(Hindi) The Diabetes Code: Prevent and Reverse Type 2 Diabetes Naturally

(Hindi) The Diabetes Code: Prevent and Reverse Type 2 Diabetes Naturally

इंट्रोडक्शन (Introduction)


1970 में पूरी दुनिया हेल्थ को लेकर चिंतित थी, कारण था एड्स (AIDS). उस समय डायबिटीज एक रेयर बिमारी हुआ करती थी, मतलब किसी किसी को होती थी. आज हमने एड्स से लड़ना सीख लिया है . और अब , 1980 से डायबिटीज तेज़ी से बढ़ता जा रहा है और इसके पेशेंट्स चार गुना बढ़ गए हैं .
डायबिटीज ने हर ऐज, जेंडर, रेस, कंट्री, अमीर या गरीब, हर किसी को अफ्फेक्ट (affect) किया है. माना जाता है कि 2040 में हर दस में से एक एडल्ट डायबिटिक होगा.

ये कैसे हुआ ? क्या ये प्रोसेस्ड फ़ूड यानी डिब्बों में पैक खाना को ज्यादा यूज़ करने से हुआ है ? हम डायबिटीज को कैसे ख़तम कर सकते हैं ? हम इसे कैसे रोक सकते हैं या कैसे रिवर्स कर सकते हैं ? डायबिटीज का सीधा रिलेशन ओबेसिटी यानी मोटापा , हार्ट डिजीज , ब्लाइंडनेस, किडनी फेलियर और पैर के अलसर से है. हर दिन ये ज्यादा से ज्यादा लोगों में फैलता जा रहा है. इस बुक में आप डायबिटीज के बारे में जानेंगे. आप टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के बीच में क्या फर्क होता है ये सीखेंगे .

डायबिटीज की वजह से जो  बीमारियाँ होती हैं उनके बारे में भी जानेंगे. डायबिटीज बॉडी के सारे ओर्गंस पर अपना असर डालता है और उसे खराब कर देता है . डॉक्टर्स कहते हैं कि ये “एक क्रोनिक और प्रोग्रेसिव डिजीज है  “मतलब लम्बे समय तक चलने वाली और समय के साथ और बढ़ने वाली डिजीज है. इसे ठीक करना या इससे बच पाना थोडा मुश्किल है . लेकिन क्या ये बात सच में सही है ? क्या डायबिटीज एक बार होने के बाद कभी ठीक नहीं होती है?

डॉ. जेसन फंग कहते हैं कि ऐसा नहीं है . डायबिटीज को रोका भी जा सकता है और रिवर्स भी किया जा सकता है . एक नेचुरल और असरदार तरीका है जिसने ऐसा कर के दिखाया है . सबसे अच्छी बात ये है कि सिर्फ दो स्टेप्स फॉलो करने की ज़रुरत है . इस बुक summary में आप इसके बारे में सीखेंगे.

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हाउ टू रिवर्स एंड प्रिवेंट टाइप 2 डायबिटीज :  (How to Reverse and Prevent Type 2 Diabetes)
द क्विक स्टार्ट गाइड  (The Quick Start Guide)

फैक्ट नंबर 1 कहता है कि क्या आप डायबिटिक हैं ? क्या आपका कोई फ्रेंड या फॅमिली मेम्बर डायबिटिक है ? सबसे इम्पोर्टेन्ट बात जो आपको पता होनी चाहिए वो ये है कि डायबिटीज को 100% रोका जा सकता है और रिवर्स किया जा सकता है. बहुत सारे डॉक्टर्स का कहना है कि डायबिटीज एक लम्बे समय तक चलने वाली और समय के साथ बढ़ने वाली डिजीज है . उनका कहना है कि इससे बचने का कोई रास्ता नहीं है . अगर आपको डायबिटीज हो गया तो ये एक ऐसी जेल की सज़ा है जिससे आपको कभी  छुट्टी नहीं मिलेगी. आपकी हालत  समय के साथ और खराब होती जाएगी.

वैसे आपको जानकार सरप्राइज होगा कि ये सारी बातें झूठ हैं. आप डायबिटीज को रिवर्स भी कर सकते हैं और उसे होने से भी रोक सकते हैं. अगर आपको पता चले कि आपको डायबिटीज हो गया है, तो भी आप अपनी लाइफ और ब्लड शुगर लेवल को वापस नार्मल स्टेट में ला सकते हैं.कैसे ? ये इलाज़ या मेडिसिन से नहीं होगा, जैसा कि आपको हमेशा बताया गया है . आप डायबिटीज को लाइफस्टाइल और अपना डाइट चेंज करके रिवर्स कर सकते हैं यानी अपना डेली रूटीन और अपने खान पान में चेज़ेस कर के इसे रिवर्स कर सकते हैं. बस और कुछ नहीं करना होगा. कोई  महंगी दवाई नहीं, कोई खतरनाक ट्रीटमेंट नहीं.

फैक्ट नंबर 2 कहता है. डायबिटीज ज्यादा शुगर खाने से होता है. इमेजिन कीजिये की आपकी बॉडी एक बड़े कटोरे जैसी है जिसमें शुगर भरा हुआ है . जब आप पैदा होते हैं तो ये कटोरा खाली होता है. जैसे जैसे आप बड़े होते जाते हैं वैसे ये कटोरा भरने लगता है क्योंकि आप शुगर और रिफाइंड कार्बोहायड्रेट खाते हैं. रिफाइंड कार्बोहायड्रेट का मतलब वो फ़ूड जिसमें बहुत ज्यादा शुगर होता है और बहुत कम फाइबर और नुट्रिएंटस  होता है, जो हमारी बॉडी के लिए हार्मफुल होता है.

अब, आपकी बॉडी इन्सुलिन बनाती है जो आपके खाने से शुगर निकाल कर आपके सेल्स (cells) तक पहुंचाने का काम करती है . इन्सुलिन का यही काम होता है. अगर आप अपनी बॉडी में जो शुगर है उसे बर्न यानी यूज़ नहीं करते हैं तो एक टाइम आता है  जब आपके सेल्स पूरी तरह शुगर से भर जाते हैं.
आपकी बॉडी और इन्सुलिन बनाती जाती है सेल्स में शुगर पहुंचाने के लिए. लेकिन अब ये काम नहीं कर पाता है. ये ऐसा है जैसे आप किसी बैग में कपडे डालते जाते हैं और वो अंत में एकदम भर जाता है. आप जितनी भी कोशिश कर लीजिये लेकिन बैग बंद नहीं हो पाएगा. प्रॉब्लम को सोल्व करने के लिए आपको कुछ कपडे बाहर निकालने ही पड़ेंगे.

अब जब आपके ब्लड में शुगर लेवल बहुत ज्यादा हो गया है तब आप डॉक्टर के पास जाते हैं.  डॉक्टर आपको इन्सुलिन इंजेक्शन या मेटफोर्मिन जोकि एक दवाई है, लेने के लिए कहते हैं .सच्चाई ये है कि आपकी बॉडी में जितना ज्यादा इन्सुलिन होगा उतना ज्यादा आपके ब्लड में शुगर होगा. इससे सिर्फ और नुक्सान होता है. हर दिन आप और ज्यादा इन्सुलिन रेसिस्टेंट बन जाते हैं.  इन्सुलिन रेसिस्टेंट का मतलब है जब सेल्स इन्सुलिन की तरफ रेस्पॉन्ड करना बंद कर देते हैं और इन्सुलिन आपके सेल्स पर अपना काम नहीं कर पाता है.

मेटफोर्मिन आपके ब्लड से ज़रुरत से ज्यादा  शुगर को निकाल देता है. सोचिये कि वो कहाँ जाता है? वो आपके दूसरे ओर्गंस (organs) में चला जाता है.
जब आप ब्लड में शुगर लेवल को चेक करते हैं तो वो नार्मल आता है क्योंकि शुगर अब आपके  ब्लड में नहीं बल्कि पूरी बॉडी में जा चुका है.नेक्सट फैक्ट कहता है कि डायबिटीज के लिए जो ट्रीटमेंट यूज़ किया जाता है असल में वो इसे और भी खराब और आपको और भी बीमार कर देता है. डॉक्टर आपको ये बोलते हैं कि उन्होंने अपना काम कर दिया क्योंकि आपका ब्लड शुगर लेवल टेस्ट करने पर नार्मल आता है.

मगर फिर आपके ओर्गंस में जाने वाला ज्यादा शुगर स्ट्रोक, हार्ट अटैक, किडनी फेलियर और ब्लाइंडनेस का कारण बनता है. और जब ऐसा होता है तो डॉक्टर्स कहते हैं कि “आपको तो पता ही है  कि डायबिटीज एक क्रोनिक और प्रोग्रेसिव डिजीज है .” इस तरह से सोचिये. आप अपने कचरे को अपने बेड के नीचे छुपा देते हैं ताकि आप बोल सकें कि आपका घर साफ़ है. आप उस कचरे को फेंकते नहीं हैं बस उसे ऐसी जगह छुपा देते हैं जहां आप उसे देख नहीं सकते. तो आप अपना कचरा अलमारी, बेसमेंट और छत पर रख देते हैं. हाँ, आप उस कचरे को देख नहीं सकते लेकिन जल्दी ही उस कचरे से स्मेल आना शुरू हो जाएगी.

क्यूँ ? क्योंकि उस कचरे को फेंका नहीं गया है और वो सड़ने लगा है. तो इस प्रॉब्लम का  क्या सोल्युशन है ? ये कि आप अपने कचरे को छुपाइये  मत, उसे बाहर फ़ेंक दीजिये.
नेक्सट फैक्ट कहता है कि टाइप 2 डायबिटीज बॉडी के सारे ओर्गंस पर असर डालता है. दस या बीस सालों के बाद,  ये ज्यादा शुगर आपके किडनी, आईज, लीवर , हार्ट, ब्रेन और लेग्स में जमा हो कर सड़ने लगता है.
अब, इसे आप क्रोनिक कह सकते हैं. ये ज़रुरत से ज्यादा शुगर अन्दर ही अन्दर आपके बॉडी को खराब कर देती है. ये आपको धीरे धीरे लेकिन बहुत तकलीफ़ दे सकता है. आपके हर ऑर्गन पर इसका असर होता है.  तो इसका क्या उपाय है ? ऐसा क्या है जो इसको बदल सकता है ? क्या है जो सिचुएशन को एकदम चेंज कर सकता है ? ये मेडिसिन से तो पॉसिबल नहीं है, ये पक्का है.

फैक्ट नंबर 6 कहती  है. डायबिटीज को लो (low) कार्बोहायड्रेट डाइट और फास्टिंग (खाना नहीं खाने को फास्टिंग कहते हैं) करके रिवर्स किया जा सकता है.
आपकी बॉडी में प्रॉब्लम का कारण है ज़रुरत से ज्यादा शुगर, इसलिए पहले आपको अपने डाइट प्लान में शुगर को कम करना होगा. उन चीज़ों को मत खाइए जिसमें ज्यादा शुगर होता है जैसे स्वीट्स , सॉफ्ट ड्रिंक्स. इनमें वैसे भी कोई अच्छी चीज़ जैसे नुट्रिएंट्स  नहीं होते हैं इसलिए इन्हें अवॉयड करना चाहिए.

कोई भी चीज़ जिसमें रिफाइंड कार्बोहायड्रेट (कार्ब) या काम्प्लेक्स कार्बोहायड्रेट होता है  उसे नहीं खाना चाहिए. इनमें बस शुगर ही शुगर भरा होता है. सफ़ेद आटे (white flour) से बनी चीज़ों में रिफाइंड कार्ब होता है इसलिए आपको पास्ता, white राइस, ब्रेड और आलू भी नहीं खाना चाहिए. ज्यादा प्रोटीन खाना भी ठीक नहीं है. हमारा लीवर प्रोटीन को एमिनो एसिड में ब्रेक कर देता है. लेकिन बहुत ज्यादा एमिनो एसिड बॉडी में स्टोर नहीं किया जा सकता. इसलिए लीवर उसे ग्लूकोस में बदल देता है. ऐसा बिलकुल नहीं होना चाहिए. कंसन्ट्रेटेड प्रोटीन फ़ूड जैसे कि प्रोटीन बार, प्रोटीन शेक और प्रोटीन पाउडर को नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा शुगर होता है.

कार्ब्स की जगह आप नेचुरल फैट खा सकते हैं. ये आपको एग्स, नट्स, बटर, अवोकेडो और ओलिव आयल में मिलता है. नेचुरल फैट नुक्सान नहीं करती है. अगर आप कार्ब्स नहीं भी खाते हैं तो भी नेचुरल फैट खाने से आपको पेट भरा हुआ ही लगेगा. तो ये आपका नया डाइट होगा. सिर्फ नेचुरल और अनप्रोसेस्ड फ़ूड ही खाना है. ऐसा खाना खाइए जिसमें रिफाइंड कार्बोहायड्रेट कम हो, नेचुरल फैट ज्यादा हो और प्रोटीन मीडियम हो मतलब ना कम हो ना ज्यादा हो.

एक बार जब आपकी बॉडी में ज्यादा शुगर जाना बंद हो जाएगा, फिर आपको बॉडी में ज़रुरत से ज्यादा शुगर को बर्न करना है. हाँ, एक्सरसाइज इसमें हेल्प करता है  लेकिन फास्टिंग ज्यादा अच्छा तरीका है बॉडी में जमा शुगर को बर्न करने का. अगर आप बॉडी को खाना नहीं देंगे तो बॉडी एनर्जी पैदा करने के लिए बॉडी में जमा शुगर को यूज़ करेगी जिससे शुगर बर्न होने लगेगा. जितना ज्यादा आप फ़ास्ट करेंगे  आपकी बॉडी उतना ज्यादा शुगर बर्न करेगी.

फास्टिंग एक सिंपल तरीका है और इससे ज्यादा शुगर बर्न हो जाता है. खाने से रिलेटेड ये सबसे पुरानी  थेरेपी है. इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हैं मतलब इसको करने से कोई नुक्सान नहीं होता है. अगर आप फ़ास्ट करते हैं तो आपका शुगर लेवल कम हो जाएगा और साथ में आपका वेट भी कम होगा. डॉ. फंग कहते हैं कि वीक में दो से तीन दिन 24 hours का फ़ास्ट करना चाहिए. बस, इस  technique के साथ  लो कार्ब डाइट लेने से डायबिटीज को रिवर्स किया जा सकता है. तो प्रॉब्लम सोल्व.

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