(hindi) Kaidi

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चौदह साल तक लगातार मानसिक और शारीरिक तकलीफ भोगने के बाद आइवन ओखोटस्क जेल से बाहर निकला; पर उस परिंदे की तरह नहीं, जो शिकारी के पिंजरे से पर कटाकर  निकला हो बल्कि उस शेर की तरह  जिसे पिन्जरे की दीवारों ने और भी ज्यादा खूंख्वार और खून का प्यासा बना दिया हो। उसके दिल में एक आग लगी थी जिसकी लपटों ने उसके ताकतवर और लोहे से मजबूत जिस्म को और दिल के जज्बातों को जला कर राख कर डाला था और आज उसके एक-एक नस में चिंगारी भरी हुई थी.

वो भूख से बेहाल हुआ जा रहा था. बगावत का तूफ़ान उसके चेहरे से झलक रहा था. जेलर ने उसका वज़न तौला. जेल में आते वक्त हट्टा कट्टा था, आज कमज़ोर होकर बाहर निकला था। जेलर ने हमदर्दी दिखाते हुए उससे कहा “ तुम बहुत कमज़ोर हो गये हो, आइवन। अगर जरा भी बीमार पड़े तो बुरा होगा। आइवन ने अपने हड्डियों के ढॉचे जैसे जिस्म को बड़े नाज़ से देखा और खुद के अंदर एक ज़लज़ला  सा महसूस करते हुए जवाब दिया” क़ौन कहता है कि मैं कमज़ोर हो गया हूँ ?’
'तुम खुद देख रहे होगे” जेलर बोला।
'दिल की आग जब तक नहीं बुझेगी, आइवन नहीं मरेगा, मि. जेलर, सौ साल तक भी नहीं, यकीन रखिए” आइवन ने जवाब दिया।

आइवन ऐसी ही बहकी-बहकी सी बातें किया करता था, इसलिए जेलर ने उसे ज्यादा भाव नही दिया। वैसे भी सबको लगता था कि वो आधा पागल है । कुछ लिखा-पढ़ी के बाद उसके कपड़े और किताबे मँगवा कर उसे दे दिए गए । पर उसके पहले के सूट अब किसी और के लगते थे । कोटों की जेबों से कई सारे रुपए निकले, कई नगद रूबेल। उसने सबकुछ वहीं जेल के वार्डरों और साफ़-सफाई करने वालो मुलाज़िमों को दे दिया । ऐसा लग रहा था जैसे उसे कोई राज मिल गया हो और उसे अब इन चीजों की जरूरत ही नहीं है ।

जेलर ने कहा, ‘यह नहीं हो सकता, आइवन ! तुम सरकारी मुलाज़िमों को घूस नहीं दे सकते।‘
आइवन बच्चो की तरह मासूमियत से हसंते हुए बोला” यह घूस नहीं है, मि. जेलर ! घूस देकर अब मुझे इनसे क्या फायदा होगा ?  नाराज़ होकर अब ये मेरा क्या बिगाड़ लेंगे और खुश होकर मुझे क्या दे देंगे ? ये कोई घूस नहीं बल्कि इनकी रहमदिली का ईनाम है जिसकी वजह से मेरा यहाँ चौदह साल तो क्या चौदह घंटे रहना भी मुश्किल हो जाता।‘

जब वह जेल के दरवाजे से बाहर निकला तो जेलर और बाकि मुलाज़िम उसे गाड़ी तक पहुँचाने आए ।
कोई पन्द्रह साल पहले की बात है । आइवन मास्को के एक बेहद अमीर और खानदानी घर का लाड़ला बेटा था । उसने स्कूल में ऊँची तालीम पायी थी साथ ही वो खेल-कूद में भी काफी माहिर था । वो एक नर्मदिल, बेखौफ और खुशमिजाज़ नौजवान था। दिल शीशे सा साफ़ था, किसी कमज़ोर पर ज़ुल्म होते नहीं देख सकता था और बहादुर इतना कि बड़े से बड़े तूफ़ान का सामना कर जाए । उसके साथ हेलेन नाम की एक लड़की पढ़ती थी, जिस पर स्कूल के के सारे लड़के जान देते थे।

वह जितनी  हसीन थी, उतनी ही तेज़-तर्रार भी. अपने ही ख्यालो में खोई रहती थी पर अपने ज़ज्बात दिल की गहराईयों में छुपा कर रखती थी । ये कहना मुश्किल था कि उसे आइवन में ऐसा क्या नजर आया जो वो उस पर दिलो-जान से फ़िदा हो गई। दोनों में ज़मीन-आसमान का फर्क था । आइवन घूमने-फिरने वाला और शराब का शौकीन था तो हेलेन शेरो-शायरी और नाच-गाने पर जान देती थी।

आइवन की नज़रो में पैसा सिर्फ और सिर्फ दोनों हाथो से उड़ाने वाली चीज़ थी जबकि हेलेन अव्वल दर्जे की कंजूस थी । आइवन के लिए स्कूल का लेक्चर-हॉल किसी जेल से कम नहीं था और हेलेन इसी समुंद की मछली थी । उन दोनों की फितरत में जमीन-आसमान का फर्क था और यही फर्क उन्हें एक दुसरे के करीब खींच लाया था जो आखिरकार उनकी मोहब्बत का सबब बन गई ।

जब आइवन ने हेलेन से अपने प्यार का इज़हार करते हुए उससे शादी करने की मर्ज़ी ज़ाहिर की तो हेलेन भी मना नही कर सकी. दोनों किसी शुभ घड़ी में शादी करके सुहागरात मनाने के लिए किसी सुंदर सी पहाड़ी जगह पर जाना चाहते थे. अभी उनके ख्वाब पूरे भी नहीं हुए थे कि अचानक सियासी उठा-पटक ने उनकी जिंदगी को अपनी लपेट में ले लिया । हेलेन तो पहले से ही वतनपरस्त थी, उसकी देखा-देखी आइवन भी उसके रंग में रंग गया । वो रईस खानदानी लड़का था और उसके लिए आम लोगो का साथ देना काफी मुश्किल फैसला था । वो जब कभी इस कशमकश में उलझ कर मायूस होता तो हेलेन उसे हौंसला बंधाती थी और आइवन उसकी बेपनाह मोहब्बत और जूनून देखकर अपनी कमजोरी पर शर्मिंदा हो उठता।

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इसी दौरान उक्रायेन ईलाके में एक बड़ा ही ज़ालिम और बेरहम गवर्नर मुकर्रर हुआ था जिसका नाम था रोमनाफ । रोमनाफ वतनपरस्तों का कट्टर दुश्मन था । दिन में जब तक दो-चार बागीयों को जेल ना भेज दे, उसे चैन नही आता था । आते ही उसने कई प्रेस के सम्पादकों पर सरकार के खिलाफ बगावत का ईल्ज़ाम लगाकर उन्हें साइबेरिया की जेल में डलवा दिया था।

कई किसान सभाएँ तोड़ दीं, शहर की म्युनिसिपैलिटी तोड़ दी और जब आम जनता इस मनमानी के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाने के लिए एकजुट हुई तो उसने पुलिस को भीड़ पर गोलियाँ चलाने का हुक्म दे दिया जिसमे कई बेगुनाह और मासूम लोग मारे गए। ईलाके में मार्शल लॉ लगा दिया गया । सारे शहर में अफरा-तफरी का माहौल फैला हुआ था । पुलिस की तलाशी जारी थी, लोगो को जबरन धमकाया जा रहा था और उनसे मारपीट की जा रही थी । डर के मारे लोग घरो में बंद हो गए थे ।

ऐसे मौके पर हेलेन ने बड़े सख्त तेवर में कहा” ये तो सरासर ज़ुल्म है, ये नाइंसाफी अब देखी नही जाती। आइवन, कोई तो रास्ता होगा इस ज़ुल्मो-सितम से बचने का”
आइवन ने सवालिया नजरो से उसकी तरफ देखा” हम कर ही क्या सकते हैं ?
हेलेन उसकी खामोशी पर चिढ़ कर बोली” तुम कहते हो, हम क्या कर सकते हैं ? मैं कहती हूँ, हम सबकुछ कर सकते हैं। मैं इन्ही हाथो से उसे खत्म कर दूँगी”

आइवन ने उसे हैरानी से देखा” तुम्हे क्या लगता है? उसे कत्ल करना आसान है ?  वह कभी खुली गाड़ी में नहीं निकलता। उसके आगे-पीछे हमेशा उसके सौ रखवाले रहते है। रेलगाड़ी में भी वह रिजर्व डब्बों में सफर करता है ! मुझे तो ये नामुमकिन लगता है हेलेन, बिल्कुल नामुमकिन”

हेलेन चुपचाप चाय बनाने लगी । फिर दो प्याले मेज पर रखकर उसने प्याला मुँह से लगाया और धीरे-धीरे पीने लगी। वो कहीं गहरे ख्यालों में गुम थी । अचानक उसने चाय की प्याली मेज पर रख दी । उसकी बड़ी-बड़ी आँखों में एक चिंगारी नजर आ रही थी। उसने आईवन की तरफ देखते हुए कहा ‘इस सब के बावजूद मैं उसे कत्ल कर सकती हूँ, आइव ! आदमी अगर चाहे तो अपनी जान पर खेलकर सबकुछ कर सकता है। जानते हो मैं क्या करूँगी ? मैं उसे अपने हुस्न के जाल में फंसाऊँगी, उसका यकीन हासिल करूँगी, उसे इस धोखे में रखूंगी कि मुझे उससे मोहब्बत हो गई है ।

इंसान चाहे कितना भी पत्थरदिल हो, मोहब्बत की चिंगारी उसके दिल में कहीं ना कहीं छुपी रहती है । बल्कि मुझे तो लगता है कि रोमनाफ का ये ज़ुल्मो-सितम उसके दिल की अधूरी ख्वाहिशों का ही अंजाम है और कुछ नहीं। हो सकता है कि किसी हसीना ने उससे बेवफाई की हो और उसका दिल तोडा हो और मोहब्बत में धोखा खाकर उसके दिल में बेइंतहा नफरत पैदा हो गई हो । मै उसके टूटे दिल को जोड़कर उसमे मोहब्बत के फूल खिला दूँगी । जो बाहर से सख्त दिखते होते है, अंदर से खोखले होते है । मेरी एक मुस्कुराहट पर वो दिलो-जान से फ़िदा हो जायेगा ! मुझे यकीन है मै उसे अपने प्यार के जाल में फंसा के अपने ईशारों पर नचा लूंगी। हाँ तुम्हारे जैसे आज़ाद परिंदा फंसाना थोडा मुश्किल है। अगर तुम मानते हो कि मै बदसूरत नहीं हूँ तो मै तुम्हे यकीन दिलाती हूँ कि मुझे अपने मकसद में कामयाबी जरूर मिलेगी । तो बताओ मै हसीन हूँ या नहीं?

हेलेन ने आइवन को तिरछी नजरो से देखते हुए पुछा।
आइवन उसकी इस अदा पे सौ जान से निसार होता हुआ बोला” तुम मुझसे पूछ रही हो हेलेन, मेरी नजरो में तो तुम इस दुनिया की …’

वो बात पूरी करता इससे पहले ही हेलेन उसकी बात काटते हुए बोली‘अगर तुम्हे ऐसा लगता है, तो तुम बेवकूफ हो आइवन ! इस शहर में नहीं बल्कि हमारे स्कूल में ही मुझसे कहीं ज्यादा खूबसूरत लड़कियां है । हाँ, तुम तो यही बोलोगे कि मै बदसूरत नहीं हूँ। तो क्या तुम्हे ये लगता है कि मै तुम्हे दुनिया का सबसे खूबसूरत मर्द समझती हूँ ? कभी नहीं। मैं ऐसे एक नहीं सौ नाम गिना सकती हूँ जो शक्ल सूरत में तुमसे बढ़कर हैं, पर जो बात तुममें है वो किसी और में नही । तो अब तुम मेरा इरादा सुनो। मुझे उसके करीब आने में कोई एक महीना तो लग ही जायेगा फिर वो मेरे फिर घूमने-फिरने लगेगा और फिर एक दिन मै रात में उसके साथ तालाब के किनारे वाले बगीचे में घूमने निकलूंगी । हम एक बेंच पर बैठ होंगे, उसी वक्त तुम रिवाल्वर लेकर आओगे और उसका काम तमाम कर दोगे”

जैसा कि हमने पहले ही जिक्र किया था कि आइवन एक बड़े घर का बेटा था, उसे इस खून-खराबे से भरी बगावत की बातो से कोई मतलब नहीं था । हेलेन की मोहब्बत में पड़कर उसे वतनपरस्तीयों से थोड़ी हमदर्दी हो गयी थी मगर हमदर्दी इंसान को कभी भी मुसीबत में नहीं डालती । उसने खुलकर हेलेन की बातो से इंकार तो नहीं किया पर उसकी बातो से वो इत्तेफाक भी नही रखता था। शक जताते हुए उसने हेलेन से पूछा” ये तो सोचो हेलेन कि इस तरह किसी का कत्ल कर देना क्या इंसानियत है ?’

हेलेन ने एकदम पलटकर जवाब दिया” जो दूसरों के साथ इंसानियत नहीं दिखता, उसके साथ हम क्यों इंसानियत का बर्ताव करे? इस हैवान ने ना जाने कितने घर तबाह हो चुके है और ना जाने कितने और होंगे ?  ना जाने इसने कितने बेगुनाहों की जान ली होगी?  ऐसे शैतान के साथ हमदर्दी करना सरासर गलत होगा । मुझे समझ नहीं आता तुम इतने ठंडे क्यों हो । मेरा तो उस हैवान को देखते ही खून खौलने लगता है । जिस वक्त उसकी सवारी निकलती है तो कसम से मेरी बोटी-बोटी इंतकाम की आग में सुलग उठती है । ऐसे दरिंदे की तो अगर कोई जीते-जी खाल भी खींच ले तो भी मुझे फर्क नही पड़ेगा । कह दो अगर तुम बुजदिल हो तो मैं खुद ही निपट लूंगी । तुम देखना मै कैसे उसे जहन्नुम पहुंचाती हूँ । और कहते-कहते हेलेन का हसीन चेहरा गुस्से से लाल हो गया ।

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