(hindi) TED Talks : The Official TED Guide for Public Speaking

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इंट्रोडक्शन (Introduction)

आर यूं अफ्रेड ऑफ़ पब्लिक स्पीकिंग ( क्या आप पब्लिक स्पीकिंग से डरते हो?) Are you afraid of public speaking?

इस बुक को पढ़ने के बाद आपको पता चलेगा कि पब्लिक स्पीकिंग वो आर्ट है जो हर फील्ड के लोगो को इम्पेक्ट करती है. इस बुक में आप पब्लिक स्पीकिंग के बेसिक्स सीखोगे और वो भी उन टॉपिक्स पर जो आप अपनी ऑडियंस के साथ शेयर करना चाहोगे ताकि वो इंटरेस्ट लेकर आपकी बाते सुनते रहे. इस बुक में आपको ऐसे टिप्स और एडवाईजेस मिलेंगे जो आपको अपने स्पीकर के सामने एक कॉंफिडेंट और शांत स्पीकर बनने में हेल्प करेंगे और आप खुलकर अपने दिल की बात शेयर कर पाओगे.

हमे पूरी उम्मीद है कि इस बुक को पढ़ने के बाद रीडर्स किसी भी फ्यूचर प्रेजेंटेशन, डिस्कसन या पब्लिक स्पीकिंग में बिना नर्वस हुए पूरे कांफिडेंस के साथ अपनी बात रख पायेंगे. आपकी बातो में एक ऐसा चार्म होगा जो आपके लिसनर्स पर जादू सा असर करेगा और लोग आपको बार-बार सुनना चाहेंगे.

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प्रेजेंटेशन लिट्रेसी (Presentation Literacy)

बड़ा अजीब सा लगता है ना जब कुछ बोल रहे हो और सारे लोग आपको ही देख रहे हो. आपकी एक ज़रा सी गलती से आपकी इमेज डाउन हो सकती है. कुछ सर्वेज़ में एक बात सामने आई कि लोगो में पब्लिक स्पीकिंग का बड़ा डर है. यहाँ तक कि लोग सांप या मकड़ी से या फिर उंचाई से भी उतना नहीं डरते जितना वो पब्लिक स्पीकिंग के नाम से डर जाते है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर पब्लिक स्पीकिंग से लोग इतना क्यों डरते है?

दरअसल जब हम पब्लिक में बोलते है तो उस वक्त हमे अपनी रेपूटेशन की सबसे ज्यादा फ़िक्र होती है. हम इस बात से डरते है कि कहीं लोग हमारा मजाक ना उड़ाए. लेकिन अगर हम यही डर अपने दिल से निकाल दे और पूरे कांफिडेंस के साथ बोलेंगे तो लोगो पर एक लॉन्ग लास्टिंग इम्पेक्ट पड़ेगा. जब कोई कांफिडेट वे में बोलता है तो लोगो का सारा ध्यान उसकी बातो पर होता है. लेकिन आपकी बातों में एक सिरियसनेस और लोजिक होना चाहिए.

हम यूं ही पब्लिक के सामने कुछ भी नहीं बोल सकते. खूब अच्छे से प्रेक्टिस करने के बाद ही एक इफेक्टिव स्पीच दी जा सकती है. जब हम किसी और की नकल किये बिना खुद को ईमानदारी से पेश करते है और लोगो को अपनी रियल स्टोरीज़ सुनाते है तो ना सिर्फ सुनने वाले इम्प्रेस्ड होते है बल्कि लोगो को लाइफ चेंजिंग लेसंस भी मिलते है.

रिचर्ड तुरेरे (Richard Turere ) नैरोबी, केन्या का रहने वाला एक 12 साल का मसाई लड़का है. उसने शेरो को भगाने के लिए सिंपल मैटीरियल्स यूज़ करके मूविंग लाइट्स इन्वेंट की. दरअसल रिचर्ड की फेमिली कैटल्स पालती थी पर शेर उन्हें मारकर खा जाते थे. रिचर्ड की इन्वेंट की हुई मूविंग लाइट्स से शेर अब उसके काऊशेड के पास नही आते थे. शेरो को भगाने के ये तरीका बड़ा यूनीक और इफेक्टिव था. धीरे-धीरे उसके गाँव में ही नहीं बल्कि पूरे केन्या में रिचर्ड की मूविंग लाईट हिट है. अपने इस इन्वेंशन के चलते रिचर्ड आज एक फेमस बॉय है.

अपने इस यूजफुल इन्वेंशन के लिए रिचर्ड को अवार्ड के तौर पर केन्या के बेस्ट स्कूल में स्कोलरशिप मिली. हालाँकि वो थोडा शर्मीला है, उसे ठीक से इंग्लिश बोलनी भी नहीं आती थी लेकिन उसकी सक्सेस स्टोरी से इंस्पायर होकर टेड ने उसे इनवाईट किया और उसे अपनी स्टोरी दुनिया के सामने रखने में हेल्प की. स्कूल में रिचर्ड ने  लाइव ऑडियंस के सामने कई बार प्रेजेंटेशन की प्रेक्टिस की. धीरे-धीरे उसका कांफिडेंस बढ़ता गया. फाइनली रिचर्ड टेड टॉक शो करने लॉन्ग बीच, कैलीफोर्निया पहुंचा. ऑडियंस ने उसका हर एक वर्ड बड़े ध्यान से सुना. उसकी स्टोरी सुनकर लोगो ने खूब तालियाँ बजाई.

तो अब आप ये समझ लो कि पब्लिक में बोलने के लिए ये जरूरी नहीं कि आपको कोई ग्रेट स्पीकर या लीडर बनने की जरूरत नही है. आपको बस एक ऑनेस्ट वे में अपनी स्टोरी लोगो को सुनानी है जो उन्हें इंस्पायर कर सके.

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आईडिया बिल्डिंग (Idea Building)

एक इफेक्टिव स्पीकर वही है जो अपनी ऑडियंस को कुछ काम की बात बताए. कुछ ऐसा जो उन्हें इंस्पायर और मोटिवेट कर सके. जरूरी नहीं कि आपने कोई साइंटिफिक ब्रेकथ्रू किया हो या कोई थ्योरी डिस्कवर की हो या फिर कोई इन्वेंशन किया हो. आपका टॉपिक कुछ भी हो सकता है, एक सिंपल हाउ टू या किसी इंट्रेस्टिंग स्टोरी से निकला कोई आईडिया. या फिर किसी सोंग या इमेज को लेकर आपकी इंटरप्रेशन. ये आपकी कोई इमेजिनेशन भी हो सकती है. आपका एक आईडिया लोगो का इस दुनिया को देखने का नजरिया बदल सकता है.

तो आप अपना ये आईडिया लोगो तक कैसे पहुँचाएंगे ? सिंपल. अपनी फीलिंग्स को वर्ड्स दे दो और उन्हें खुद ब खुद बहने दो. वो लेंगुएज बोलो जो आपकी ऑडियंस समझ सके, फिर देखो लोग कैसे सुनते है. अब जैसे मान लो स्पीकर ऑडियंस से बोल रहा है” एक एलिफैंट को इमेजिन करो जो अपना रेड ट्रंक हवा में झुला रहा है और एक बड़ा सा पैरेट इसके सर पे बैठा डांस करता हुआ बोल रहा है” लेट्स डू द फैंडेगो!” और जैसे ही ऑडियंस ये सब सुनती है उनके इमेजिनेशन में ये सब चलने लगता है. और आपको पहले ही पता है कि एलीफैंट और पैरेट कैसे लगते है. अपनी सारी खूबी और सिनेरियो के साथ आपके सामने एक पिक्चर आती है. आपने उन सारे कॉन्सेप्ट्स को जो पहले से मौजूद थे, आपस में जोड़ कर अपने माइंड में एक न्यू इमेज फॉर्म कर ली.

लेकिन अगर स्पीकर आपसे बोले कि आप लोक्सोडोंटा साइक्लोटिस स्पीसीज़ के प्रोबोसिस पिगमेंटेड पेंटोन 032U को ऑसीलेटरी मोशंस कंडक्ट करते हुए इमेजिन करो तो आप क्या करोगे? ज़ाहिर है कि आपको कुछ समझ नहीं आया होगा और आप कंफ्यूज़ हो जाओगे. क्योंकि आपने इस चीज़ के बारे में पहले कभी नही सुना तो आप स्पीकर की बात से कनेक्ट नही कर पाते.

ऊपर जो हमने फ्रेज बताया, असल में वो एक साइंटिफिक तरीका है सिर्फ ये कहने का कि” एलीफैंट अपनी ब्राईट रेड ट्रंक को हवा में झुला रहा है”. लोक्सोडोंटो साईंक्लोटिस अफ्रीकन एलीफैंट का साइंटिफिक नाम है और प्रोबोसिस ट्रंक को बोलते है और पेंटोन 032U का मतलब है ब्राईट रेड कलर. ये एक्जाम्पल शो करता है कि लेंगुएज कितनी इम्पोर्टट चीज़ है खासकर बात जब बोलने और सुनने वाले के बीच हो.

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कॉमन ट्रेप्स (Common Traps)

अपने आईडियाज़ सक्सेसफूली कैसे करना है, ये सीखने से पहले आपको ये देखना है कि किस तरह की टॉक ज्यादातर फेल हो जाती है. आप आपके साथ ऐसा हुआ है कि आप किसी पब्लिक इवेंट में गए और वहां पर स्पीकिर की बातो से बोर हो गए. आपका टाइम तो वेस्ट हुआ ही साथ ही आपको कोई नॉलेज भी नहीं मिली.
दरअसल चार टाइप की अगली टॉक्स होती है. सेल्स पिच, रैम्ब्ल, ओर्ग बोर, और इंस्पिरेशन परफोर्मेंस. आपने ज्यादतर बिजनेसमेन को अपनी टॉक में सेल्स पिच पर बात करते हुए जरूर सुना होगा. बड़ा बोरिंग लगता है ना? यही चीज़ सेल्स पिच है. कुछ स्पीकर्स बिना स्ट्रक्चर के बोलने लगते है, उनकी ऑडियंस कोई कुछ भी क्लियर समझ नहीं आता. ये रैम्ब्ल है.

कुछ ऐसे भी है जो अपनी ऑर्गेनाइजेशन के बारे में बात करते है और हमसे उम्मीद करते है कि जैसे हम उनके बारे में सब कुछ जानते है. ऐसे स्पीकर ऑडियंस को अपनी कंपनी हिस्ट्री से और स्टेटिसस्टिक्स से बोर करते है. इसी चीज़ को ओर्ग बोर कहा जाता है. लास्ट में कुछ स्पीकर्स ऐसे होते है जिनका गोल अपनी ऑडियंस को सिर्फ खुश करना है. उन्हें एक्चुअल इंसाइट्स से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि उनकी यही कोशिश रहती है कि लोग उन्हें पसंद करे. ये इंसिपिरेशन परफोर्मेंस है.

एक बार चालीस साल के एक आदमी ने टेड टॉक के लिए ऑडिशन दिया. टेड टीम को वो आदमी काफी अट्रेक्टिव लगा इसलिए उन्होंने उसे बोलने का एक चांस दिया. लेकिन बाद में उसने सिर्फ इंस्पिरेशनल परफोर्मेंस दी.

टॉक की स्टार्टिंग में सब उसकी बाते बड़े ध्यान से सुन रहे थे. उसने अपनी टॉक में कुछ इंट्रेस्टिंग विजुअल्स भी यूज़ किये. बीच-बीच में वो पॉज भी ले रहा था ताकि लोग हँसे और तालियाँ बजाए. और लोग जब तालियाँ बजाते थे तो वो थैंक यूं बोलता था. वो अपनी पूरी टॉक के दौरान इररेलीवेंट बाते करता रहा जबकि टॉक का मेन पॉइंट तो छूट ही गया था. यहाँ तक कि उसने जो फ़ोटोज़ शेयर की थी वो फोटोशॉप की गयी थी. अपनी टॉक के एंड में उस आदमी ने ऑडियंस को देखकर अपने हाथ फैला दिए थे.

बेशक ये उसके लिए प्राउड मोमेंट रहा होगा पर उसकी टॉक में सिर्फ फालतू टॉपिक थे. साफ़ दिख रहा था कि वो लोगो को हंसाने के लिए ही बोल रहा था. वो किसी को भी इंस्पायर नहीं कर पाया था. उसका मेन गोल ऑडियंस से तारीफ बटोरना था और वो भी उसे नही मिल पाई. याद रखो कि इंस्पिरेशन परफोर्म नही की जा सकती. ऑडियंस तब इंस्पायर होगी जब आप अपने टॉक में पोजिटिव क्वालिटी लाओगे नाकि उन्हें झूठी बातो से धोखा देने की कोशिश करोगे.

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