थीं और अपनी बहन की मदद करने की कोशिश भी कर रही थी. वो दोनों इधर उधर की बातें कर रहे थे और एन्जॉय कर रहे थे.
शोंडा अपनी बहन को बता रही थी कि कितने लोग चाहते थे कि वो उनके टीवी शो में आए और ना जाने कितने लोग थे जो उनका इंटरव्यू लेना चाहते थे.उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें कई VIP पार्टीज और इवेंट्स में इनवाईट किया जाता था. वो काफ़ी popular थीं और अच्छा ख़ासा कमा रही थीं.
उनकी बहन खाना बनाने में इतनी मगन थीं कि उन्होंने शोंडा की बातों पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया. उन्होंने सिर्फ़ एक सवाल पूछा, “तुमने आज तक इनमें से कितने इवेंट के लिए हाँ कहा है”? शोंडा ये सुन कर चौंक गई. उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनकी बहन ऐसा कोई सवाल पूछेगी ख़ासकर जब वो इतनी देर से चुप थीं.
शोंडा ने ध्यान से सोचा. उन सभी अमेज़िंग opportunities को रिजेक्ट करने के लिए उन्हें एक वाजिब बहाना ढूँढने की ज़रुरत थी. इसलिए उन्होंने कहा कि वो अकेले अपने दम पर तीन बच्चों को बड़ा करने में काफ़ी बिजी थीं और उसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी.
उनकी बहन ने उनकी ओर देखा और कहा कि वो अकेली नहीं थी, उनका परिवार और उनके दोस्त हमेशा उनके बच्चों की देखभाल करने के लिए मौजूद थे. यहाँ तक कि उनके पास एक भरोसेमंद आया भी थी.शोंडा कुछ ना कुछ अरेंजमेंट कर उन मौकों को हाँ कह सकती थी. क्योंकि किसी ने सही कहा है कि कुछ मौके सिर्फ़ एक बार ही आपके दरवाज़े पर दस्तक देते हैं. अगर हम उस वक़्त चूक गए तो वो मौका दोबारा कभी नहीं आता.
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मेबी ? (Maybe?)
कभी-कभी जब कोई इंसान जैसे कि एक करीबी दोस्त हमें कोई एडवाइस देते हैं या कुछ करने के लिए पुश करते हैं तो हम ख़ुद को प्रोटेक्ट करने की कोशिश करने लगते हैं. हम मान लेते हैं कि हम अपनी करंट सिचुएशन में ख़ुश हैं इसलिए उसकी एडवाइस को रिजेक्ट कर देते हैं और ऐसे बिहेव करते हैं जैसे कुछ हुआ ही ना हो.
अगर हम गहराई से देखें तो हमें एहसास होगा कि हम सच को एक्सेप्ट करने से डरते हैं. हम में से कोई परफेक्ट नहीं और शायद हम जितना सोचते हैं हमउतने ख़ुश भी नहीं. अगर आप उन लोगों में से हैं जो हमेशा इनविटेशन को मना कर देते हैं तो आपको सीरियस प्रॉब्लम है क्योंकि आप एन्जॉय करने से इनकार कर रहे हैं.
आपको दोबारा सोचने की ज़रुरत है. आपको सोचने की ज़रुरत है कि शायद आपके दोस्त आपके बारे में सही कहते हैं.शायद आपको नए opportunities को एक्सेप्ट कर कुछ अलग ट्राय करना चाहिए.
शोंडा अपनी बहन से बात कर जब घर लौटी तो उस बारे में सब भूल गई. वो उनके लिए सिर्फ़ एक नार्मल बातचीत थी और उन्हें विश्वास था कि वो अपने लाइफ में बिलकुल ख़ुश थी. उन्हें अपने आप से ना कोई शिकायत थी और ना वो अपने बारे में कुछ बदलना चाहती थी. उनके पास जॉब थी, तीन बच्चे थे, बॉयफ्रेंड था और उन्हें हर रोज़ भरपूर नींद मिलती थी. तो उन्हें किसी भी नई चीज़ के लिए हाँ कहने की क्या ज़रुरत थी? उनका जीवन ख़ुशहाल था.
एक दिन शोंडा वाशिंगटन गई. वो Kennedy Center की नई ट्रस्टी थी और सेरेमनी अटेंड करना उनकी ड्यूटी थी. उस दिन जैसे कोई चमत्कार हुआ हो, शोंडा को प्रेसिडेंट और उनकी वाइफ के साथ बैठने के लिए कहा गया. इसके लिए किसी ने शोंडा से पूछा नहीं था, बस उन्हें आर्डर दे दिया था. इसलिए शोंडा को हाँ कहना पड़ा और उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ क्योंकि उन्होंने सच में उस दिन बहुत एन्जॉय किया था. वो सेरेमनी बहुत inspiring था और जब शोंडा वहाँ से लौटीं तो काफ़ी ख़ुश और excited थीं.
उस रात अचानक शोंडा की नींद खुल गई. आधी रात का समय था. आमतौर पर वो बच्चों के रोने की वजह से उठ जाती थी लेकिन उस रात कुछ अलग हुआ.उनके आस पास बिलकुल शांति थी.शोंडा की नींद खुलने का कारण स्ट्रेस था. उन्हें एहसास हुआ कि वो प्रेसिडेंट की बगल में सिर्फ़ इसलिए बैठीं क्योंकि उन्हें आर्डर दिया गया था. लेकिन अगर उन्होंने हर बार की तरह ना कह दिया होता तो?
शोंडा ने गौर से कारण के बारे में सोचा. वो ऐसी opportunity को एक्सेप्ट करने से इनकार क्यों करेगी? अगर वो उसे आर्डर ना देकर उससे पूछते तो वो एक बहाना ज़रूर ढूंढ लेती.
लेकिन शोंडा ने महसूस किया कि इसका असली कारण था वो कुछ नया ट्राय करने से डरती थी. वो लोगों से ज़्यादा मिलना जुलनाया पार्टीज में जाना पसंद नहीं करती थी और आज पहली बार उन्हें इस बात से दुःख हो रहा था.शायद वो उतनी ख़ुश नहीं थीं जितना उन्हें लगता था. ये जैसे उनके लिए एक रियलिटी चेक का मोमेंट था. उन्हें याद आया कि उनकी बहन ने कहा था कि वो कभी किसी चीज़ के लिए हाँ नहीं कहतीं. उनकी बहन सही थी, शोंडा को अब उसकी बात पर यकीन हो गया था. जिंदगी में पहली बार शोंडा को लगा कि उन्हें नई चीज़ें ट्राय करना शुरू करना होगा. शायद उनको अपना नज़रिया बदलना होगा.
अभी हमने जाना कि ना कहने के पीछे का कारण डर होता है. हम डरे हुए हैं क्योंकि हमें अपने कम्फर्ट ज़ोन में रहने की आदत हो गई है. कोई हमें कुछ अलग करने के लिए कहे तो हमें अच्छा नहीं लगता.
लेकिन कभी कभी एक ही चीज़ को बार बार करने से लाइफ में हमारा इंटरेस्ट ख़त्म हो जाता है, हम दुखी फील करने लगते हैं. ऐसी लाइफ से आप कुछ ही दिनों में बोर हो जाएँगे और आपको अकेलापन लगने लगेगा. इसलिए आपको ख़ुद को पुश करने की और चैलेंज करने की ज़रुरत है.
शोंडा को भी जब इस बात का एहसास हुआ तो उन्होंने ख़ुद को बदलने का फ़ैसला किया. उन्होंने डिसाइड किया कि वो अपने रास्ते में आने वाली हर opportunity के लिए हाँ ज़रूर कहेंगी.उन्हें पक्का पता नहीं था कि ऐसा करना उन्हें ख़ुश करेगा या नहीं लेकिन ऐसा करना बदलाव ज़रूर लेकर आएगा. शोंडा को इससे बहुत उम्मीदें थीं और वो अब अपने आप को चैलेंज करना चाहती थी.
अपने बर्थडे पर जब वो उठीं तो उनके बच्चों ने उनके लिए छोटी सी पार्टी की तैयारी की थी. शोंडा ने ब्रेकफास्ट में पूरा केक खा लिया, वो ख़ुश नहीं थीं लेकिन उन्हें नाटक करना पड़ा कि सब कुछ ठीक था.
उसी दिन, उन्होंने अपने गोल की ओर पहला कदम बढ़ाया. उन्होंने अपने बेस्ट फ्रेंड को मैसेज भेजा कि वो पूरे साल हर चीज़ के लिए हाँ कहने वाली थीं. क्योंकि शोंडा काफ़ी disciplined इंसान हैं, उन्होंने इस बात को सीरियसली लिया.अगर वो कुछ करने की ठान लेती हैं तो तब तक नहीं रूकती जब तक वो अपने गोल तक नहीं पहुँच जातीं.
एक हफ़्ते के बाद, शोंडा को एक कॉल आया. वो कॉल Dartmouth College के प्रेसिडेंट का था. वो चाहते थे कि शोंडा जून में कॉलेज के ग्रेजुएशन सेरेमनी में स्पीच दे.
पूरे एक मिनट तक शोंडा को लगा जैसे उनकी सांस अटक गई थी. प्रेसिडेंट जो बोल रहे थे उन्हें कुछ सुनाई नहीं दे रहा था क्योंकि वो इतना डर गई थीं.लेकिन क्योंकि उन्होंने हर चीज़ के लिए हाँ कहने का प्रॉमिस किया था इसलिए उनके पास कोई चॉइस नहीं थी.
शोंडा इतनी नर्वस थी कि वो कापने लगी लेकिन फ़िर उन्होंने हाँ कह दिया और प्रेसिडेंट से उस मामले पर चर्चा करने लगी. कॉल ख़त्म होने के बाद शोंडा सोचने लगी कि हो सकता है कि 6 महीने के बाद उन्हें 10,000 लोगों के सामने स्पीच देने के लिए कहा जाए. ये सोच कर वो और डर गईं. लेकिन उनके पास ख़ुद को prepare करने के लिए अभी काफ़ी वक़्त था. उन्होंने सोचा कि एक बार तो हाँ कह दिया लेकिन अब दोबारा वो ऐसा नहीं करेंगी. ये सोच कर शोंडा काफ़ी सेफ़ फील कर रही थी. लेकिन उन्हें क्या पाता था कि उनकी अगली स्पीच लाइव टीवी पर होने वाली थी.
कुछ समय बाद उन्हें एक और इनविटेशन मिला, उन्हें जिमी किमेल के शो पर बुलाया गया था. एक बार फ़िर उन्होंने सोचा कि “मैंने ख़ुद से हाँ कहने के लिए प्रॉमिस किया है इसलिए मेरे पास कोई चॉइस नहीं है.”