(hindi) How I Raised Myself from Failure to Success in Selling

(hindi) How I Raised Myself from Failure to Success in Selling

इंट्रोडक्शन

आप लोगों को कैसे मनाते हैं? क्या ऐसा कोई तरीका है जिससे आप जो भी बेचे, लोग उसके लिए हमेशा “हाँ” ही कहें ? आपको शायद यकीन न हो, लेकिन आपमें ऐसा ही हुनर मौजूद होता हैं. बाकी हर चीज की तरह, बेचने का प्रैक्टिस किया जा सकता हैं.

इस बुक में, आप जानेंगे कि सही नज़रिया रखना क्यों ज़रूरी हैं. आपको ये जानकर हैंरानी होगी कि आपका जोश आपको कितनी दूर तक ले जा सकता हैं. आप अपने कस्टमर्स से बात करने के अलग-अलग तरीके भी सीखेंगे. बेचने का मतलब सिर्फ किसी को कुछ खरीदने के लिए राजी करना नहीं हैं. ये अपने सोच और विचार, अपने आईडियास का लेन-देन भी हैं, जो एक दिलचस्प बात हैं.

बेचना उतना मुश्किल नहीं हैं जितना आप सोचते हैं. दुनिया के सबसे बड़े सेल्समैन में से एक के टिप्स सुनकर अपने सफ़र  की शुरुवात कीजिए.

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ऑथर फ्रैंक  बैट्जर  शुरू में सेल्समैन नहीं थे. वो एक बेसबॉल प्लेयर थे. वो एक टीम से दूसरे टीम में जाते रहे क्योंकि उनका मैनेजर उन्हें पसंद नहीं करता था. लेकिन इसका क्या कारण था? ऐसा इसलिए था क्योंकि फ्रैंक आलसी थे. वो मैदान में ऐसे घूमते थे जैसे वो एक बड़े खिलाड़ी हों जो कि वो नहीं थे. फ्रैंक अभी भी अपना करियर बना रहे थे.

फ्रैंक अपने बचाव में ये कहते हैं कि वो अपनी घबराहट को छिपाने की कोशिश में मैदान में ऐसे घूमते थे. वो तब तक ऐसा करते थे जब तक उन्हें कॉन्फिडेंस नहीं मिलता था. उनके मैनेजर का कमेंट कि वो आलसी हैं, इसने उन पर गहरा असर किया था. इसलिए, उन्होंने कॉन्फिडेंट होने की एक्टिंग शुरू कर दी. फिर, फ्रैंक ने हर गेम में अपना बेस्ट परफॉरमेंस दिया.

उनकी परफॉरमेंस को लोगों ने नोटिस किया. उनके टीम के साथी उनके जोश से काफी इम्प्रेस्स हुए थे. इसकी वजह से फ्रैंक और उनकी टीम लगातार मैच जीतते रहे. उनके बारे में लोकल न्यूज़ पेपर में भी लिखा गया था. फ्रैंक को अब कुछ भी नहीं रोक सकता था. ऐसा इसलिए हो पाया था क्योंकि अब, फ्रैंक अपने हर मैच में 100 % देते थे.

हालाँकि, एक हाथ की चोट ने फ्रैंक के बेसबॉल करियर को खत्म कर दिया था. वो परेशान तो हुए थे, लेकिन फ्रैंक ने कुछ नया करने की कोशिश करने का फैसला किया. फिर उन्होंने लाइफ इंश्योरेंस बेचना शुरू किया. शुरू में, उन्हें वही पुरानी प्रॉब्लम हुई. फ्रैंक बेचने के मामले में बहुत ज़्यादा एक्ससाइटेड नहीं थे.

कई लोगों ने उन्हें ठुकरा दिया था. इसने फ्रैंक को निराश किया. दस महीने तक वे इस बात से परेशान रहे थे. वो एक भी इंश्योरेंस पैकेज बेचने में नाकाम हुए थे. लेकिन फ्रैंक ने खुद का हौंसला बढ़ाने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने खुद पर ज़ोर लगाया. और, बेसबॉल की ही तरह, वो इसमें भी कामयाब हुए. उनके जोश और हौसले ने उन्हें कामयाबी दी थी.

सिर्फ दो महीनों में, फ्रैंक ने 50,000 डॉलर का लाइफ इंश्योरेंस बेचा था. इससे फ्रैंक जोश और कॉन्फिडेंस से भर गए. लेकिन जल्दी ही वे अपना रास्ता भटक गए थे. इन दिनों  फ्रैंक के चेहरे पर परेशानी साफ़ झलकती थी कि आखिर वे कहाँ गलत थे.

उन्हें इस सवाल का जवाब अपने पुराने रिकॉर्ड में मिला. फ्रैंक ने अपने द्वारा किए गए कॉल का रिकॉर्ड रखना शुरू कर दिया. एक साल में, उन्होंने 1,849 कॉल किए. उन्होंने देखा कि जिन कॉल्स में वो इंश्योरेंस बेच पाए थे, वो आम तौर पर किसी के साथ उनका पहला कॉल होता था. सेल के लिए फ्रैंक की तीसरी कॉल सिर्फ 7% कामयाब हुई थी.

इससे वो कन्फ्यूज्ड थे. उन्हें तीन या उससे ज़्यादा बार किसी के साथ बात करने की ज़रूरत ही क्यों पड़ी? उन्होंने ऐसे लोगों के साथ बड़ी मुश्किल से सेल्स की थी. लेकिन उन्हें एक अहसास हुआ. फ्रैंक को ज़ोरों-शोरों से कस्टमर ढूंढ़ने थे. कस्टमर उनके दरवाजे पर दस्तक देकर खुद नहीं आने वाले थे. भले ही वे धीरे-धीरे कस्टमर बना रहे थे, लेकिन इसके लिए फ्रैंक को कॉल करने की ज़रूरत पड़ती थी. लेकिन अगर उन्होंने कोशिश ही नहीं की, तो वो बेचेंगे कैसे?

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फ्रैंक जॉन स्कॉट एंड कंपनी के सामने खड़े थे. ये कहना कम होगा कि वो बहुत नर्वस थे. ये कंपनी एक जानी मानी ग्रोसरी डिस्ट्रीब्यूटर थी. इसके सीईओ को लाइफ इंश्योरेंस बेचने की कोशिश करने वाले फ्रैंक पहले सेल्समैन नहीं थे. लेकिन फ्रैंक इस बात से डरे नहीं. उन्होंने सोचा कि अगर वो कोशिश नहीं करेंगे तो बेचेंगे कैसे?

ये कोई हैरानी की बात नहीं थी कि कंपनी के मालिक जॉन स्कॉट तब बिजी थे. जॉन से बात करने के लिए फ्रैंक को थोड़ी देर इंतजार करना पड़ा. शुरुवात से ही, फ्रैंक को ठुकरा दिया गया, क्योंकि जॉन स्कॉट के पास पहले से ही इंश्योरेंस था. उन्होंने सालों पहले ही पेमेंट कर दी थी. उनके फैमिली के पास भी इंश्योरेंस कवर पहले से ही था.

लेकिन इस बात ने फ्रैंक को कोशिश करने से नहीं रोका. उन्होंने जॉन से काम के अलग उनके इंटरेस्ट के बारे में पूछा. क्या जॉन किसी चैरिटी को सपोर्ट करते थे? अगर हाँ, तो जॉन के गुज़र जाने के बाद चैरिटी का क्या होगा? उनके चैरिटी सबसे ज़्यादा उनके दान पर ही चलते थे. फ्रैंक को समझ आ गई थी कि उन्होंने अपनी बातों से जॉन का ध्यान अपनी ओर खिंचा था. जॉन ने फ्रैंक को अपनी बात को डिटेल में समझाने के लिए कहा.

फ्रैंक ने अपनी कंपनी की इंश्योरेंस प्लान के बारे में बात की. उसके मुताबिक जब जॉन इस दुनिया से चले जाएंगे, तब भी जॉन की अलग-अलग चैरिटी को हर महीने चेक मिलती रहेगी.  यही नहीं, जॉन को पांच साल बाद 5,000 डॉलर भी मिलेंगे. इसके लिए बस जॉन को इंश्योरेंस प्लान के लिए एडवांस पेमेंट करना होगा. फ्रैंक ने जॉन को इंश्योरेंस की कीमत बताई. कीमत  सुनकर जॉन हैंरान हुए. वो कभी भी उतनी बड़ी पेमेंट नहीं करेंगे.

लेकिन फ्रैंक अपनी जगह कायम रहे. उन्होंने उन चैरिटी के बारे में ज़्यादा बात की जो जॉन के लिए बहुत मायने रखते थे. फ्रैंक ने बड़े जोश से उन चैरिटी के बारे में सवाल पूछे. जॉन की बातों को फ्रैंक ने ध्यान से सुना. आखिर में, फ्रैंक अपने चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ घर लौटे. जॉन स्कॉट के इंश्योरेंस का 8,000 डॉलर का चेक फ्रैंक के हाथ में था.

फ्रैंक की कंपनी इससे बहुत impress हुई. उन्होंने फ्रैंक को बधाई दी और उनसे टिप्स भी मांगे. सेल्स इतनी बड़ी थी कि फ्रैंक को एक कन्वेंशन में बोलने के लिए इन्वाइट किया गया. दूसरे नौजवान सेल्समैन ये जानने के लिए बेचैन थे कि उन्होंने आखिर ये कैसे किया.

कन्वेंशन के दौरान, फ्रैंक ने एक बात सीखी. एक सेल्समैन के तौर पर ये बात अपने पूरे करियर में उनके साथ रहा.

इंसान हमेशा कुछ न कुछ चाहता हैं. आपकी चाहत आपको बेहतर बनने के लिए इंस्पायर करती हैं. इस बात का फायदा आप अपने सेल्स को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं. आपका कस्टमर क्या चाहता हैं? बेशक, कस्टमर बहुत से चीजें चाहते हैं. बहुत कुछ ऐसा भी होता हैं जो आप कस्टमर को नहीं दे पाते हैं. उन्हें तब तक अपनी बातें कहने दें जब तक आप अपना सेल्स कर नहीं लेते और उनकी इच्छा को भी पूरी नहीं कर लेते.

फ्रैंक ने जॉन के साथ यही किया था. फ्रैंक ने सवाल पूछे. उन्होंने देखा कि जॉन समाज सेवा में भाग लेते थे. इसलिए, उन्होंने जॉन के चैरिटी पर फोकस दिया. फ्रैंक जिस कंपनी के लिए काम कर रहे थे, उनके पास अलग-अलग इंश्योरेंस प्लान थे. फ्रैंक ने एक ऐसा प्लान बताया जो जॉन के चैरिटी का ख़याल रख सकती थी.

मान लीजिए फ्रैंक को जॉन के बारे में कुछ पता नहीं होता. फिर तो फ्रैंक दूसरे नाकाम इंश्योरेंस एजेंट जैसे होते. अपने कस्टमर को जानना आपको एक कामयाब सेल्स दे सकता हैं. तब से, फ्रैंक ने इसे अपने काम का एक ज़रूरी हिस्सा बना लिया.

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