(Hindi) The Wright Way: 7 Problem-Solving Principles from the Wright Brothers That Can Make Your Business Soar

(Hindi) The Wright Way: 7 Problem-Solving Principles from the Wright Brothers That Can Make Your Business Soar

Introduction
इंट्रोडक्शन

अपने आप को 1903 में (Imagine) कल्पना कीजिए  जहाँ कोई एयरप्लेन, स्मार्ट फोन , इंटरनेट नहीं था । कैसे साइकिल बनाने वाले दो भाई जों एक (christian bishop) ईसाई बिसोप के बेटे थे, उन्होने वो चीज कर डाली जो उस समय तक कोई नहीं कर पाया?  कैसे 17 दिसंबर, 1903 का वो महत्वपूर्ण दिन को राइट ब्रदर्स ने उड़ान भरी?  आखिरकार कैसे वो एक इंसान को उड़ाने में सफल हुए?

इस किताब मे आप राइट ब्रदर्स के बारे में जानेंगे। उनके पूरा जर्नी के बारे में जानेंगे। आप जानेंगे कि कैसे वो दोनों इतिहास में पहली बार किसी इंसान को उड़ाने में सफल हुए। क्या है उनके सीक्रेट? क्या चीजें उन्हें सबसे अलग बनाता है?

आप 7 प्रॉब्लम सॉल्व करने (wale)वाला प्रिंसिपल्स के बारे में जानेंगे जो राइट ब्रदर्स ने अप्लाई किये था । बह अपके किसी भी प्रॉब्लम को सॉल्व करने में आपका काम आयेगा चाहे वो प्रॉब्लम आपके (personal life) निजी जिंदगी, काम ,स्कूल या बिजनेस की  ही क्यूं ना हो।

राइट ब्रदर्स बस एक छोटे से शहर के लोग थे। वो दोनों हाई स्कूल की पढ़ाई भी ख़त्म नहीं कर पाए। लेकिन उन्होंने मानव इतिहास का एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन हासिल किया। राइट ब्रदर्स ने ये किया था उस 7 प्रिंसिपल्स के मदद से। तो अब समय हैं कि आप भी उन सात प्रिसिपल के बारे में जाने।

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The event of century
द इवेंट ऑफ द सेंचरी

8 दिसंबर, 1903 में न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपने एडिटोरियल में लिखा कि इंसान को लेकर उड़ने वाला एयरप्लेन बनाने में इंजीनियरो को काम से कम 10 लाख साल लगेंगे। लेकिन कुछ ही दिन बाद डेटोन, ओहायो के रहने वाले दो भाई ने ये करके दिखाया। कैरो लाईना के किल डेविल्स हिल में उन्होंने अपने हवाई जहाज के साथ उड़ान भरी। बड़े भाई प्लेन में सवार थे और छोटा भाई रनवे में खड़ा होकर इस उड़ान पे नज़र रख रहा था।

ये 17 दिसंबर, 1903 था  राइट ब्रदर्स ने उस सुबह चार बार कोशिश की लेकिन वो सफल नही हुए। उन्हें हेल्प मिल  रही था उनके अनोखे ग्राउंड क्रू से । इंसान का हवाईजहाज मै  पहला उड़ान देखने के लिए वहां मौजूद थे एक लकड़ी का व्यापारी, तीन सर्फ मेन और एक 17 साल का लड़का। राइट ब्रदर्स जो कर रहे थे उसे लेकर बे सब बहुत  उत्सुक थे।

अपने पांचवे प्रयास में विलबर और ऑर्विल अपने पहला उड़ान भरने में सफल हुए। उन तीन सर्फ मैन में से एक जॉन डेनिएल्स को ऑर्विल ने एक फोटो खींचने के लिए बोला था। ये उस ऐतिहासिक पल का लिया गया एकमात्र फोटो था। इसके बाद सब अपने कैंप में वापस चले गए।

उन सबको उड़ान देखने के बाद अपने आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। वे पहाड़ों को पार कर गए इस खबर को सबके पास पहुँचाने के लिए। जॉन डेनिएल्स को इस बात का चिंता हो रही थी कि उसने ठीक समय पे तस्वीर लिया था कि नहीं। ज़ाहिर है उसने ली थी यह तस्वीर  इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण तस्वीरों में से एक बन  गयी।

राइट ब्रदर्स को बहुत भूख लगी था। उन्होंने कैंप में अच्छी तरह से खाना खा कर थोड़ा आराम किया। ये लग रहा था कि उनके ग्राउंड क्रू उनसे भी ज्यादा उत्तेजित थे। बाद में एक इंटरव्यू में विल्बर राइट ने बोला कि वो और उनके भाई ने अपने कल्पना मै कई बार उनके बनाए हुए हवाईजहाज मै उड़ान भर चुके हैं, इसीलिए ये उन दोनों के लिए बस और एक उड़ान की तरह ही थी।

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Forging :The Principle of Constructive Conflict

फॉर्जिंग एक ऐसी प्रोसेस है जिससे लौहार तलवार बनाता है। बह एक मेटल को आग में रखके बार बार  हथौड़े से पीटता हैं और मोड़ता हैं। यही चीज तलवार को मजबूत बनाता है।

इसी तरह  जब कोई आइडिया को लेकर डिबेट किया जाए यानी आग में रखा जाए, हथौड़े से पीटा जाए यानी लगातार उसको चैलेंज किया जाए तो बह आइडिया शक्तिशाली बन जाता है। वह सच के करीब पहुँच जाता है।

यही चीज राइट ब्रदर्स ने अपने आइडिया के साथ की थी।  जब वे इस पर डिबेट करते हैं, तो वे उस उत्तर के थोड़ा और करीब पहुँच जाते हैं जिसे वो ढूढ रहे हैं । कंस्ट्रक्टिव कॉन्फ्लिक्ट (constructive conflict)  डिबेट का ही रूप है। जब राइट ब्रदर्स किसी आइडिया पर बात करते थे तो एसा लगता था कि बे लड़ रहे है, लेकिन ऐसे ही बे अपने रास्ते में आने वाले प्रॉब्लम को सॉल्व करते थे।

ये 1900 के गर्मियों का समय है। राइट ब्रदर्स डेटन, ओहायो में अपने साइकिल के दुकान में है। वे अपने दुकान के सारे खिड़की और दरवाजे खोल देते है ताकि हवा आए। पास से गुजरने वाले देखकर चौक जाएंगे।  राइट ब्रदर्स एक दूसरे पर चीख रहे हैं। पहली बार देखने पर सब सोचेंगे की वो एक दूसरे पर बहुत गुस्सा है। पास से गुजरने वाले लोग उनके बीच जाके उन्हें शांत कराने की कोशिश भी कर सकते है।

लेकिन सच्चाई ये है कि राइट ब्रदर्स बस अपने आप में डिबेट कर रहे है। वो बस एक आइडिया के ऊपर चर्चा कर रहे है जिसे लेकर उन दोनों में अलग विचार हैं। उनके पड़ोसियों को भी ये डिबेट सुनने की आदत हो गई थी। वो बोलते है ” लड़के फिरसे शुरू हो गए” और अनदेखा कर देते है।

अगर आखिर में उन दोनों के अंसर सेम नहीं होते थे तो ये डिबेट शाम  तक चलती थी रात को खाने के बाद वे दोनों लिविंग रूम में जाकर बैठते थे। ऑर्विल लकड़ी से बनी हुई कुर्सी में बैठना पसंद करते थे| बह हमेशा सीधे होके अपने हाथो को गोद में रखके बैठते थे।  लेकिन दूसरी तरफ विल्बर स्टफ्ड चेयर(stuffed chair) में बैठते है। विल्बर अपने हाथों को अपने सर के पीछे रखके , अपने पैरो को फैला कर आराम से बैठते हैं।

कुछ देर बाद आर्विल अचानक से उस आइडिया के बारे मे बोलना सुरु कर देते थे जिसके बारे में वे  पहले बात कर रहे थे। विल्बर अचानक बोलते है “नहीं, यह ऐसा नहीं है”। और फिर वह डिबेट फिर से शुरू हो जाता है। उनकी आवाज इतनी  ज्यादा है कि उनकी आवाज उनके  हाउसकीपर के कानो तक पहुँच जाती थी। बूढ़ी हाउसकीपर ये देखने चली आती थी कि वे दोनों कही एक दूसरे को मार तो नहीं रहे है। लेकिन जाहिर है कि वे ऐसा नहीं कर रहे थे। बे सिर्फ कंस्ट्रक्टिव कंफ्लिक्ट कर रहे थे।

Tackle the tyrant: The principal of worst things first।
टेकल द टीरांट का मतलब है कि पहले सबसे बड़े प्रॉब्लम (problem) को सॉल्व करे। उदाहरण के तौर पर एक बिजनेस प्रोजेक्ट को लीजिए। टीम पहले आसान प्रॉब्लम को सॉल्व करती है। छोटे मोटे चीज सब सही जगह पे है। लेकिन जब वे प्रोजेक्ट को खत्म करने के नज़दीक होते हैं फिर जाकर उनको पता चलता है कि बे आगे नहीं बढ़ सकते क्युकी उन्होंने सबसे बडी प्रॉब्लम को अनदेखा किया था। वो सबसे जरूरी काम को करना भूल ही गए। फिर वो टीम उस प्रोजेक्ट को खत्म नहीं कर पाते है।

अगर आप पहले टीरांट से छुटकारा पा ले , अगर आप पहले सबसे बड़े प्रॉब्लम से छुटकारा पा लेते है, फिर बाकी सब चीजें आसान हो जाती  है। ये आपको भरोसा दिलाता है कि प्रोजेक्ट सफल होगा। ये उस सिद्धांतो में से एक है जिसे राइट ब्रदर्स ने इस्तेमाल किया था दुनिया का पहले इंसान को लेकर उड़ने वाला हवाईजहाज बनाने में।

बच्चो की एक कहानी हैं जिसका नाम है ” द थ्री बिली गोट्स ग्राफ”। एक समय की बात है, कुछ बकरे थे जो एक नदी के उस पार जाना चाह रहे थे। वो बहुत खुश थे क्युकी नदी के उस पार बहुत सारा हरा घास था। उस पार जाने का एक ही रास्ता था ,जो था एक पुराना लकड़ी का पुल। पुल के नीचे पानी का बहाब बहुत ज्यादा था।

पुल के नीचे एक बड़ा और एक आंख बाला ट्रोल रहता था जो उस पुल से गुजरने वाले सभी को खाने कि कोशिश करता था। छोटी सी लड़की जो ये कहानी सुन रही थी उसने अपने दादी से पूछा “बकरियां कोई दूसरे रास्ते से क्यों नहीं गए?” । दादी ने कहा ” हो सकता है उन सबने कोशिश की हो, लेकिन आज हो या  कल उन्हें उस ट्रोल का सामना करना ही था यानि उन्हें टीरंट (tyrant) का सामना करना ही था”।

1901 में विल्बर राइट को इनके मेंटर ऑक्टेव सन्यूट ने (Chicago) में वेस्टर्न सोसाइटी ऑफ इंजीनियर्स(western society of engineers ) के सामने अपनी बात रखने के लिए इनवाइट किया। जब सन्यूट ने विल्बर का परिचय करवाया तो उन्होंने हवाईजहाज का भारी होने के वजह से जो प्रॉब्लम हो रहै थे उसके बरे में बताया। सन्यूट ने बोला कि असली प्रॉब्लम है एक सही पॉवर प्लांट (suitable power plant) मतलब हवाई जहाज का मोटर। उन्होंने बताया कि विल्बर भी ये मानते है।

विल्बर ये सुनके चौक गए। उनको नहीं लगता था कि यहाँ मोटर टीरंट (tyrant) है। लेकिन वह अपने मेंटर को नीचा नहीं दिखाना चाहते थे। तो विल्बर खड़े हुए और अपनी  बात सबके सामने खुलकर बोले। राइट ब्रदर्स के लिए हवाईजहाज के मोटर सबसे बडी प्रॉब्लम नहीं था। बल्कि असली प्रॉब्लम थी बैलेंस(balance) और कंट्रोल(control)।  उन्होंने अपने मन की बात सोसाइटी में सबके सामने रखी।

“बैलेंस(balance) और कंट्रोल(control) को छोड़ के बाकी सभी प्रॉब्लम छोटी है..राईट ब्रोदर्स ने कहा अगर हम बैलेंस और कंट्रोल के प्रॉब्लम का समाधान कर सके तो हम इतिहास में पहली बार किसी इंसान को हवाईजहाज में उड़ने में सफल होंगे”। यही बह चीज थी जिसके ऊपर उन्होंने किल डेविल्स हिल पर विजय हासिल की। वो टायरेन्ट  को हरा के सफल हुए।

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