(hindi) The Science of Getting Rich

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इंट्रोडक्शन (Introduction)

क्या आप अमीर होने का ख्वाब देखते है? क्या आप एक अच्छी लाइफ जीना चाहते हो? क्या आप लाइफ में बेस्ट बनना चाहते हो? तो इस बुक में आप सक्सेस, हैप्पीनेस और अमीर बनने का सीक्रेट पढेंगे. आप चाहे जिस बैकग्राउंड से बिलोंग करते हो, फिर भी आप अमीर हो सकते हो. आपके सपने सच हो सकते है. क्योंकि ये बुक आपको अमीर बनने का एक्जेक्ट तरीका बताएगी. बस आपको वो टेक्नीक्स और गाइडलाइन्स फोलो करनी होगी जो इस बुक में दी गयी है.

जो लाइफ आप जीना चाहते हो, आपसे ज्यादा दूर नहीं है. पर इसके लिए आपको एक सर्टेन वे में सोचना होगा. जो आपके पास है, आपको दूसरो के प्रति थैंकफुल होना चाहिए. आपकी कोशिश यही हो कि आप दूसरो के काम आ सके. आप इस बुक में पढ़ी हुई बातो को अपनी लाइफ में अप्लाई करोगे तो आपको कोई भी अमीर होने से नहीं रोक पायेगा.

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द राईट टू बी रिच (The Right to be Rich)

क्या अमीर होने की चाहत रखना गलत है? ऐसा कौन है जो एक आराम की लाइफ नहीं चाहता? क्या ये सपना देखना गलत है? नहीं, बिलकुल नहीं. अमीरी का मतलब सिर्फ पैसे से नहीं है. बल्कि इसका मतलब है कि आपके पास ऐसे टूल्स होने चाहिए जो आपकी बॉडी, माइंड और सोल को डेवलप करे. जो अमीर होता है वही अपनी फुल पोटेंशियल अचीव कर सकता है. एक हेल्दी बॉडी के लिए आपको खाना, कपड़े और सर के ऊपर छत चाहिए इसके साथ ही आपको पूरा रेस्ट भी मिलना चाहिए जिससे कि आप रीक्रिएशन कर सको. लेकिन ये सब आपके पास तब होगा, जब आपके पास अमीरी आएगी.

हेल्दी माइंड के लिए हमे अच्छी और मोटिवेशनल बुक्स पढनी चाहिए. हमे ट्रेवल करना चाहिए जिससे कि हम इस दुनिया को एक्सप्लोर कर सके. हमे आर्ट की समझ होनी चाहिए और आर्ट को एप्रीशिएट करना भी आना चाहिए. लेकिन आपको पढने-लिखने के लिए, स्टडी करने के लिए और दुनिया घूमने के लिए पैसा चाहिए. अपनी आत्मा को प्योर रखने के लिए सबसे प्यार करो. एक अच्छे लाइफ पार्टनर, अच्छे पेरेंट और देश के एक अच्छे नागरिक बनने के लिए आपके अंदर अमीरी होनी चाहिए. और अमीर होने की पोटेंशियल सबके अंदर है. ये बुक आपके लिए एक गाइड की तरह काम आएगी जो आपको बताएगी कि अमीर कैसे बना जाए ताकि आप अपनी लाइफ खुलकर जी सके.

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द साइंस ऑफ़ गेटिंग रिच (The Science of Getting Rich)

अगर आप इस बुक में दिए स्टेप्स को एक्जेक्ट फोलो करोगे तो आपका रिच बनने का ड्रीम पूरा हो सकता है. यही इसका साइंस है क्योंकि आपको एक सर्टेन वे में चीज़े करनी है. आप कौन हो, क्या हो इससे फर्क नहीं पड़ता क्योंकि जब आप एक सर्टेन वे में चीजो को अप्लाई करोगे तो बेशक आप रिच बन सकते हो. और इसके लिए आपको किसी अमीर फेमिली में पैदा होने की भी जरूरत नहीं है. क्योंकि अगर ऐसा होता तो किसी एक जगह के सारे लोग अमीर होते और दूसरी जगह के सारे गरीब.

अब एक एक्जाम्पल लेते है डेवलपिंग कंट्रीज़ का जहाँ कई सारे लोग गरीबी की जिंदगी जीने को मजबूर होते है. लेकिन यहाँ कुछ लोग बेहद अमीरी की लाइफ भी जीते है. तो ऐसा क्यों है? चलो मान लेते है कि मिस्टर ए और मिस्टर बी एक ही टाउन में रहते है. दोनों फ्रूट बेचने का बिजनेस करते है. लेकिन मिस्टर ए अमीर बन जाता है जबकि मिस्टर बी गरीब रहता है. तो ऐसा क्यों हुआ? सच तो ये है कि कोई इंसान अपने माहौल की वजह से अमीर नहीं होता बल्कि इसलिए होता है क्योंकि वो चीजों को एक सर्टेन वे में करता है. क्या अमीर होना कोई अनोखा टेलेंट है या कोई स्किल है? चलो एक और एक्जाम्पल लेते है.

मिस्टर एक्स का और मिस्टर वाय का. दोनों मास्टर कारपेंटर्स है. दोनों के पास अमेजिंग कारपेंटरी स्किल्स है. पर मिस्टर एक्स अमीर बनता है और मिस्टर वाय वही का वही रह जाता है. इसलिए हम ये मान सकते है कि अमीर बनने के लिए किसी स्पेशल टेलेंट की ज़रूरत नहीं पड़ती. बस, आपको अमीर होने का साइंस अप्लाई करना है यानी एक सर्टेन वे में चीज़े करनी है. आपको कुछ इफेक्टिव स्टेप्स लेने होंगे. फिर कोई फर्क नही पड़ता कि आप अपनी लाइफ में कहाँ और किस पोजीशन में है. चाहे आपके पास पैसा हो या ना हो या फिर आपकी कोई पहचान ना हो या आपके अमीर दोस्त हो या ना हो, इसके बावजूद आप अमीर बन सकते हो. बस इस बुक के स्टेप्स फोलो करते जाओ और अपना ड्रीम पूरा कर लो.

इज़ अपोर्च्यूनिटी मोनोपोलाइज्ड (क्या अपोरच्यूनिटी को मोनोपोलाइज किया जा सकता है ?)Is Opportunity Monopolized?

ये कहना एकदम गलत होगा कि दुनिया के हर ऐशो-आराम पर बस कुछ लोगो का ही कब्ज़ा है इसीलिए बाकि लोग गरीबी में जी रहे है. सच तो ये है कि इस दुनिया में सबके लिए भरपूर साधन और मौके मौजूद है. क्योंकि ऊपर वाले और नैचर के पास किसी चीज़ की कमी नहीं है. इस यूनिवर्स में एक फॉर्मलेस सब्सटेंस है.

एक ऐसी अनट्रेप एनर्जी जो हमारे काम आ सकती है. और आपके पास वो पॉवर है जो इस फॉर्मलेस एनर्जी को अपने कण्ट्रोल में कर ले. जो चीज़ आप पाना चाहते हो, इस एनर्जी को आप उस चीज़ में ट्रांसफ्रॉम कर सकते हो. यही वो तरीका है जो आपको भी इस दुनिया का एक अमीर इंसान बना सकता है.

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द फर्स्ट प्रिंसिपल इन द साइंस ऑफ़ गेटिंग रिच (The First Principle in the Science of Getting Rich)

जो आप चाहते हो, उसे आप अपने आस-पास के फॉर्मलेस सब्सटेंस से कैसे क्रिएट करोगे ? तो जवाब है “थौट” यानी आपके विचार. आपके अंदर की इमेजिनेशन. जितनी भी चीज़े आज आप यूज़ कर रहे हो, सब थौट का नतीज़ा है. जैसे एक्जाम्पल के लिए जिस चेयर में आप बैठे हो, जो बुक आप पढ़ रहे हो, इंटरनेट और स्मार्टफोन जो आप यूज़ करते हो. ये सारी चीज़े किसी ना किसी के माइंड में सबसे पहले आई थी. जो भी चीज़े हम यूज़ करते है, वो कभी एक आईडिया था.

आज जो हम मॉडर्न टेक्नोलोजी यूज़ कर रहे है, वो भी सीरीज़ ऑफ़ थौट का नतीज़ा है. जिस बिल्डिंग में आप काम करते हो या रहते हो वो भी एक सीरीज ऑफ़ थौट का नतीज़ा है. ह्यूमन एक थिंकिंग मशीन है. सच तो ये है कि हमे अब तक अपने थौट्स की पॉवर का अंदाजा नहीं है. अब आप यहाँ “साइंस ऑफ़ गेटिंग रिच” के फर्स्ट 3 प्रिंसिपल सीखोगे. फर्स्ट प्रिंसिपल है” एक फॉर्मलेस सब्सटेंस है जिसने इस सारे यूनिवर्स को घेर रखा है”. सेकंड प्रिंसिपल है” हमारा एक थौट इस सब्सटेंस को एक फॉर्म दे सकता है” और थर्ड प्रिंसिपल है” कोई भी इंसान अपने थौट से फॉर्मलेस सब्सटेंस को उस चीज़ में बदल सकता है जो उसे चाहिए”.
ये सर्टेन वे में सोचने का एक तरीका है.

अगर आपको सच में कुछ चाहिए तो आपको उसके बारे में कुछ इस तरह सोचना होगा कि वो चीज़ आपको मिल जाए. उस चीज़ की सारी डिटेल्स अपने माइंड में रख लो. उसे फील करो, देखो और टच करो. सोचो कि तुम उस चीज़ को हासिल कर चुके हो. उस चीज़ पर डीपली फोकस करो. अपने आईडिया को कभी झूठ मत समझो. इस तरीके से आपका थौट उस फॉर्मलेस सब्सटेंस को एक शेप देगा. और एक टाइम आएगा जब वो चीज़ सच में आपकी हो जायेगी.

इसी तरह अगर आप अमीर बनना चाहते हो तो कभी भी गरीबी के बारे में मत सोचो. खुद को हेल्दी समझोगे तो बीमार नहीं पड़ोगे. हमारे पोजिटिव थौट्स में एक पॉवर होती है. इसलिए अपने माइंड में हमेशा अमीरी का ख्याल रखो. खुद को अमीर समझोगे तो अमीर बनोगे और गरीब और लाचार समझोगे तो वही आपकी किस्मत बन जाएगी. खुद पर यकीन रखो. एक दिन आपके सपने जरूर सच होंगे. शक की ज़रा भी गुंजाईश मत रखो. चाहे जैसे हालात हो, हार मत मानो. और इस बात पे हमेशा यकीन रखो कि एक दिन आप अमीर बनोगे.

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इनक्रीजिंग लाइफ (Increasing Life)

आपको लाइफ में सब कुछ चाहिए तो अमीर होना पड़ेगा. आपको लाइफ फुल जीने के लिए अमीर होना पड़ेगा. क्या आप मासलो’स हाईराकी ऑफ़ नीड (Maslow’s Hierarchy of Need) जानते है ?  ये कहता है कि इन्सान की सबसे बड़ी जरूरत है खाना, कपड़े और घर. उसके बाद आती है सिक्योरिटी. और अगर किसी के पास ये सब कुछ है तो वो अपनी फुल पोटेंशियल यूज़ कर सकता है. खाने, कपड़े और घर की बेसिक नीड्स पूरी करने के लिए आपको पैसा चाहिए.

इसलिए अमीर बनने की चाहत का मतलब है कि आप एक बेस्ट पर्सन बनना चाहते हो. ये चाहत है खुश रहने की, सक्सेसफुल बनने की और प्यार पाने और प्यार लेने की. और ये सब कौन नहीं चाहेगा? ऊपर वाला चाहता है कि आप अमीर बनो. क्योंकि आप अमीर होगे तभी आप एक बैटर इंस्ट्रूमेंट बन सकोगे. ताकि ऊपरवाला आपके जरिये ज्यादा से ज्यादा लोगो की हेल्प कर सके. यूनिवर्स आपको अमीर देखना चाहता है. इसिलए नैचर के पास हमे देने को इतना कुछ है जितना कि हम सोच भी नही सकते. और ये चीज़ आपको याद रखनी होगी. आपका अमीर होने का सपना सिर्फ आपका नही है बल्कि ऊपरवाले और यूनिवर्स की मर्जी भी इसमें शामिल है. आपका पर्पज क्रिएट करना है नाकि डिस्ट्रॉय करना.

आपको लालच या मज़े लेने के लिए अमीर नहीं बनना है बल्कि आपको दूसरो के काम भी आना है. आपको अपनी बॉडी, सोल और माइंड का अच्छे से ख्याल रखना है और इसके लिए आपको अमीर बनना है. आपको अपनी अमीरी का यूज़ करके अपने खाने, कपड़े और शेल्टर का प्रॉपर इंतजाम करना है. आपको दुनिया घूमने के लिए और नई-नई चीजों को सीखने के लिए अमीर बनना है. आपको सच की खोज के लिए अमीर बनना है. आपको इसलिए अमीर बनना है ताकि आप लोगो से प्यार कर सको , लोगो में प्यार बाँट सको और अच्छे काम कर सको.

आपके अमीर बनने का गोल कॉम्पटीशंन नहीं है बल्कि क्रिएशन है. क्योंकि धोखा देना, चोरी करना और किसी का फायदा उठाना एकदम गलत बात है. जो आपका नहीं है, उस पर आपका कोई हक नहीं है. जो पैसा किसी कॉम्पटीशन में कमाया जाता है वो कभी सच्ची ख़ुशी नहीं देता और जल्दी ही खत्म हो जाता है. क्योंकि ऐसा पैसा आज आपके पास है तो कल किसी और के पास होगा. इसलिए कॉम्पटीशंन मत करो. क्योंकि जो आपका है, आपका रहेगा. क्योंकि इस यूनिवर्स में फॉर्मलेस सब्सटेंस की कोई कमी नहीं है.

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