(Hindi) Million Dollar Habits

(Hindi) Million Dollar Habits

इंट्रोडक्शन (Introduction)

क्या आप भी मिलेनियर बनने का ड्रीम देखते है? अगर जवाब है हां, तो ये बुक आपको ज़रूर पढनी चाहिए. क्योंकि बिलेनियर बनने का ड्रीम कोई बेकार का या होपलेस ड्रीम नहीं है. ये कोई ऐसा सपना नहीं है जो सच ना हो सके. आपसे पहले भी कई लोगो ने ऐसे सपने देखे थे और वो लोग भी आपकी तरह गरीब थे, या कम पढ़े लिखे थे, उनके पास कोई ख़ास स्किल भी नहीं थी मगर बावजूद इसके वो सब चेलेंजेस को पार करके सक्सेसफुल बने है.

तो आप ऐसा क्यों नहीं कर सकते? बिलकुल कर सकते है. आप कौन हो? कहाँ से हो? क्या करते हो? इन सब बातो से कोई फर्क नहीं पड़ता. ज़रूरत है तो बस इस बात की कि आप बिलेनियर्स लोगो की हैबिट्स सीख लो. आप भी वही करो जो इन सक्सेसफुल लोगो ने किया. दरअसल सक्सेसफुल लोगो की कुछ गुड हैबिट्स होती है जबकि अनसक्सेसफुल लोगो के पास बेड हैबिट्स होती है. ये बुक आपको उन अच्छी हैबिट्स के बारे में सिखाएगी जिन्हें प्रेक्टिस करके आप भी एक मिलेनियर बनकर अपना सपना पूरा कर सकते हो.

यू आर व्हट यू डू (You Are What You Do)

ज़रा उन लोगो के बारे में सोचो जो आपको मोस्ट सक्सेसफुल लगते है. ऐसा क्या है उनमे जो उन्हें सक्सेसफुल बनाता है? उनकी कौन सी ख़ास हैबिट्स उन्हें आपसे ज्यादा सक्सेसफुल बनाती है? आप जहाँ पहले थे, आज भी वही है, और इसकी वजह आप खुद है. आपका प्रेजेंट टाइम यानी आज आपके एक्श्न्स, आपकी चॉइस और आपके डिसीजंस की वजह से है जो आपने खुद चूज़ की है. और यही डिसीजंस आपका फ्यूचर डिसाइड करेंगे.

तो अब अगर आप भी बहुत ज्यादा सक्सेसफुल बनने का सपना देख रहे हो तो आपका ये सपना पूरा हो सकता है. सब कुछ आपके हाथ में है. यकीन मानो, आपके लिए कोई लिमिट नहीं है. ये और बात है कि अगर आप खुद के लिए लिमिट समझ लो तो फिर कोई आपकी हेल्प नहीं कर सकता. आप खुद अपनी सक्सेस पर कण्ट्रोल कर सकते हो. सब कुछ आपके थौट्स, आपके वर्ड्स और आपके एक्श्न्स पर डिपेंड करता है जो आज से आप लाइफ में अप्लाई करने वाले हो. आपकी डेली लाइफ के 95% काम ऐसे है जो आपकी हैबिट्स है.

और सक्सेसफुल लोग सक्सेस हैबिट्स की प्रेक्टिस करते है, रोज़ उन्हें रीपीट करते है. यही चीज़ तो उन्हें औरो से डिफरेंट बनाती है. आप को भी इन्ही स्कसेस हैबिट्स से स्टार्ट करना है. ये भी ध्यान रखो कि हम अपनी बेड हैबिट्स से छुटकारा पा सकते है और गुड हैबिट्स को प्रेक्टिस में ला सकते है. जॉर्ज वाशिंगटन\ यू.एस.ए के फर्स्ट प्रेजिडेंट थे. जब वो टीनएजर थे तो उन्होंने एक बुक पढ़ी थी“द रूल्स ऑफ़ सिवीलिटी एंड डिसेंट बिहेवियर”.

उन्होंने इस बुक के सारे 110 रूल्स अपनी छोटी सी नोटबुक में लिख के रख लिए थे. हर रोज़ वो उन रूल्स को पढ़ते और एक-एक कर उनकी प्रेक्टिस करते थे. इस बुक की वजह से उनके अंदर गुड हैबिट्स डेवलप हुई. और इस तरह अपने टीनएज की उम्र से ही उन्होंने इस रूल्स की प्रेक्टिस शुरू कर दी थी. फिर जब बड़े होकर वो पोलिटिक्स में गए तब तक गुड बिहेवियर्स उनकी डेली लाइफ का पार्ट बन चुके थे. इन गुड हैबिट्स को अप्लाई करने में उन्हें ज़रा भी मुश्किल नहीं होती थी. तो इसलिए आप भी प्रेक्टिस करो और रीपीट करो. फिर आपके अंदर भी ऑटोमेटिकली गुड हैबिट्स आ जायेंगी.

TO READ OR LISTEN COMPLETE BOOK CLICK HERE

व्हेयर योर हैबिट्स कम फ्रॉम (आपकी हैबिट्स आती कहाँ से है) Where Your Habits Come From

इंसान के ब्रेन के अंदर 20 मिलियन के करीब न्यूरोंस होते है. और इनमे से हर एक न्यूरोन बाकि के 20,000 न्यूरोंस से कनेक्टेड रहते है. और हम लोग अपनी डेली लाइफ में इन न्यूरोंस का एक छोटा फ्रैक्शन ही यूज़ करते है. तो जरा इमेजिन करो कि आपके पास अभी इस वक्त ब्रेन की कितनी पोटेंशियल है जो आप यूज़ ही नहीं कर रहे है. लेकिन सक्सेसफुल लोग करते है बल्कि बहुत ज्यादा करते है. आप भी कर सकते हो. आलस छोड़ दो. मिडीयोकर और बिटरनेस की आदत छोड़ दो. अभी भी वक्त है आप लाइफ में मनचाहा चेंज ला सकते हो.

आपका दिमाग में किस तरह के थौट्स आते है ? ज्यादातर आपके माइंड में क्या चलता रहता है? ये बात समझ लो कि आपके विचार ही आपकी किस्मत बदल सकते है. आप उन्ही चीजों को अट्रेक्ट करते हो जिनके बारे में आप सोचते रहते हो. जैसे कि अगर आप हमेशा पैसे और सक्सेस के बारे में सोचोगे तो आपको ऐसे मौके मिलेंगे जो आपको पैसे कमाने का मौका देगें. इसके उलटे अगर कोई हेमशा एक्सिडेन्ट्स या बिमारी के बारे में सोचेगा या हमेशा परेशान रहेगा तो वही उसकी लाइफ का पार्ट बन जाता है. इसलिए हमेशा पोजिटिव सोचो. अपने विचारो पर कण्ट्रोल रखो नेगेटिव थौट्स हमेशा हमेशा के लिए छोड़ दो.

प्रेक्टिस और रीपीटेशन से आपका माइंड सिर्फ पोजिटिव बाते सोचेगा. और आप पहले से ज्यादा खुश और सक्सेसफुल फील करोगे. इस बुक के ऑथर ब्रायन ट्रेसी ने अपनी इस बुक के थ्रू अपनी सक्सेस स्टोरी शेयर की है. उनकी फेमिली भी काफी गरीब थी. उनके फादर के पास कोई स्टेबल जॉब नहीं थी इसलिए ब्रायन को 10 साल की उम्र से काम करना पड़ा. उन्होंने अपने नेबरहुड में कई टाइप की छोटी-मोटी जॉब्स की. उन्होने पड़ोसियों के लॉन की घास काटी, सूखे पत्ते उठाये और न्यूज़ पेपर्स भी डिलीवर किये. उन्होंने अपने दो वक्त के खाने और कपडे का खर्चा खुद उठाया.

फिर जब वो टीनएजर थे तो उन्होंने एक छोटे होटल में बर्तन धोने का काम पकड़ा. वहां पर पॉट्स और पैन घिसते हुए ब्रायन खुद को बड़ा लकी मानते थे. ब्रायन को पैसे की इम्पोर्टेंस छोटी उम्र में ही समझ आ गयी थी इसलिए उन्होंने हाई स्कूल की पडाई ड्राप करके पैसे कमाने का डिसीजन लिया. उन्होंने कई सारी फैक्ट्रीज और कंस्ट्रक्शन साईट में काम किया. उन्होंने बड़े-बड़े फार्म्स में भी काम किया.

20 साल की उम्र में वो एक सेल्समेन बने. ब्रायन घरो और ऑफिसेस में जाकर डिफरेंट टाइप के प्रोडक्ट्स बेचते थे. उनकी हालत ये थी कि वो अपने दो वक्त के खाने के लिए भी सेल पर डिपेंड थे. एक रात, जब वो अपने बोर्डिंग हाउस में रेस्ट कर रहे थे तो उन्होंने सोचा” ऐसा क्यों होता है कि कुछ सेल्समेन ढेर सारी सेल्स कर लेते है और कुछ सेल्समेन बिलकुल भी सेल नहीं कर पाते?’ अगली सुबह ब्रायन ने एक ऐसी हैबिट स्टार्ट की जिसने उनकी लाइफ ही चेंज कर दी. ये हैबिट थी”सक्सेसफुल लोगो की हैबिट्स लर्न करना और उसे अपनी लाइफ में अप्लाई करना”. एक दिन उन्होंने हिम्मत करके अपनी कंपनी के एक सेल्स एजेंट का नंबर माँगा.

आप कौन सी टेक्नीक यूज़ करते हो जो लोग हमेशा आपसे कुछ ना कुछ खरीद लेते है?’ ब्रायन ने पुछा. तो उस एजेंट ने उन्हें अपना एक सीक्रेट बताया जिसे ब्रायन ने भी अपने कस्टमर्स के साथ ट्राई किया. और फिर उसके कस्टमर्स भी उसके सारे प्रोडक्ट्स लेने लगे. ब्रायन सेलिंग से रिलेटेड कई सारी बुक्स भी पढनी स्टार्ट कर दी थी. इसके अलावा ब्रायन सेल्स सेमिनार में जाते थे और सेल्स के ऑडियो लेक्चर्स भी सुनते थे. उन्होंने जो कुछ भी सीखा था उसे वो तुरंत अप्लाई करते थे. और इस न्यू हैबिट की वजह ब्रायन काफी सेल्स करने लगे थे. उनको प्रोमोशन भी मिली. अब वो सेल्स मैंनेजर बन गए थे. ब्रायन ने जो कुछ सीखा था, अपने टीम मेंबर्स के साथ शेयर किया और उन लोगो को भी इम्प्रूव करने में हेल्प की.

TO READ OR LISTEN COMPLETE BOOK CLICK HERE

SHARE
Subscribe
Notify of
Or
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments