(hindi) Success Through a Positive Mental Attitude

(hindi) Success Through a Positive Mental Attitude

इंट्रोडक्शन

क्या आपका कोई गोल है जिसे आप सच में अचीव करना चाहते हैं? क्या आप जानना चाहते हैं कि गुस्सा, डर और सेल्फ़-डाउट को कैसे दूर किया जाए? क्या आप ज़्यादा मोटिवेशन और अपने सपने को हासिल करने के लिए डट कर खड़े रहने की क्वालिटी को और निखारना चाहते हैं? अगर आपका जवाब हाँ है तो ये बुक इसमें आपकी मदद करेगी.

नेपोलियन हिल ने सक्सेस हासिल करने के लिए कई प्रिंसिपल्स के बारे में बताया है. उन्होंने एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए पॉजिटिव मेंटल ऐटिट्यूड की इम्पोर्टेंस पर हमेशा ज़ोर दिया. इस बुक में आप कई अलग-अलग लोगों की कहानियां सुनेंगे जो दिलचस्प होने के साथ-साथ बहुत इंस्पायरिंग भी है. आप सीखेंगे कि पॉजिटिव मेंटल ऐटिट्यूड की पॉवर को कैसे उजागर करना है.

Where the Road to Achievement Begin

एस.बी. फुलर लुइसियाना में एक किसान के बेटे थे. फुलर ने पांच साल की छोटी उम्र से ही खेत में काम करना शुरू कर दिया था. उनके छोटे से गांव के लोगों ने इस बात को स्वीकार कर किया था कि वो गरीब हैं. उन्हें लगता था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो हमेशा गरीब ही बने रहेंगे क्योंकि ये भगवान् की इच्छा थी.

लेकिन फुलर की माँ ने उनसे कहा, “ये भगवान् की मर्ज़ी नहीं है कि हम गरीब हैं. तुम्हारे पिता ने कभी अमीर बनने की इच्छा नहीं की. उन्होंने पैसे कमाने के लिए कोई और काम करने की कोशिश ही नहीं की.”

जब फुलर बड़े हुए तो उनकी दिली तमन्ना थी कि वो बहुत पैसा कमाएं. उनका जुनून साफ़ दिखाई देता था. उन्हें लगा कि पैसा कमाने का सबसे आसान तरीका होता है कोई सामान बेचना. इसलिए उन्होंने साबुन बेचना शुरू कर दिया. फुलर ने इस काम को 12 सालों तक जारी रखा.

लेकिन एक दिन, जो कंपनी उन्हें साबुन सप्लाई करती थी उसने अपना बिज़नेस 1,50,000 $ में बेचने का फ़ैसला किया. फुलर ने कंपनी को खरीदने के बारे में सोचा. इसके लिए उन्होंने 12 सालों की अपनी जमा पूँजी 25,000$ से अपना पहला पेमेंट किया. उसके बाद, उन्होंने 10 दिनों के अंदर बाकी के 1,25,000$ देने का वादा किया.

अपने 12 सालों के साबुन के छोटे से बिज़नेस में फुलर ने कई बिजनेसमैन के साथ एक स्ट्रोंग नेटवर्क बना लिया था. उन्होंने उनकी मदद से 1,15,000$ इकट्ठा किए. लेकिन अभी भी उनके पास 10,000$ कम थे. 10 तारीख़ की रात को फुलर अपनी गाड़ी लेकर निकले और उन्होंने ठान लिया कि वो तब तक ड्राइव करते रहेंगे जब तक उन्हें कोई बिज़नेस आर्गेनाइजेशन नहीं मिल जाता.

कुछ दूर जाने के बाद, फुलर को एक कांट्रेक्टर के ऑफिस में लाइट जलती हुई दिखाई दी. वो अंदर गए और बड़े कांफिडेंस के साथ कहा, “क्या आप 1,000$ प्रॉफिट कमाना चाहते हैं?” कांट्रेक्टर ने कहा, “हाँ, बिलकुल.” जवाब सुनते ही फुलर ने तुरंत कहा, “फ़िर आपको मुझे 10,000$ उधार देने होंगे.” उन्होंने कांट्रेक्टर को उन बिजनेसमैन के नाम की लिस्ट दिखाई जिन्होंने उन्हें पैसे दिए थे. फ़िर उन्होंने अपनी साबुन की कंपनी के बारे में भी सब बताया.

वहाँ से निकलते वक़्त फुलर की जेब में 10,000$ का चेक था. जिस कंपनी से कभी वो सामान ख़रीदा करते थे, अगली सुबह वो उस पूरी कंपनी के मालिक बन गए. फुलर की सक्सेस का राज़ है कि वो जानते थे कि वो क्या चाहते थे और अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए वो पॉजिटिव मेंटल ऐटिट्यूड के साथ लगातार आगे बढ़ते रहे.

आपको पता है, हर इंसान के पास एक छुपी हुई जादुई ताबीज़ होती है जिसमें सिक्के की तरह दो पहलू होते हैं. एक साइड होता है PMA यानी पॉजिटिव मेंटल एटीट्यूड है, और दूसरा होता है NMA यानी नेगेटिव मेंटल एटीट्यूड है. ये सिर्फ़ आप पर डिपेंड करता है कि आप किस साइड को चुनते हैं.

इमेजिन कीजिए कि आप इस मैजिकल ताबीज़ को हर रोज़ पहन रहे हैं. आपके अंदर बहुत पॉवर है और आप PMA या NMA में से कुछ भी चुन सकते हैं. अगर आप PMA को चुनते हैं तो आप यकीनन बहुत सक्सेस अचीव करने वाले हैं.

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You Can Change Your World

इरविन बेन कूपर अमेरिका में सबसे सम्मानित judges में से एक थे. लेकिन जब वो छोटे थे तो अपने गाँव के सबसे डरपोक बच्चे हुआ करते थे. बेन का बचपन मिसौरी में एक झोपड़ पट्टी के पास गुज़रा था. उनका परिवार किसी दूसरे देश से वहाँ बसने आया था. उनके पिता दर्जी का काम करते थे और उनके परिवार को बहुत कम पैसों में गुज़र-बसर करना पड़ता था.

बेन रेलवे ट्रैक से कोयला उठाकर घर ले जाते ताकि रात में आग जलाकर वो घर को कुछ गर्म कर सकें और उन्हें ठिठुरती हुई सर्दी में ना सोना पड़े. अक्सर उनके रास्ते में, तीन शैतान लड़के हमेशा उनके इंतज़ार में खड़े रहते ताकि वो बेन को पीट सकें. इस वजह से बेन के मन में डर बैठ गया था.

अपने ख़ाली समय में बेन, होरेशियो अल्गर द्वारा लिखी गई उन कहानियों को पढ़ा करते थे जिनमें जांबाज़ हीरो के किस्से लिखे गए थे. उनकी दिलेरी के किस्सों को पढ़कर बेन भी बहादुर होने के लिए इंस्पायर होने लगे. अल्गर की किताबों को पढ़ने से उनके subconscious माइंड में पॉजिटिव मेंटल ऐटिट्यूड की बात अपने आप बैठने लगी थी.

कुछ महीनों बाद, बेन फ़िर रेल की पटरियों की ओर गए. उन्होंने उन तीनों शैतान लड़कों को अपनी ओर आते हुए देखा. एक पल के लिए बेन के मन में भाग जाने की इच्छा हुई लेकिन उन किताबों से मिली कांफिडेंस ने उन्हें स्ट्रोंग बना दिया था. बेन ने उन लड़कों का सामना करने की ठानी. इतना ही नहीं जब हाथा पाई हुई तो उन्होंने सबको मुँह तोड़ जवाब भी दिया और इस बार बेन नहीं बल्कि वो लड़के डरकर भागने पर मजबूर हो गए. उस दिन के बाद बेन कभी भी डर का शिकार नहीं हुए.

आपको क्या लगता है उस दिन ऐसा क्या ख़ास हुआ था? उस दिन, ख़ास ये था कि बेन ने ख़ुद को अल्गर की किताब का हीरो मान लिया था और इस वजह से बदमाशों को जमकर करारा जवाब दिया. ये विश्वास बड़े होने तक उनके साथ बना रहा.

उन्होंने आगे चलकर लॉ की पढ़ाई की और कई गुंडे बदमाशों को कानून की मदद से सज़ा दी. बेन पीड़ित लोगों का जितना अच्छा बचाव हो सकता था करते थे. इस तरह, धीरे-धीरे वो एक सक्सेसफुल जज बने.

आप भी बेन की तरह अपनी लाइफ बदल सकते हैं. हो सकता है कि अभी आप पैसों की तंगी झेल रहे हों, या हर रोज़ कई चैलेंजेज का सामना कर रहे हों लेकिन इस बात को हमेशा याद रखें कि अगर आप अपनी सोच और अपना बर्ताव बदल लेते हैं तो आप किसी भी सिचुएशन  को बदल सकते हैं.

मान लीजिए कि आप किसी मुश्किल सिचुएशन का सामना कर रहे हैं या किसी ऐसे आदमी के साथ हैं जो बहुत परेशान है तो अगर आप थोड़ी दया और पाजिटिविटी दिखाते हैं तो अंत में आप उस प्रॉब्लम को सोल्व कर लेंगे. गुस्सा करना या नेगेटिव रूप से रियेक्ट करना बहुत आसान है लेकिन अगर कुछ मुश्किल है तो वो है ख़ुद को बदलना मगर आप कोशिश तो कर सकते हैं ना. जिस पल आपने अपना व्यवहार बदल लिया आप अपनी लाइफ में अच्छी और पॉजिटिव चीज़ों को attract करने लगेंगे.

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Clear the Cobwebs from Your Thinking

एक बार एक ग्रीक फ़िलोसोफर थे जो समुद्र के पास एक कस्बे में रहते थे. वो कार्थेज जाना चाहते थे. वो फ़िलोसोफर काफ़ी समझदार और लॉजिकल आदमी थे इसलिए उन्होंने कार्थेज की यात्रा नहीं करने के कारणों को एक कागज़ पर लिखना शुरू किया. उन्होंने लिखा कि इसमें बहुत जोखिम था क्योंकि उनके साथ कुछ भी हो सकता था जैसे बोट में यात्रा करने से उनकी तबियत ख़राब हो सकती थी, या शायद उनका बोट तूफ़ान की मार नहीं झेल पाता और डूब जाता, या समुद्री डाकू उन्हें पकड़ कर अपना ग़ुलाम बना सकते हैं.

इतने सारे जोखिम यही इशारा कर रहे थे कि उन्हें यात्रा नहीं करनी चाहिए. लेकिन फ़िर भी उनका मन नहीं बदला क्योंकि उनकी इच्छा बहुत स्ट्रोंग थी. इसलिए वो इस यात्रा के लिए निकल पड़े और सबसे कमाल की बात तो ये थी कि वो बड़े आराम से अपनी मंज़िल तक पहुंचें और सही सलामत घर भी लौट आए.

आज आप जैसे भी हैं, अपने थॉट्स के कारण ही हैं. आप क्या सोचते हैं और कैसे सोचते हैं सभी चीज़ें सिर्फ़ उस पर डिपेंड करती है. जब आप दूसरों को दोष देते हैं, ख़ुद को बेचारा समझते हैं और बहाने ढूंढते हैं तो आप अपने मन को नेगेटिव मेंटल ऐटिट्यूड से भरते जाते हैं.

आपको अपने मन से इन जालों को साफ़ करना होगा. मान लीजिए, अगर आपकी किसी के साथ कोई ग़लतफ़हमी हो गई है तो पहले ख़ुद के अंदर झाँक कर देखने का नज़रिया अपनाएं. हो सकता है कि आपको एहसास हो कि प्रॉब्लम ये है कि आपने ख़ुद को नेगेटिव विचारों से भर रखा है. इसलिए दूसरों को दोष ना दें, ख़ुद को पहले पॉजिटिव बनाएं.

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