(Hindi) The 5 Second Rule

(Hindi) The 5 Second Rule

इंट्रोडक्शन (Introduction)

क्या सच में सिर्फ़ 5 सेकंड आपकी ज़िन्दगी बदल सकता है? स्पीकर और ऑथर मेल रॉबिंस का कहना है, बिलकुल बदल सकता है,और इतना ज्यादा बदल सकता है कि आपने इमेजिन भी नहीं किया होगा.

क्या जो आपका पैशन है आप उस कैरियर को हासिल करना चाहते हैं? क्या आप अपना हेल्थ और रिलेशनशिप इम्प्रूव करना चाहते हैं? क्या आप और ज्यादा कॉंफिडेंट होना चाहते हैं और अपने डर का सामना नीडरता से करना चाहते हैं?

5 सेकंड रूल आपको सिखाएगा कि अगर आपने खुद को पीछे पकड़ कर रखा हुआ है तो उससे कैसे बाहर निकलना है,कैसे हिचकिचाना बंद करके और एक्शन लेकर आप फाइनली अपने सपनों का जीवन जी सकते हैं.ये सिंपल technique आपके हैबिट्स को एक नया शेप देने में और आपकी ज़िन्दगी के किसी भी पहलु को बदलने करने में आपकी मदद करेगा.एक गाइड के रूप में रॉबिंस के साथ आप सीखेंगे कि कैसे एक सिंपल कमिटमेंट आपके जीवन को पूरी तरह बदल सकता है.

हाउ आई डिस्कवर्ड द # 5 सेकंड रूल (How I Discovered the #5SecondRule)

कभी कभी ज़िन्दगी में, आसान से आसान या छोटा से छोटा काम भी बहुत मुश्किल लगने लगता है. यहाँ तक कि एक ईमेल का जवाब देना या जिम जाना भी बहुत भारी लगता है.
41 की उम्र में ऑथर मेलरॉबिंस को हर रोज़ बिलकुल ऐसा ही लगता था.

रॉबिंस के लिए, अलार्म बजने के बाद बेड से उतरना भी एक बहुत challenging काम था. उठने के साथ ही उन्हें बस उनके साथ हो रही सारी प्रोब्लम्स का ही ख़याल आता था जैसे – bounced चेक, उनके घर पर बैंक द्वारा लगाया गया घर खाली करने का नोटिस, उनका जॉबलेस होना, एक वाइफ और मदर के रूप में स्ट्रगल करना और अपने दर्द को कम करने के लिए शराब पीना. उनके हर दिन की शुरुआत बिलकुल ऐसे होती थी जैसे उनके जीवन में सब कुछ उथल पुथल हो गया हो.

रॉबिंस अपनी लाइफ तो बदलना चाहती थी लेकिन उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कैसे.आखिर, एक रात उन्होंने टीवी पर एक ad देखा. उसमें एक राकेट लांच का टिपिकल 5-4-3-2-1 काउंटडाउन दिखाया जा रहा था. इससे इंपायर हो कर रॉबिंस ने डिसाइड किया कि वो अगले दिन बेड से बिलकुल एक rocket की तरह ही उठेंगीं.

हालांकि, ये सुनने में बड़ा silly लग रहा था लेकिन जैसे ही सुबह अलार्म बजा तो रॉबिंस ने 5 से काउंटडाउन गिनना शुरू किया और अपने बेड से उठने में कामयाब हो गई. तो ऐसे हुई#5 सेकंड रूल के आईडिया की शुरुआत.

व्हाट यू कैन एक्स्पेक्टव्हेन यू यूज़ इट(What You Can Expect When You Use It)

जब आपको किसी गोल को पाने की इच्छा महसूस हो तो 5 से उल्टा गिनना शुरू कीजिये और अपने बॉडी को मूव कीजिये. ऐसा करने से#5 सेकंड रूल आपके लाइफ में एक ऐसा रिजल्ट क्रिएट करता है जिसे आप खुद देख सकते हैं, महसूस कर सकते हैं.

मेल ने ये नोटिस किया और साइकोलॉजिकल रिसर्च भी ये कहती है किकोई एक्शन लेने का इंस्टिंक्ट और आपके ब्रेन का बहाने बना कर उसे टालने की कोशिश के बीच में 5 सेकंड का गैप या विंडो होता है. इस रूल को अपने जीवन में अप्लाई करने से आपइस बहाने बाज़ी को छोड़ कर अपने गोल को पाने के लिए एक्शन लेने लगेंगे.

हमारे पूरे दिन मेंये 5 सेकंड का विंडो बार बार आता है. जब आप इस रूल को फॉलो करेंगे तो आप देखेंगे कि अपने गोल को हासिल करने के लिए आप छोटे छोटे डिसिशन लेने लगे हैं. आप बहाने बनाना बंद कर देंगे और आपके रास्ते में आने वाली बुरी आदतों को भी छोड़ने लगेंगे. ये छोटे छोटे decisions जुड़ कर आपको एक बड़ा रिजल्ट देंगे. ये रूल तब तक काम करता रहेगा जब तक आप इसे यूज़ करते रहेंगे. ये आपको अपने जीवन से डर को दूर करने में और अपने decisons का कण्ट्रोल अपने हाथों में लेने में मदद करेगा.

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व्हाई द रूल वर्क्स  (Why the Rule Works)

#5 सेकंड रूल इसलिए काम करता है क्योंकि ये बहुत सिंपल है.जब आपको किसी गोल को पाने की बहुत ज्यादा इच्छा हो या जो काम आपको करना चाहिए उसे करने से आप हिचकिचा रहे हों तो इस रूल को अपना कर एक्शन लीजिये. पीछे से गिनती शुरू कीजिये, 5-4-3-2-1 और जैसे ही1 तक पहुंचें तो तुरंत उठ जाइए.

किसी चीज़ में अटके रहने के बजाय ये आपको काम करने के लिए फ़ोर्स करेगा. किसी काम को करने में जितना ज़्यादा समय हम सोचने में लगाते हैं उतना ही ज़्यादा चांस बढ़ जाता है  कि हम वो काम कभी कर ही नहीं पाते.ये रूल हम इंसानों के इस बुरी हैबिट को ख़त्म करने में मदद करती है.

आप इस रूल को 3 तरीकों से यूज़ कर सकते हैं. पहला, अपनी पुरानी बुरी आदतों को बदल कर नई आदतों को अपना सकते हैं. दूसरा, आप इसे अपने डर को हारने में और अपने कांफिडेंस को बढ़ाने के लिए यूज़ कर सकते हैं.और तीसरा, आप अपने मन को कण्ट्रोल करके नेगेटिव विचारों और चिंताओं को ख़त्म कर सकते हैं.

इस रूल को आप अपनी लाइफ के किसी भी हिस्से को और भी ज़्यादा अच्छा और बेहतर बनाने के लिए यूज़ कर सकते हैं क्योंकि ये “आप” पर काम करता है. इस रूल के द्वारा एक बुरी आदत को बदल कर आप खुद में एक ऐसा बदलाव लाते हैं जिसका पॉजिटिव असर ज़िन्दगी भर आपके साथ रहता है.

एवरीडे करेज (Everyday Courage)
हम अक्सर साहस के किस्सों के बारे में सोचते हैं कि ऐसे हिम्मत के काम के लिए बुलंद हौसलों की ज़रुरत होती है ,जिसने हिस्ट्री में न जाने कितने किस्सों को अमर कर दिया, लेकिन ये हिम्मत हम अपनी रोज़ की ज़िन्दगी में भी देख सकते हैं. डर और बेचैनी के पल हमें उनका सामना करने के लिए चैलेंज करते हैं.ये हिम्मत और साहस हम में से हर एक के अंदर पहले से मौजूद है. ज़िन्दगी में जबहमें इसकी सबसे ज्यादा ज़रुरत होती है, किसीमुसीबत का सामना करने के लिए और एक्शन लेने के लिए, तो ये हमें एक पुश और जोश देने का काम करता है.

ये करेज अलग अलग रूप में आता है.एक्जाम्पल के लिए, रोज़ा पार्क्स ने एक्स्ट्राऑर्डिनरी“एवरीडे करेज” का प्रदर्शन किया जब साल 1955 में  अलबामा में एक बस में उसने अपनी सीट छोड़ने से मना कर दिया था. बाद में जब रोज़ा को ये किस्सा याद आया तो उसने कहा कि उसने ऐसा करने की प्लानिंग नहीं की थी और ना ही रुक कर इसके परिणाम के बारे में सोचा था. उसने बस उसी पल में ये डिसाइड किया था क्योंकि उसके बर्दास्त की सीमा पार हो चुकी थी.वो एक “ब्लैक अमेरिकन” के रूप में किये जाने वाले भेदभाव से बिलकुल थक गई थी. और इसलिए बिना डरे वो खुद के लिए खड़ी हुई. साहसी होने का मतलब हमेशा दुनिया को बदलना नहीं होता है, ये खुद को भी बदलना भी होता है.

व्हाट आर यूं वेटिंग फ़ॉर? (What Are You Waiting For?)
हम सब ने ज़िन्दगी में “वेटिंग गेम” तो खेला ही है, बिज़नेस स्टार्ट करने के लिए सही समय के लिए वेट किया या खुद को ज़्यादा कॉंफिडेंट बनाने के लिए वेट किया. इस वेट या इंतज़ार का कारण जो भी हो, इसने आपको पीछे पकड़ कर रखा हुआ है. क्योंकि आपके इंतज़ार का हर पल सिर्फ आपके सपनों को हासिल करने में देर नहीं करता बल्कि आप सही मायनों में अपने सपनों के खिलाफ काम कर रहे होते हैं. सच्चाई तो ये है कि “राईट टाइम” कुछ नहीं होता. हम में कोई नहीं जानता कि हमारी ज़िंदगी कितने दिनों की है. हमारे पास बस अभी ये जो पल है वही मौजूद है और आप इन पलों को कैसे जीते हैं ये आप पर डिपेंड करता है.

हम अक्सर अपने सपनों को हासिल करने के लिए दूसरों से एक पुश का वेट करते रह जाते हैं. हम बस उनके मुँह से सुनना चाहते हैं कि हमारा आईडिया कमाल का है और हम में  वो काबिलियत है कि हम अपनी मंजिल को पा सकते हैं. बाहर ये दूसरों से सुनने की चाहत की जगह खुद अपने अंदर जोश भरो.चाहे आप कितने भी डरे हुए क्यों ना हों या कितने भी नर्वस क्यों ना हों, हिम्मत करके उठो और खुद को आगे लाओ.
“राईट मोमेंट” कुछ नहीं होता लेकिन कोई भी मोमेंट “राईट” हो सकता है.

चलिए ई.एल.जेम्स की बात करते हैं. वो मशहूर नॉवेल “फ़िफ्टी शेड्स ऑफ़ ग्रे” की ऑथर हैं. किसी एजेंट या बुकडील के बिना जेम्स जो एक वर्किंग मदर हैं, ने“ट्वाईलाईट” से इंस्पायर हो कर लिखना शुरू कर दिया. समय के साथ, उनमें बुक लिखने का कॉन्फिडेंस आ गया, जो बाद में उन्होंने खुद पब्लिश भी की थी. सिर्फ़ चार दिनों में उस बुक की एक मिलियन कॉपी बिक गई थी.

जब हम कोई एक्शन लेने के बारे में सोचते हैं तो उससे कुछ मिलने की गारंटी चाहते हैं. लेकिन ज़्यादातर समय इसकी कोई गारंटी नहीं होती. ऐसा सोचना शुरू करो कि रिजल्ट मायने नहीं रखता.ज़्यादा मायने ये रखता है कि दुनिया में बाहर निकलकर, कोशिश कर के आप अपने अंदर की पॉवर को जगाए रखते हैं.

अमेरिकन एक्टर मार्क रफ्फलो ने 600 बार ऑडिशन दिया जिसके बाद जाकर उन्हें अपना पहला रोल मिला.
रोवियो, पोपुलर“एंग्री बर्ड्स” के क्रिएटर हैं जिन्होंने सक्सेस का स्वाद चखने से पहले कम से कम 50 गेम्स लांच किये थे .
पिकासो ने अपने जीवन में 50,000 पेंटिंग्स बनाई थी लेकिन सिर्फ़ 100 को ही मास्टरपीस होने का ख़िताब मिला.
बाहर की दुनिया में आने से आपको कई मौक़ों को आजमाने का चांस मिलता है जो शायाद आपको आम तौर पर नहीं मिल सकता.“#5 सेकंड रूल की मदद से आप ये “वेटिंग गेम” ख़त्म कर सकते हैं और अपने सपनों को हासिल करने के लिए हिम्मत जुटा सकते हैं.

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