(Hindi) Coco Chanel: Pearls, Perfume, and the Little Black Dress
इंट्रोडक्शन
चैनल नंबर 5, लिटिल ब्लैक ड्रेस, इंटरलॉकिंग C, चेन के स्ट्रैप वाला leather बैग, पर्ल नेकलेस, शोर्ट हेयर और ब्लड रेड लिपस्टिक – ये कुछ ऐसे ट्रेंड हैं, जो कोको चैनल ने फैशन इंडस्ट्री में introduce किए थे, जिसने फैशन को एक नया आयाम दिया था.
तो कोको चैनल आख़िर हैं कौन? क्या वह एक अमीर परिवार से थी? क्या वह सच में किसी की प्रेमिका थी और नाजी सोच से सहानुभूति रखने वाली थी जैसा कि कुछ लोग कहते हैं ? उन्होंने दुनिया में सबसे popular फैशन ट्रेंड कैसे बनाया? उनके अतीत की क्या सच्चाई है?
कोको चैनल जोश और जुनून से भरी एक बिज़नेसwoman, प्रेमीका, फैशन डिजाइनर, और एक एक्स्ट्राऑर्डिनरी औरत थी. इस बुक में, आप उनकी जिंदगी के बारे में जानेंगे जो आपको आश्चर्यचकित भी करेगी और इंस्पायर भी.
I am not an Orphan
कोको चैनल का जन्म 1883 में फ्रांस के सौमर शहर में हुआ था. उनके पिता ड्रग्स बेचने का ग़ैर क़ानूनी काम करते थे और उनकी माँ हाउसवाइफ थीं. जिस दिन कोको का जन्म हुआ, उनके पिता उनके साथ नहीं थे. हॉस्पिटल के कुछ लोगों ने उनका रजिस्ट्रेशन किया. कोई भी उनका असली sirname “Chasnel” ठीक से लिखना नहीं जानता था इसलिए मेयर ने उसे बदलकर “chanel” रख दिया.
कोको का असली नाम गैब्रिएल था, लेकिन उन्होंने अपने जीवन में इस नाम का कभी इस्तेमाल नहीं किया. यहाँ तक कि उन्होंने अपने sirname को भी सही करने की ज़हमत नहीं उठाई. ऐसा इसलिए था क्योंकि कोको नहीं चाहती थी कि लोगों को पता चले कि वह एक बहुत गरीब परिवार से थी. बड़े होने के दौरान, उन्होंने अपने बचपन के बारे में कई मनघडंत कहानियाँ बनाईं.
कोको का परिवार घोडा गाड़ी में एक शहर से दूसरे शहर सफ़र करते थे क्योंकि उनके पिता मार्केट और मेलों में टोपी बेचते थे. कोको की एक बड़ी बहन थी जिसका नाम जूलिया था. बाद में, उनका एक छोटा भाई अल्फोंसो और एक छोटी बहन हुई, जिसका नाम एंटोनिएट था. जब कोको 6 साल की थी तो उनकी माँ अस्थमा के कारण बहुत बीमार हो गईं तब उनके बूढ़े चाचा ने उन्हें अपने घर में रहने के लिए बुलाया.
लेकिन वहाँ पहुँचने के बाद, कोको के पिता को बहुत बोरियत होने लगी. वो बेचैन होकर शराब पीने बार में चले जाते और वहाँ औरतों के साथ फ़्लर्ट और छेड़खानी करते. कभी-कभी वो गायब भी हो जाते. कोको की माँ इससे चिंतित हो गई. एक दिन वो भी अपने पति की तलाश में चली गई. इस तरह, उन्होंने कोको और उनके भाई बहनों को रिश्तेदारों के भरोसे छोड़ दिया. अगर कोको कभी बुरा बर्ताव करती तो उनके रिश्तेदार कहते कि वो उन्हें बंजारों को बेच देंगे.
कुछ सालों बाद, कोको के माता पिता एक साथ लौटे, अब उनके दो और बच्चे थे लुसिएन और ऑगस्टिन. कोको जब 11 साल की थी तो एक कड़ाके की सर्द रात, उनकी माँ को ब्रोंकाइटिस का अटैक आया और दुर्भाग्य से उन्होंने दम तोड़ दिया. कोको और उनके भाई बहनों की देखभाल कोई रिश्तेदार नहीं करना चाहता था. इसलिए यह तय किया गया कि लड़कों को काम करने के लिए खेत में भेजा जाएगा और लड़कियों को अनाथ आश्रम में सिस्टर की निगरानी में रखा जाएगा.
कोको ने कभी इस सच्चाई का ख़ुलासा नहीं किया कि वो अनाथ थी. वो हमेशा अपने बीते हुए कल के बारे में कहानियां बनाती रहती. उन्होंने अनाथालय की दूसरी लड़कियों से कहा कि उनके पिता काम की तलाश में अमेरिका गए हैं और जब वो बहुत पैसा कमा लेंगे तो उन्हें लेने आएँगे. लेकिन ये सब झूठ था, उनके पिता ने उन सब को सिस्टर के पास छोड़ दिया था और वो दोबारा कभी उनसे मिलने नहीं आए.
प्रार्थना और ख़ामोशी, प्रार्थना और ख़ामोशी, कोको अनाथ आश्रम के इस रूटीन से तंग आ गई थी. उन्हें father के सामने घुटने टेक कर अपनी गलतियों के बारे में बताना और उसे स्वीकार करने के काम से नफ़रत थी. अक्सर, वो अपने पाप के बारे में झूठी कहानियां बनाती. वहाँ सभी बच्चे हर दिन सादे कपड़े पहनते थे और कोको को ये बात बिलकुल पसंद नहीं थी.
छुट्टियों में, उन्हें और उनकी बहनों को मौलिन्स में अपने दादा-दादी और वार्निज़ में अपनी मौसी के पास जाने की इजाजत दी गई थी. कोको अपनी दो चाची लुईस और एड्रिएन के बहुत करीब हो गईं थी, वो दोनों उम्र में उनसे सिर्फ़ एक साल बड़ी थीं. कोको और एड्रिएन एक दूसरे को बहनों की तरह मानती थीं. वो एक ही कमरा शेयर करती और सुबह होने तक बातें करती रहतीं.
जब वो टीनएज की उम्र में पहुंचें तो न्यूज़पेपर में छपने वाले रोमांटिक novel भी साथ-साथ पढ़ती थीं. फ़िर वो एक –एक चैप्टर को काटते और उन पन्नों को साथ जोड़ देते. उनकी पसंदीदा कहानी थी “Two Little Vagrant” जो उन ग़रीब लड़कियों के बारे में थीं जो बड़े होने के बाद बहुत अमीर, स्टाइलिश और आकर्षक औरतें बन जाती हैं. उस कहानी के किरदारों ने जो सुंदर कपड़े पहने थे उसका कोको पर गहरा असर हुआ था, वो उससे इंस्पायर होने लगी थीं.
शायद ये नियति थी कि उनकी चाची लुइस एक उम्दा टेलर थीं. उन्होंने कोको और एड्रिएन को टेबल क्लॉथ सिलना, कपड़े पर पट्टियाँ और स्लीव बनाना सिखाया. चाची लुइस मेले से मामूली टोपी लेकर आती और उसे सुंदर से सजाकर एक नया रूप दे देतीं.
1901 में कोको 18 साल की हुईं. वो और उनकी बड़ी बहन जूलिया अनाथ आश्रम में रहने के लिए अब काफ़ी बड़े हो चुके थे. अब वो वहाँ सिर्फ़ तभी रह सकते थे जब वो सिस्टर बनने के लिए राज़ी होते. इसलिए, उनकी दादी ने कोको और जूलिया का एडमिशन नॉट्रे-डेम में करवा दिया, जो मौलिंस में जवान औरतों के लिए एक स्कूल था. वहाँ कोको और जूलिया के हालात ऐसे थे कि रहने और पढ़ाई के ख़र्च को उठाने के लिए उन्हें घर के काम करने पड़ते थे जैसे किचन में सफ़ाई और मदद करना.
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Who has seen Coco?
जब कोको 20 साल की हुई, तो उन्होंने बोर्डिंग स्कूल छोड़ दिया और अपनी चाची एड्रिएन के साथ एक टेलर के रूप में काम करने लगीं. मौलिंस के एक दुकान में वो सोमवार से शनिवार तक काम करते और हर रविवार एक दर्ज़ी की दुकान में भी काम करते. यहाँ कोको और एड्रिएन कुछ आर्मी ऑफिसर्स और जवानों से मिले, जो उन्हें डेट पर ले जाते थे. ये ऑफिसर दर्ज़ी की दुकान पर अपने यूनिफार्म ठीक करवाने आते थे और अक्सर वहाँ काम करने वाली लड़कियों से फ़्लर्ट भी करते थे.
हालांकि, कोको दूसरी लड़कियों की तुलना में कद में छोटी और दुबली पतली थी लेकिन लड़के उनके अनोखे चार्म के कारण मोहित हो जाते थे. एक शाम, कुछ ऑफिसर्स ने कोको और एड्रिएन को एक कैफ़े में इनवाईट किया. ऑफिसर्स को शरारत सूझी और उन्होंने कोको को स्टेज पर जाकर उनके लिए एक गाना गाने के लिए चैलेंज किया. कोको ने उनकी इच्छा पूरी की और एक फ़्रेंच गाना गाया. ऑफिसर्स के साथ-साथ वहाँ ऑडियंस को भी उनकी आवाज़ बहुत पसंद आई.
एटिएन बल्सन (Etienne Balsan) उनके एक चाहने वाले थे. वो ऊँचें पद के सम्मानित ऑफिसर थे. उन पर कोको की अदाओं का जैसे जादू हो गया था. वो उनके प्रेमी बने और अंत तक उनके फैशन ब्रैंड का एक अहम् हिस्सा भी रहे. बल्सन जब आर्मी से रिटायर हुए तो उन्होंने एक बहुत बड़ी प्रॉपर्टी ख़रीदी. उसमें ख़ूबसूरत बँगला, घोड़ों का अस्तबल और कई रेस कोर्स थे. उन्होंने कोको को वहाँ रहने के लिए बुलाया. कोको कई सालों तक वहाँ रहीं.
कोको जानती थी कि बल्सन उन्हें कभी पत्नी का दर्जा नहीं देंगे क्योंकि वो एक ऊँचें और रईस घराने से थे तो ज़ाहिर है कि वो अपनी ही तरह ऊँचें ख़ानदान की लड़की से ही शादी करेंगे. कोको तो बस एक आम टेलर थी जिसका एक रहस्मयी अतीत था.
इसलिए कोको ने बस वहाँ रहने का आनंद लिया. उन्होंने घोड़ों की सवारी करना सीखा. वो पूरा दिन जंगल की सैर किया करती. उस समय औरतें लंबे स्कर्ट पहनती थीं इसलिए घोड़े पर सामने के बजाय घूम कर बैठा करती थीं. लेकिन कोको सबसे अलग थीं, वो सवारी करने के लिए अलग किस्म के पैंट पहनती थीं और ऊपर बल्सन की कालर और बटन वाली शर्ट के साथ उसे मैच करतीं. कोको बिलकुल आदमियों की तरह घुड़सवारी करती थीं.
एक दिन बल्सन उन्हें पेरिस के लॉन्ग चैम्प रेस कोर्स ले गए. वहां ऊँचें घराने की औरतों ने बॉल गाउन और बड़े-बड़े पंखों वाली टोपी पहनी थी, जो उस समय पेरिस की औरतों का फैशन था. वहीँ कोको स्कूल के बच्चे जैसे कपड़े पहने हुए लग रही थीं. उन्होंने एक आम टोपी पहनी थी जिसे काले बो टाई रिबन से सजा कर उन्होंने एक अलग स्टाइल दे दिया था. उनकी टोपी देखकर वहाँ कई रईस औरतों ने उनसे आकर पूछा “आपने ये टोपी कहाँ से ख़रीदी”? यहाँ से कोको के बिज़नेस आईडिया ने आकार लेना शुरू किया.
कोको ने बल्सन के साथ बिताए हुए समय का भरपूर आनंद लिया लेकिन उन्हें एहसास हुआ कि वो अपनी पूरी जिंदगी सिर्फ़ आदमियों के भरोसे नहीं जीना चाहती थीं. अंत में, कोको ने बल्सन से कहा कि वो वापस काम पर जाना चाहती थी. उन्होंने बल्सन को औरतों की पसंद से उनके लिए टोपी डिज़ाइन करने के अपने बिज़नेस आईडिया के बारे में बताया. बल्सन ने उनका साथ दिया और उन्हें अपना बुटीक बनाने के लिए पेरिस में अपने अपार्टमेंट की चाबी थमा दी.