(hindi) The First 20 Hours: How to Learn Anything … Fast
इंट्रोडक्शन (Introduction)
क्या आप हमेशा कुछ नया सीखना चाहते थे पर कभी नहीं सीख पाए? क्या आप ख़ुद से वादा करते रहते है कि आप एक नयी हॉबी या एक नयी स्किल सीखने के लिए टाइम निकालेंगे? पर आपके पास बिल्कुल टाइम नहीं है इन सबके लिए?
इस बुक में आप सीखेंगे कि आप एक नयी स्किल को कैसे जल्दी सीख सकते है. आप सिर्फ़ 20 घंटो में कोई भी स्पोर्ट्स खेलना या फिर कैलीग्राफी (calligraphy) लिखना जान सकते है. बहुत सारे ऐसे स्किल्स है जो आप सीख सकते है. सबसे अच्छी बात यह है कि आपको ये सब सीखने के लिए अपने घर के बाहर निकलने कि ज़रूरत ही नहीं है.
आपको कोई भी नयी स्किल को जल्दी से सीखने के लिए सिर्फ़ 10 प्रिंसिपल्स को जानना है .ये 10 प्रिंसिपल्स आपको गाइड करेंगे कि आप अपने शुरू के पहले 20 घंटों को कैसे काम में ला सकते है .यह बहुत ही फायदे का सौदा है क्योकि आपको इसके लिए सिर्फ़ 10 स्टेप्स को फॉलो करने होंगे .यही नहीं, ये सारे स्टेप्स बहुत ही सिंपल और इजी भी हैं.
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अ पोट्रैट ऑफ़ दी ऑथर एज़ अ लर्निंग जनकी (A Portrait of the Author as a Learning Junkie)
हम सभी की तरह ही इस बुक के ऑथर , जॉश कॉफ़मैन भी बहुत कुछ सीखना चाहते है पर इनके पास भी टाइम की कमी है. इनके bookshelf में बहुत सी किताबों के ढेर लगे हुए है. इन्होने एक लम्बी-सी लिस्ट बनाई है जिसमे इन्होने अपने जीवन में क्या-क्या करना है और क्या स्किल्स सीखने है, वह सब लिखा है. जॉश के पास बहुत सारे ब्रिलियंट आइडियाज है पर इन्हे समझ नहीं आता कि इन आइडियाज को कैसे हकीकत बनाए. ये ख़ुद से वादा करते है कि ये गोल्फ खेलेंगे और रॉक क्लाइम्बिंग भी करेंगे पर कभी कर नहीं पाते. अब आप सोच रहे होंगे कि-“अरे ये ऑथर तो मेरे ही जैसे है” .
नयी स्किल्स को डेवलप करना काफ़ी frustrating है. आपको इसके लिए काफ़ी प्रैक्टिस करनी पड़ती है और ऐसा लगता है मानो इसके लिए सदियाँ लग जाएँगी. डॉ. एंडर्स एरिक्सन द्वारा किये गए एक रिसर्च के अनुसार अगर आप किसी चीज़ में बहुत ही अच्छा होना चाहते है तो उसके लिए आपको लगभग 10,000 घंटों की प्रैक्टिस करनी पड़ेगी. अगर आपको ये समझना है कि ये कितना टाइम होता है, तो ये समझिये कि ये लगभग एक ऑफिस में पाँच सालों तक फुलटाइम काम करने जैसा है. तो हाँ, इसमें वाकई सदियाँ लग जाती है, पर एक गुड न्यूज़ है.
पीछे हटने से पहले एक बात जानिये. डॉ. एरिक्सन की स्टडी एक्सपर्ट लेवल परफॉरमेंस से जुडी थी. उन्होंने जिन लोगों को स्टडी किया था, वे ऐसे लोग थे जो अपने बचपन से ही किसी चीज़ की प्रैक्टिस कर रहे थे. इसको Deliberate practice कहते है. यानी कि ये 10,000 घंटों वाली रूल सिर्फ़ उन्ही लोगों पर लागू होता था जो कि अपने-अपने फील्ड में एक्सपर्ट थे.
पर अगर आपको किसी स्किल को ठीकठाक लेवल तक सीखना है तब क्या? अगर आपको गोल्फ का गेम उतना ही सीखना है जितने में आप अपने दोस्तों के साथ-साथ इसको खेल सके और आनंद उठा सके, तब क्या? आपको ये जानकार ख़ुशी होगी कि तब आपको 10,000 घंटे बिल्कुल नहीं लगानी पड़ेगी .
अगर आपको एक नयी स्किल सीखनी है तो आपको इसके लिए 20 घंटों की प्रैक्टिस करनी पड़ेगी. 10,000 घंटों के मुकाबले ये 20 घंटे काफ़ी कम है, है ना ? इस बुक के अनुसार, स्किल पाने का मतलब ये नहीं है कि आपको एक प्रो ही बनना है बल्कि एक स्किल को इतना सीखिए जितने में आप उस स्किल को ठीकठाक सीख जाएं.
क्या एक स्किल को पाने में और एक स्किल को सीखने के बीच में कोई फ़र्क है ? जॉश कॉफ़मैन ने अपने हाई स्कूल में स्पेनिश लैंग्वेज सीखी. उन दिनों उन्हें स्पेनिश के verbs , conjugation और common phrases आते थे. पर अब ये 5 सेकण्ड्स के लिए भी स्पेनिश में बातचीत नहीं कर पाते.
जॉश के एक दोस्त जिनका नाम कार्लोस है, वे स्पेनिश बोलते है और इंग्लिश बोलना सीखना चाहते थे पर उन्होंने एक भी इंग्लिश की क्लास नहीं ली. बल्कि, उन्होंने इंग्लिश बोलने वाले लोगों से बातचीत करने की कोशिश शुरू कर दी. उन्हें पता नहीं कैसे पर अब वे इंग्लिश बोल सकते है. कार्लोस ने लोगों से इंग्लिश में बातचीत करना हमेशा जारी रखा.
इसलिए सिर्फ़ सीख लेने से ही से ही आप एक स्किल को पूरी तरह से नहीं पा सकते बल्कि इसके लिए तो आपको कार्लोस की तरह काफ़ी प्रैक्टिस करनी पड़ेगी और इस्तेमाल करना पड़ेगा.
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टेन प्रिंसिपल्स ऑफ़ रैपिड स्किल एक्वीजीशन (Ten Principles of Rapid skill acquisition)
जॉश कॉफ़मैन सुझाव देते हैं कि जब आप इन स्टेप्स को करें , तब इस बात का पता करें कि आप पर उस दौरान क्या सीखने का जुनून सवार है. अगर आपको किसी चीज़ को लेकर कुछ वक़्त का जुनून है तो उस चीज़ के बारे में सीखने के लिए आप जी जान लगा देते है. अब आप ऐसा सोचेंगे कि इन स्टेप्स का होना तो ज़ाहिर सी बात है. जो की वाकई में है. पर, सिर्फ़ इन स्टेप्स को जानना काफ़ी नहीं है. आपको प्रैक्टिस करने कि भी ज़रूरत पड़ेगी. आइये अब देखे ये 10 स्टेप्स जिससे हम स्किल्स को जल्दी से पा सकते है.
1) आप अपना बहुत मनपसंद प्रोजेक्ट चुनिए. इसके लिए आपको ऐसा प्रोजेक्ट लेना है जिसको करने लिए आप बहुत ही एक्ससाइटेड हैं. स्किल सीखने के लिए आपमें जितनी ज़्यादा इच्छा होगी, उतनी ही जल्दी आप उसे पा लेंगे. जॉश कहते है कि वे चाइनीज़ मैंडरिन लिखना सीखना चाहते थे. पर उन्हें उस वक़्त इसे सीखने की कोई ज़रूरत नहीं थी इसलिए उन्होंने अपनी एनर्जी और प्यार को कहीं और लगाने के बारे में सोचा. फिर, जॉश को “GO” सीखने की दिल से बहुत इच्छा हुई. GO एक स्ट्रेटेजिक बोर्ड गेम है जिसकी शुरुवात चाइना में हुई थी. क्योकि अब जॉश को Go सीखने की इच्छा ज़्यादा थी इसलिए उन्होंने पहले इसे सीखने का फ़ैसला किया. उन्होंने मैंडरिन को बाद के लिए छोड़ दिया. वह जानते थे कि उस वक़्त अगर वो अपना मनपसंद प्रोजेक्ट- Go game को सीखने में फोकस करेंगे तो इसकी मदद से वे बाद में मैंडरिन जल्दी से सीख सकते है.
2) अपनी सारी एनर्जी का फोकस एक बार में सिर्फ़ एक ही स्किल को पाने में लगाइये.जॉश ने अपने लाइफ में यही गलती काफ़ी बार की है. उन पर एक साथ कई स्किल्स को सीखने की धुन सवार हो गई. उन्होंने इन स्किल्स के बीच में अदला बदली करने में ही इतना ज़्यादा टाइम बर्बाद कर दिया कि आख़िर में वे कुछ भी नहीं सीख पाए. आपको अपना टाइम एक बार में एक ही स्किल में कॉन्सेंट्रेट और फोकस करने के लिए डेडिकेट करना चाहिए. अगर आप अपने टाइम और एनर्जी को स्विमिंग, सिलाई और दस और स्किल्स को एक ही साथ सीखने में लगाएंगे, तो ये सब बेकार हो जाएगा. एक स्किल को इम्प्रूव करने के लिए आप जितना कॉन्सेंट्रेशन और अटेंशन दे पाएंगे वो काफ़ी नहीं होगा. इसलिए सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ही स्किल को चुने.
Getting things done बुक के ऑथर डेविड एलन के पास इस स्टेप के लिए एक टिप है. अगर आपको एक स्किल में फोकस करने के लिए मदद चाहिए तो आप “किसी दिन/शायद” की एक लिस्ट बना लो. इस लिस्ट में आप उन सारी चीज़ों के बारे में लिख लो जिन्हे आप करना तो चाहते हो मगर अभी नहीं, बाद में . इससे आपका ब्रेन समझ जाएगा कि ये सारे चीज़े “ऑन होल्ड स्टेटस” (“on hold” status) वाले है. ऐसा करने से आप अब इनके बारे में फिलहाल नहीं सोचेंगे और फिर जब आप कोई नई स्किल सीखना चाहोगे, तभी आपका ब्रेन इनको “ऑन होल्ड” (“on hold”) से “एक्टिव स्टेटस” ( “active” status) में बदलेगा.
3) आपका टारगेट परफॉरमेंस लेवल क्या होगा इसको बताइए. ऐसा करने के लिए, आपको ख़ुद से पूछना होगा कि “मैं इस स्किल में कितना अच्छा होना चाहता हूँ ?” ऐसा करने पर आप हिसाब लगा सकते है कि इसके लिए आपको कितना टाइम और एफर्ट लगाना होगा. फिर आप उस स्किल को आसानी से पा लेंगे. एग्ज़ाम्पल के लिए, मान लीजिये आपको गिटार बजाना सीखना है. तो आप गिटार में एक गाना बजाना प्रैक्टिस कर सकते है. आपको भले ही एक ही गाना बजाना आए मगर आप सबको ये कह सकते है कि आपको गिटार बजाना आता है. आपका टारगेट परफॉरमेंस लेवल जितना ही “रिलैक्स्ड” रहेगा, आप उतनी ही जल्दी किसी भी स्किल को पा लेंगे.
4) स्किल्स को sub-skills में बाँटिये. आप जो स्किल सीखना चाहते है, अगर वह आपके लिए बहुत ही ज़्यादा है तो उसे मैनेज करने लायक बनाइये. इसके लिए हम स्किल्स को छोटे-छोटे हिस्सोंमें बाँट सकते है. एग्ज़ाम्पल के लिए गोल्फ लेते है. गोल्फ के गेम के काफ़ी सबस्किल्स होते है : यह जानना कि आपको कौन से क्लब से खेलना अच्छा लगता है, बॉल के ट्रैक , बॉडी का सही पोजीशन वगैरह. जब आप इस स्किल को अलग-अलग बांटेंगे, तो आपको समझ आ जायेगा कि आपके लिए कौन-सा फैक्टर सीखना ज़्यादा ज़रूरी है. बाक़ी के पेचीदा और टेक्निकल चीज़ों के बारे में आप बाद में भी सीख सकते है.
5) जो भी बहुत ज़रूरी टूल्स है, उसे लाइए. हमेशा याद रखिये कि सिर्फ़ सीखने भर से ही हम किसी स्किल को नहीं पा सकते . आपको इसकी प्रैक्टिस करनी होगी . टेनिस की प्रैक्टिस आप कर नहीं सकते अगर आपके पास टेनिस की रैकेट ना हो. बास्केट बॉल खेलने के लिए आपको सबसे पहले एक बॉल की ज़रूरत पड़ेगी. इसलिए आप उन ज़रूरी टूल्स को पहचानिये जो प्रैक्टिस करने के लिए चाहिए. ऐसा करने से आपका टाइम बचेगा.
6) प्रैक्टिस के लिए हर रुकावट को हटाइये. जॉश कॉफ़मैन ने उन तीन रुकावटों की पहचान की है जो आपको किसी स्किल की प्रैक्टिस करने से रोकता है. पहली रुकावट है रिसोर्स अवेलेबिलिटी (resource availability) . इसका मतलब है कि प्रैक्टिस के लिए आपको जिन टूल्स की ज़रूरत है, वह मौजूद नहीं है. एग्ज़ाम्पल के लिए, बारिश के कारण बाहर मैदान गिला हो गया हो या आपके पास जो इक्विपमेंट है, वह किसी से उधार में लिया गया हो. दूसरी रुकावट है एनवायरनमेंट में distraction . ये भी आपको प्रैक्टिस करने से रोकते है. आप अपने फ़ोन को देख रहे हो, टीवी देख रहे हो या आप अपना ईमेल चेक कर रहे हो- ये सब एनवायरनमेंट distraction कहलाते है .आख़िर में, तीसरी रुकावट है आपके इमोशनल ब्लॉक्स . मन में कोई डर होना या फिर कोई शक होना आपको स्किल के लिए काम करने से रोकते है. जब तक आप इन साड़ी रुकावटों को हटा नहीं लेते, आप किसी भी स्किल को उतनी जल्दी नहीं पा सकते जितनी जल्दी आप चाहते है.