(Hindi) You Are a Badass: How to Stop Doubting Your Greatness and Start Living an Awesome Life

(Hindi) You Are a Badass: How to Stop Doubting Your Greatness and Start Living an Awesome Life

इंट्रोडक्शन(Introduction)

क्या आप पूरा दिन सोफे पर लेटे लेटे नेटफ़्लिक्स पर फिल्म या शोज़ देखतेरहते हैं या विडियो गेम खेलते रहते हैं? क्या आपको लगता है कि आप दुखी हैं, मोटे हैं और पैसो की तंगी में जी रहे हैं? क्या आप ऐसी जॉब या सिचुएशन में फंस गए हैं जो आपको बिलकुल पसंद नहीं है?

क्या आप हमेशा के लिए इसे बदलना चाहते हैं और अपने जीवन में कुछ  ख़ासऔर मीनिंगफुल करना चाहते हैं ? अगर हाँ, तो ये बुक आपके लिए है.
इस बुक कीऑथर जेन सिंचेरो बिलकुल आप जैसीथीलेकिनफिर एक दिन उन्हेंलगने लगा कि अब बस बहुत हो गया. इस बुक में उन्होंने येबताया है कि वो कैसे टीवी देख कर समय बर्बाद वाली लड़की से इतनी कामयाब, खुश और कॉंफिडेंट लड़की बनी.

ये बुक आपको खुद से ज्यादा प्यार करना सिखाएगी.आप उन पुरानी बातों और नियमों के बारे में जानेंगे जिन्होंने आपको आगे बढ़ने से रोक कर रखा हुआ है औरआप ये भी सीखेंगे किउन्हें कैसे बदलना है. आपजानेंगे कि कैसे छोटी छोटी चीज़ों के लिए धन्यवाद देना, अपना दिल बड़ा करके लोगों के साथ अपनी चीज़ें बांटना और माफ़ करने की सोचरखनाआपके जीवन को कितना बदल सकती है. आप ये भी सीखेंगे कि अपने मन को ऐसे विचारों से भरना चाहिए जो आपको एक कमाल का और खूबसूरत जीवन जीने में मदद करेगा.

माय सबकॉन्सियस मेड मी डू इट  (My Subconscious Made Me Do It)
जब आपका जन्म हुआ था तब आप छोटे से कपडे में लिपटे हुए बसएक मासूम बच्चे थे जो हर एक के चेहरे पर मुस्कान ले आता था, सब को खुश कर देता था. आपकी सुन्दर प्यारी  आँखें बस उसी पल का आनंद लेती थी,उनमेंना बीते हुए कल का दुःख थाना ही आने वाले कल की चिंता थी.उस उम्र में कभी आपको अपने शरीर पर शर्म नहीं आती थी.हर चीज़ आपके लिए नई थी इसलिए आपको हर चीज़ देख कर आश्चर्य होता था.

लेकिन जैसे जैसे आप बड़े होने लगते हैं, आप अपने आस पास के लोगों से सीखने लगते हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि आपके परिवार के विचारों और सोच का आप पर गहरा असर होता है और आप वो सब सीखने लगते हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो सोच सही है या नहीं बस आप उन्हें ही सच मान कर अपना लेते हैं.

आप उन सब नियमों को मानने लगते हैं क्योंकि आप खुद अभी छोटे हैं और आपको इन बातों की अभी समझ नहीं है.जब आपको कोई कहता है कि आप बहुत ज्यादा मोटे हैं, या अब आपको कॉलेज जाना चाहिए या आपको आर्टिस्ट नहीं बनना चाहिए क्योंकि इसमें कुछ नहीं रखा, तो आप इन सन बातों को आसानी सेमान लेते हैं.

हाँ, ये बिलकुल सच है कि आपके माता पिता आपसे बहुत प्यार करते हैं और आपका भला   ही चाहते हैं.लेकिन उन्होंने भी तो ये बातें अपनेमाता पिता सेसीखा थाऔर आपके दादा ने अपने दादा से सीखा था. येबसएक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आगे चलती जाती है फिर चाहे आप उन बातों से सहमत हों या ना हों.

इसलिए देखा जाए तो आप एक ऐसी दुनिया में बड़े हुए हैं जहां आपसे पहले पैदा हुए लोगों की सोच और बातों को आपको अपनाना पडा.ये बुक आपको उन पुराने नियमों को छोड़ कर नए नियम कैसे बनाना है वो सिखाएगी.आप सोच रहे होंगे क्यों, उन्हें तोड़ने की क्या ज़रुरत है? ज़रुरत है, क्योंकि ये आपकी ज़िन्दगी है और आपको इसेखुल कर ख़ुशी से जीने का पूरा हक़ है.

तो चलिए शुरू करते हैं.हमारे माइंड में3 लेवल्स होते हैं जिसे – कॉन्सियस माइंड, सबकॉन्सियस माइंड और अनकॉन्सियस माइंड कहा जाता है. हम किसी भी चीज़ को समझने के लिए और उसका जवाब देने के लिए अपने कॉन्सियस माइंड का इस्तेमाल करते हैं. यहीं से हमें बातें समझने और फैसला करने की समझ मिलती है. ये पूरी तरह से तब डेवलप होता है जब हम बड़े हो जाते हैं.

वहीँ सबकॉन्सियस माइंडका संबंधहमारी भावनाओं और आभास से होता है. आभास जिसे हम इंस्टिंक्ट या मन की आवाज़ भी कहते हैं.ये बचपन से ही पूरी तरह डेवलप्ड होता है.इसलिए बच्चे नासमझ और भावुक होते हैं क्योंकि उनका कॉन्सियस माइंड पूरी तरह डेवलप नहीं होता है.

जो बातें हम बचपन में सुनते हैं और सीखते हैं वो सब सबकॉन्सियस माइंड में बैठ जाते हैं. हमारे बड़े हो जाने के बाद भी वो वैसे ही रहते हैं. हमें तो इस बात का पता भी नहीं चलता किबड़े होने के बाद भी हमारी चॉइस जैसे कि हमारी पसंद, नापसंदउन सब परहमारे माता पिता की सिखाई हुई बातों का गहरा असर होता है.
सोचियेकि आपके पिता का जॉब या बिज़नेस ठीक नहीं चल रहा है जिसकी वजह से पैसों की तंगी रहती है. वो हमेशा शिकायत करते हैं कि पैसा कमाना कितना मुश्किल है. वो अपना सारागुस्सा फर्नीचरको लात मार कर निकालते रहते हैं और उनका स्वभाव चिडचिडा हो गया है.वो आपके साथ समय नहीं बिता पाते क्योंकि वो एक सुखी जीवन के लिए पैसे कमाने की कोशिश में लगे रहते हैं.

एक बच्चे के रूप में आपके सबकॉन्सियस माइंड में वो सारी बातें बैठ जाती है. आपके मन में ये बात बैठ जाती है कि पैसाकमाने का मतलब है मुश्किलों का सामना करना, इसे कमाना कितना मुश्किल है, ये कितना दुःख देती है और इसी की वजह से आपके पिता आपके साथ कभीसमय नहीं बिता पाए.

बड़े होने पर हो सकता है कि आप भी पैसा कमाने और उसे बचाने को लेकर दुःख और तकलीफ महसूस करेंगे. पैसा कमाने के बाद भी आपको हमेशा लगेगा कि ये भी कम है. या ऐसा भी हो सकता है कि आपके पास बहुत पैसा होगा लेकिन आप उसे खर्च कर के बर्बाद कर देंगे क्योंकि आपके मन में ये बात बैठ चुकी है कि ज्यादा पैसा होने का मतलब है उस इंसान को खो देना जिसे आप प्यार करते हैं.

आपको पता भी नहीं चलता कि आपका सबकॉन्सियस माइंड एक परछाई की तरह हमेशा आपके फैसले पर अपना असर डालती रहती है. ये बुक आपको उस बंधन को तोड़ने में मदद करेगा ताकि आप खुल करअपनी मर्ज़ी से ऐसा जीवन जी सकें जैसा आप हमेशा चाहते थे.

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प्रेजेंटएज़ अ पिजन (Present as a Pigeon)

एक कबूतर सिर्फ आज में जीता है. ना वो बीते हुए कल के बारे में सोच ककर परेशान होता है औरना आने वाले कल के बारे में चिंता करता है. वो मस्त होकर खाने की तलाश में यहाँ से वहाँ उड़ता रहता है. पेट भर खाने के बाद वो संतुष्ट और खुश हो जाता है.

और इंसान,वोबस चिंता करने में ही लगा रहता है.हम सब की ज़िन्दगी में कुछ ना कुछ ड्रामा तो चलता ही रहता है. हम चाहते है कि दूसरे हमें अपनाएं, हम छोटी छोटी बात पर शिकायत करने लगते हैं. हमारे आस पास हो रहे चमत्कार को तोहम देख ही नहीं पाते. हम जीवन के चमत्कार को देख नहीं पाते.

ऐसा माना जाता है कि ये पृथ्वी एक इमेजिनरी सर्कलपर घूम रही है. यहाँ पेड़ पौधे, हवा और पानी सब कुछ है. हम हंस सकते हैं, प्यार कर सकते हैं, नई नई धुन बना सकते हैं.हमारे पास कंप्यूटर, गाड़ी, दवाइयां और मफिन्स हैं. ये पूरा यूनिवर्स छोटे बड़े चमत्कार से भरा हुआ है. ज़िन्दगी  में हर रोज़ कुछ ना कुछ अजूबा या चमत्कार होता ही रहता है लेकिन हम उस पर कभी ध्यान ही नहीं देते, वो हमें नज़र ही नहीं आता  और सच में ये बहुत ही दुःख की बात है.

क्या हमें अपने पास मौजूद सभी अच्छी चीज़ों की कदर करने के लिए मौत को करीब से देखने करने की ज़रुरत है ?हमें बच्चों और जानवरों से सीखना चाहिए, कैसे वो उसी पल में जीते हैं, छोटी छोटी बातों में खुश हो जाते हैं. क्या आपने कभी गौर किया है कि एक कुत्ता जिसने अपने मालिक को एक घंटे से नहीं देखा हो , जब वो उसके सामने आता है तो वो उसे देख कर ख़ुशी से उछलने लगता है.आप देखेंगे कि उसमें कितना जोश आ जाता है और वो कितना खुश होता है. अगर कुत्ते भी बोल सकते तो शायद वो भी अपनी ख़ुशी बोल कर कुछ  इस तरह कहता कि “मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ, आपमेरे साथ हैं और मुझे इतनी ख़ुशी हो रही है कि इसी ख़ुशी में मैं अब पूरे फ्लोर पर सु सु करने जा रहा हूँ”.

छोटे बच्चे भी,जो पल है उसी में जीते हैं. वो नई नई चीज़ें खोजने में, सीखने में और नौटंकी करने में मस्त और खुश रहते हैं. वो इस बात की परवाह नहीं करते कि लोग क्या सोचते हैं. वोदूसरे बच्चों के साथ खुद की तुलना नहीं करते.एक नन्हा सा बच्चा खुल कर हंसता है, डांस करता है, गाना भी गा लेता है और उछलता भीरहताहै, ये सब उसके लिए एक खेल है जिसमें उसे बड़ा मज़ा आता है. और उसका मन ना भरे तब तक वो ये सब करता ही जाता है क्योंकि उसके लिए बस यही मज़ा और हंसी ही मायने रखती है, और कुछ नहीं.

जीवन में आपको जो कुछ भी चाहिए वो  सब यहाँ पहले से ही है. जो पैसा आप कमाना चाहते है, जिस इंसान से आप मिलना चाहते हैं, कोई अनुभव जो आप करना चाहते है वो सब यहाँ मौजूद है. आपको बस इसे अपने रियलिटी(reality) का हिस्सा बनाने की ज़रुरत है.

चलिए बिजली के बारे में सोचिये. इलेक्ट्रॉन्स, पॉजिटिव और नेगेटिव एनर्जी, चुम्बक की शक्ति ये सब इस धरती पर हमेशा से थे. इसकी शक्ति को पहचान कर इसे लोगों तक पहुंचाने और उपयोग में लाने के लिए हमेंनिकोला टेस्ला जैसे जीनियस की ज़रुरत पड़ी. कहने का ये मतलब है कि आप जिन चीज़ों को पाने की इच्छारखते हैं वो तो पहले से ही यहाँ पर है. आपको बस उसे देखने की ज़रुरत है या समझने की ज़रुरत है कि आप उसे कैसे हासिल कर सकते हैं.आइये अब एक ऐसी लड़की की कहानी सुनते हैं जो हिन्दू धर्म के भगवान् कृष्ण को देखना चाहती थी. वो घने जंगले में चली गई और पूजा और ध्यान करने में मगन हो गई.

कुछ समय बाद कृष्ण ने उसे दर्शन दिए. वो बिलकुल उसके सामने खड़े थे. उन्होंने उसे आँखें खोलने के लिए कहा. पर उसने कहा “सर प्लीज मेरा ध्यान भंग मत कीजिये, मैं बहुत ज़रूरी काम करने में बिजी हूँ”.

तो इससे ये सीखने को मिला कि अभीजो पल है उसमें जीना सीखिए. बीते हुए कल की चिंता या आने वाले कल की परवाह मत कीजिये. अभी जो है वो ख़ास है, वो मायने रखता है.आपके साथ इस समय जितनीभी अच्छी चीज़ें हो रही हैं बस उसी पर ध्यान दीजिये. गहरी सांस लीजिये, इसपल को पूरी तरह महसूस कीजिये. अपने दिल की धड़कन को महसूस कीजिये.

जिनसे आप प्यार करते हैं, जो आपके दिल के करीब हैं उन्हें देखिये. आपके पास ज़िन्दगी में कितना कुछ है, उन सब दुआओं और आशीर्वाद को देखिये. सब चीज़ों के लिए धन्यवाद देना सीखिए. इस बात पर भरोसा रखिये कि आज अगर आप कुछ अच्छा और सही करेंगे तो आपके पास भी सिर्फ अच्छी चीज़ें ही आएंगी.

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