(Hindi) The Obstacle Is the Way: the Timeless Art of Turning Trials into Triumph

(Hindi) The Obstacle Is the Way: the Timeless Art of Turning Trials into Triumph

इंट्रोडक्शन (Introduction)


क्या आप अभी किसी मुसीबत का सामना कर रहे हैं ? या आप किसी सपने को पूरा करने की कोशिश करने से डर रहे हैं ?अगर हाँ तो आप अकेले नहीं हैं,ये हम सब के साथ हुआ है. जब हमारे रास्ते में कोई रुकावट आ जाती है तो ज़्यादातर लोग या तो आगे बढ़ने से डर जाते हैं या अगला कदम रखने से.

ये जानते हुए भी कि हमें क्या करना चाहिए, हमडर कर वहीं रुक जाते हैं. शायद हम अपनी ज़िन्दगी में जहां है वहाँ खुश नहीं हैं फिर भी हम उसे दूर करने के लिए कुछ भीनहीं करते. हम आगे ही नहीं बढ़ पाते हैं.

ये बुक समरी आपको एकऐसे ज़रूरी गुण या प्रिंसिप्ल के बारे में बताएगी जिससे आप ये सीखेंगे कि कैसे इस  रुकावट को एक मौके में बदल कर सफलता हासिल की जा सकती है. बुरा वक़्त का मतलब ये नहीं होता कि सब कुछ ख़त्म हो गया है. ये भी बस समय है जो गुज़र जाएगा. ये फैसला आपका है कि ये आपको क्या बना कर जाता है : एक सक्सेसफुल इंसान या एक हारा हुआ निराश इंसान.

अपनी मुश्किलों से एक सफल आदमी बन कर निकलने के लिए ये बुक आपको दुनिया को देखने का एक अलग नजरिया सिखाएगी, कैसे अपनी ज़िन्दगी में ज्यादा डिसिप्लिन अपना करकाम करना है और कैसे आगे बढ़ते जाना है ये भी सिखाएगी.

आप ये भी सीखेंगे कि चुप बैठने से कुछ नहीं होगा, कोई काम करना या अगला कदम उठाना बहुत ज़रूरी है . मगर बिना सोचे समझे ऐसा नहीं करना है, समझदारी से हर स्टेप उठाना है, लगातार बिना रुके, ताकि हम अपने गोल तक पहुँच सकें.

आप को ये समझ में आएगा कि हालांकि कोई ना कोई एक्शन लेना ज़रूरी है लेकिन वो काफी नहीं है. दुनिया जीतने के लिए आप उन स्ट्रेटेजीज या प्लानिंग प्रोसेस के बारे में जानेंगे जो आपकी ज़िन्दगी को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी.

अगर आपकी ज़िन्दगी अभी थोड़ी मुश्किल है तो चिंता मत कीजिये, आप अकेले नहीं हैं. ये समरी आपको उन लोगों की कहानियों के बारे में बताएगी जो बहुत मुश्किल हालातों में रहे हैं लेकिन फिर भी वो उन सब का सामना करके उससे ज्यादा मज़बूत और सफल बन कर बाहर निकले हैं.

ऐसा नहीं है कि उनमें कोई अनोखी या ख़ास बात है. आप उनसे सीख कर उनके जैसे बन सकते हैं. क्या पता आप उनसे भी ज्यादा सक्सेसफुल हो जाएँ. अगर आपको अपनी ज़िन्दगी का मकसद या गोल मिल गया है और आप डट कर मुश्किलों का सामना करने की हिम्मत रखतें हैं तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता औरसफलता की कोई सीमा नहीं होती, आप कितनी भी सफलता चाहेंहासिल कर सकते हैं.

TO READ OR LISTEN COMPLETE BOOK CLICK HERE

द डिसिप्लिन ऑफ़ परसेप्शन (The Discipline of Perception)

ज़िन्दगी हमारी समझ और सोचने के तरीके के बारे में है. आप दुनिया को किस नज़रिए से देखतें हैं और समझतें हैं इस बात का फैसला करता है कि आपके सफल होने के कितने चांसेस हैं. बिज़नस हमेशा हमारे हिसाब से नहीं चलता, कभी प्रॉफिट तो कभी लॉस तो होता ही है.

कभी कभी आप ऐसी रुकावटों का सामना कर सकते हैं जो आपकी रातों की नींद ही उड़ा देगा.ऐसे समय में आपको कॉन्फिडेंस के साथ इसका सामना करके इसे सुलझाना होगा. आस पास के लोगों की घबराहट से अपने मन पर असर मत होने दीजियेगा क्योंकि इस समय आपको खुले दिमाग से सोचने की ज़रुरत है.

डट कर मजबूती से खड़े रहिएगा. किसी प्रॉब्लम से निकलने का एक ही तरीका होता है, बुद्धि लगा कर सोच कर कोई उपाय ढूंढना.शांत रहिये और ऐसे उपाय के बारे में सोचिये जो आपकी प्रॉब्लम को हल करने में मदद कर सके. सक्सेसफुल लोग प्रॉब्लम में भी एक ओप्पोर्तुनिटी या मौका ढूंढ लेते हैं.

जॉन रॉकफेलर एक फेमस आयल कंपनी के मालिक बनने से पहले एक छोटे इन्वेस्टर थे.उनकी पहली जॉब एक बुककीपर (अकाउंटेंट) की थी. वो खुश थे कि हर दिन उन्हें 50 सेंट मिल रहा था. फिर ऑहियो में मार्केट खराब होने की वजह से बहुत बड़ी समस्या हो गई. उनका शहर क्लीवलैंड को1857 की क्राइसिस से सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ था.

पूरे देश में बिज़नस की हालत बहुत खराब थी. इसकी वजह से अनाज के दाम गिरने लगे. इकॉनमी और बिज़नस की हालत अपनेसबसे बुरे समय से गुज़र रही थी और इस मुश्किल वक़्त का पूरे  देश को कई सालों तक सामना करना पडा.

ये हिस्ट्री का सबसे बुरा क्राइसिस था. रॉकफेलर घबराए नहीं और अपने शराबी पिता की तरह डर कर भागे भी नहीं. उन्होंने अपना बिज़नस बंद नहीं किया, वो डट कर खड़े रहे.

इस प्रॉब्लम की वजह से जैसे सबसे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था, सब बस चिंता कर रहे थे या भाग रहे थे. रॉकफेलर विश्वास के साथ खड़े रहे और हर चीज़ को ध्यान से देखने लगे और समझने लगे.उन्होंने ठान लिया था कि इस क्राइसिस से जितना हो सके वो सीखेंगे. एक बिजनेसमैन के नज़र से उनके लिए ये एक मौका था गलतियां समझ कर उनसे सीखने का.

वो अपने पैसे बचाने लगे और उन गलतियों को करने से बचने की कोशिश करने लगे जो दूसरे कर रहे थे. उन्होंने बहुत इम्पोर्टेन्ट सबक सीखा जो जीवनभर उनके काम आने वाला था. उन्होंने सीखा कि बिज़नस का मार्केट और इकॉनमी कभी भी एक जैसे नहीं रहते, ये कभी भी बदल सकतेहैं. कभी प्रॉफिट तो कभी लॉस हो सकता है, यहाँ किसी चीज़ की कोई  गारंटी नहीं है.

उन्होंने ये भी सीखा कि इस तरह के मार्केट में काम करने के लिए हमें डिसिप्लिन और बुद्धिमानी से फैसला करने की ज़रुरत होती है. सिर्फ इसलिए कि आप डरे हुए हैं और बिना सोचे समझे कोई शोर्ट कट वाला फैसला अपना लेते हैं तो ये आगे जा कर आपको सक्सेसफुल नहीं बना पाएगा.

जबरॉ कफेलर 25 साल के हुए तो कुछ इन्वेस्टर्स ने उन्हें ऑयल बिज़नेस में काम शुरू करने के लिए पैसे ऑफर किये. रॉकफेलर ने तेल के कुओं के बारे में पता लगाया, फिर उन्होंने वो पैसे वापस कर दिए. उन इन्वेस्टर्स को बहुत हैरानी हुई कि रॉकफेलर ने एक ऐसे ऑफर को मना कर दिया जो उन्हें एक गोल्डन चांस जैसा लग रहा था. मगर रॉकफेलर की नज़र में ये एक अच्छा और फायदे का इन्वेस्टमेंट नहीं था इसलिए उन्होंने मना कर दिया. वो बहुत डिसिप्लिन के साथ जीते थे. बिज़नेस को देखने का उनका अलग नजरिया था, वो फैक्ट्स को देख कर समझ कर फैसला लेने में विश्वास करते थे. वो लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देते थे. उनका यही सोचने का तरीका उन्हें इतना आगे ले गया, उन्हें एक के बाद एक मौके मिलते चले गए. कम उम्र में उन्होंने सीख लिया था कि सफल होने के लिए हमें पेशेंस और डिसिप्लिन की ज़रुरत होती है.

अगले बीस सालों में ऑयल बिज़नेस का  90% मार्केट रॉकफेलर के हाथ में था. जो बात उन्हें दूसरों से अलग बनाती है वो ये है कि उन्होंने कभी लालच नहीं किया और ना कभी किसी चीज़ से डरे.

चिंता मत कीजिये, ये कोई स्पेशल पॉवर नहीं है. ये चीज़ों को देख कर समझ कर उसे एक्सपीरियंस करने से मिलता है.तो आप भी हर मुसीबत में एक मौका देखना सीख सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं. ज़िन्दगी हमेशा सीधी या आसान नहीं होती इसलिए सबसे अच्छा होता है कि हम इसके लिए तैयार रहे.

TO READ OR LISTEN COMPLETE BOOK CLICK HERE

रेकग्नाइज़ योर पॉवर (Recognize Your Power)

कभी कभी हम मुश्किल सिचुएशन में होते हैं फिर भी उससे सफल हो कर बाहर आ जाते हैं. कभी कभी हम उस मुश्किल के सामने हार मान लेते हैं और हमारी जॉब या बिज़नेसडील हमारे हाथों से निकल जाती है.

फर्क बस हमारी सोच का है.हमारे सोचने का तरीका इतना पावरफुल हथियार है जो हमें बिलकुल तोड़ भी सकता है या बहुत ज्यादा ताकतवर भी बना सकता है. आप नज़र से किसी प्रॉब्लम को देखते हैं और समझतें हैं वो सबसे ज्यादा मायने रखता है.

अगर आप लोगों के भरोसे या किसी सिचुएशन के ऊपर अपने प्रॉब्लम को छोड़ देंगे तो आप हमेशा हारेंगे.मान लीजिये कि अचानक से कुछ ऐसा होता है जिसके लिए आप तैयार नहीं हैं,तो एक गहरी सांस लीजिये, शान्ति से उसका सामना कीजिये. उस सिचुएशन का फायदा उठाने की कोशिश कीजिये, उसे अपना फायदा मत उठाने दीजिये.

रुबिन कार्टर की कहानी एक बहुत अच्छा एक्जाम्पल है कि कैसे हमारे सोचने का नजरिया, हमारे सोचने की ताकत कैसे बुरे वक़्त का भी नतीजा बदल देती है. कार्टर एक बहुत सफल बॉक्सर थे. उन्हें एक नाम“तूफ़ान” भी दिया गया था. 1960 में उन पर तीन लोगों का मर्डर करने का इलज़ाम लगा था.

बेक़सूर होते हुए भी उन्हें जेल जाना पड़ा.उनकी जगह कोई और होता तो टूट जाता, डर जाता या बहुत गुस्सा हो जाता. मगर वो ऐसे नहीं थे. वोकोर्ट में ट्रायल के समय भी महँगा सूट, डायमंड की रिंग और सोने की घडी पहन कर जाते थे.

जब कार्टर को जेल ले जाया गया तो उन्होंने एक अपराधी जैसा व्यवहार स्वीकार करने मना कर दिया. वो बेक़सूर थे और उन्होंने अपनी इस ताकत को उन्हें छीनने नहीं दिया.

हाँ वो अब आज़ाद नहीं थे, जेल के अन्दर बंद थे मगर कमज़ोर भी नहीं थे. उन्होंने सबको धमकी दी थी कि अगर कोई उनके साथ एक कैदी जैसा व्यवहार करेगा तो वो उसे बहुत मारेंगे. वो डट कर खड़े रहे और अपनी सोच और ऐटिटूड को वैसे ही बनाए रखा.  जेल में बंद होने के बावजूद उन्होंने इसे एक मौके की तरह देखा कि वो इससे कितना कुछ सीख सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं.

वो बहुत बुक्स पढ़ा करते थे जैसे लॉ की, फिलोसोफी और हिस्ट्री की. हालांकि वो जेल में थे, कार्टर ने इस बुरे समय का खुद पर असर नहीं पड़ने दिया.
कोई रुकावट हम पर कैसा असर करा है इसका फैसला हम खुद करते हैं. ज़िन्दगी हमें तकलीफ दे सकती है पर वो हमसे हमारी ताकत नहीं छीन सकती. हमारी सोच और हमारे फैसले हमारा फ्यूचर बनाते हैं.

TO READ OR LISTEN COMPLETE BOOK CLICK HERE

स्टेडी योर नर्व्ज़ (Steady Your Nerves)

हमारे जीवन में, ख़ास कर बिज़नेस की दुनिया में, हमारी हिम्मत और सोचने के तरीके का सीधा असर हमारे फैसले पर पड़ता है. हम हमेशा कम्पटीशन से घिरे रहते हैं जहां दूसरे हमसे आगे निकलने की कोशिश करतेहैं, कभी ऐसे एम्प्लोयीज़ भीहोते हैं जो ठीक से अपना काम नहीं करते और ऐसे सिचुएशन भी होते हैं जो हमारी पहुँच से बाहर होते हैं, उन पर हमारा कोई कण्ट्रोल नहीं होता.

हमेशा कुछ ना कुछ होता ही रहेगा जो आपको डराएगा और नुक्सान पहुंचाएगा. आपको खुद से पूछना होगा : क्या उन्हें आप जीतने देंगे ? या आप खुद को समझाकर और संभालकर मजबूती से खड़े रहेंगे ?

जितनेऊँचे आपके सपने होंगे उतने ही ज्यादा मुश्किलों का आपको सामना करना होगा. सफलतापाना इतना आसान नहीं है, उसे पाने के लिए कुछ ना कुछ तो कीमत चुकानी ही पड़ती है. जब आप उसका सामना करेंगे तो आपका टैलेंट आपको नहीं बचाएगा. आपको आपकी बुद्धिमानी और समझ बचाएगी.अगर आप किसी खतरे का सामना एक क्लियर माइंड और शांत दिमाग से करेंगे तो आपइससे पहले से भीज्यादा ताकतवर और सक्सेसफुल बन कर निकलेंगे.

मुसीबत में कैसे खुद के मन को कडा रखना है उसका एक बहुत अच्छा एक्जाम्पलहै यूलिस एस ग्रांट(Ulysses S. Grant) . वो एक अमेरिकन सिविल वॉर जनरल थे. एक बार एक वॉर ख़त्म होने के बाद सबकी फोटो खिंची जा रही थी. ग्रांट एक स्टेज पर बैठे थे. फोटोग्राफर ने अपने असिस्टेंट से लाइट लगाने को कहा .
जब असिस्टेंट लाइट लगाने की कोशिश कर रहा था तो वो फिसल कर गिर गया जिसकी वजह से गिलास टूट कर हर जगह बिखर गया. ये बहुत डराने वाला नज़ारा था क्योंकि ये ग्रांट के बिलकुल पास में गिरा था.पर फोटोग्राफर ने देखा कि ग्रांटने अपनी पलक तक नहीं झपकाई मतलब वो बिलकुलभीडरे नहीं.

एक बार वॉर के समय एक बम ग्रांट के बिलकुल पास आकर गिरा.उनके घोड़े को चोट लगी पर उन्हें कुछ नहीं हुआ.उस समय ग्रांट दुश्मन पर टेलिस्कोप से नज़र रख रहे थे.जबबम वहाँ गिरा तो वो बिलकुल नहीं डरे,यहाँ तक कि पीछे भी नहीं हटे.

एक इंसान अपने काम को कितना ध्यान लगा कर कर सकता है ये इसका एक अच्छा एक्जाम्पल है.उसे पता है कि उसे क्या करना है और इसके लिए वो किसी भी चीज़ का सामना करने को तैयार रहता है. हमें इसी हिम्मत और नीडरता की ज़रुरत है.

TO READ OR LISTEN COMPLETE BOOK CLICK HERE

SHARE
Subscribe
Notify of
Or
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments