(Hindi) The Fred Factor: How Passion in Your Work and Life Can Turn the Ordinary …

(Hindi) The Fred Factor: How Passion in Your Work and Life Can Turn the Ordinary …

परिचय

क्या आप अपने कस्टमर को अपना परमानेन्ट कस्टमर बनाना चाहते हैं। क्या आप चाहते है कि आपका कस्टमर आपके अलावा किसी औऱ के पास ना जाये। तो ये समरी आप के लिये है। इस समरी में आथर एक पोस्टमैन से मिलते है जिसका नाम है फ्रैड। जहाँ पर बाकी सारे पोस्टमैन अपने काम को बोरिंग समझते है और लेटरस इधर उधर फेक के चले जाते थे। वही पर फ्रेड सबको अपना दोस्त मान के उनकी एक्सट्रा केयर रखता था जिस कि वजह से हर कम्यूनिटि मेम्बर को उनकी सर्विस अच्छी लगती थी। आँथर ने फ्रेड के काम करने का तरीके से 4 प्रिसिंपल सीखे जो की हम इस समरी में डिसक्स करेंगे।

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द फर्स्ट फ्रेड: The First Fred:

इस बुक के ऑथर मार्क संबोर्न (Mark Sanborn) ने जब नया घर लिया तो शिफ्ट होने के कुछ घंटे बाद ही उनकी डोर बेल बजी. दरवाजे पर एक यंग मेन था जिसने बताया कि उसका नाम फ्रेड है और वो एक मेलमेन है. वो ऑथर को मेल्स डिलीवर करने आया था. उसने ऑथर से पुछा कि वो क्या जॉब करते है तो संबोर्न (Sanborn) ने जवाब दिया कि वो एक प्रोफेशनल स्पीकर है”

“ओह, फिर तो आप काफी ट्रेवल करते होंगे? फ्रेड ने पुछा तो संबोर्न ने कहा कि ज्यादातर टाइम घर से बाहर ही रहते है. ये सुनकर फ्रेड ने कहा कि वो उसे अपना शेड्यूल भेज दे ताकि वो जब घर पे हो तभी वो उनको मेल्स डिलीवर करने आये और अगर वो बाहर होंगे तो वो उन्हें बाद में आकर मेल्स दे देगा. फ्रेड की बात सुनकर संबोर्न बड़े हैरान हुए लेकिन फिर उन्होंने पोलाईटली रिफ्यूज कर दिया.

उन्होंने फ्रेड से कहा” थैंक यू, लेकिन तुम्हे इतनी तकलीफ करने की ज़रूरत नहीं. जब मै घर पे ना मिलूं तो मेरी मेल्स मेल बॉक्स में डाल देना. लेकिन फ्रेड ने ये कहते हुए मना कर दिया कि चोर उच्चके अक्सर मेल बॉक्स फुल होने पर समझ जाते है कि घर का ओनर कहीं बाहर गया है और वो चोरी कर लेते है.

फ्रेड ने एक सजेशन दिया कि वो मेल बॉक्स में तब तक मेल्स डालेगा जब तक कि वो फुल ना हो जाये और उसके बाद वो संबोर्न की मेल्स फ्रंट डोर और स्क्रीन डोर से अंदर डाल देगा ताकि कोई देख ना सके. और उसके बाद भी अगर कोई मेल्स बचती है तो वो उन्हें उनके आने तक अपने पास रख लेगा. फ्रेड ने जब ये सब बोला तो संबोर्न बहुत ज्यादा हैरान हुए कि इतनी कम उम्र में ही फ्रेड कितना टेलेंटेड है. वो उसके सजेशन मान गए थे, आफ्टरआल फ्रेड एक मेल प्रोफेशनल जो था.

फिर एक बार जब वो ट्रिप से लौटे तो देखा कि उनका फ्रंट डोर मेट गायब था. उन्हें बड़ी हैरानी हुई कि डोर मेट भी भला कौन चुरा सकता है. तभी साइड में डोर मेट पड़ा दिखा, उन्होंने उसे उठाया तो उसके नीचे एक पैकेट रखा था. उन्होंने फ्रेड से जब इस बारे में पुछा तो उसने कहा” आप जब बाहर थे तो यू.एस. मेल सिस्टम ने गलती से उनका पैकेट किसी और घर के दरवाजे पर डिलीवर कर दिया था.

जब मै वहां गुज़रा रहा था तो मैंने उस पैकेट में आपका नाम और एड्रेस देख लिया थाइसलिए उस पैकेट को आपके डोर मेट के नीचे छुपा दिया ताकि चोर उठा कर ना ले जाए! संबोर्न इतने ज्यादा इम्प्रेस्ड हुए कि उन्होंने डिसाइड कर लिया था कि आज के बाद वो अपनी स्पीच में लोगो को इंस्पायर करने के लिए फ्रेड की स्टोरी सुनायेंगे. अब संबोर्न जब भी कोई स्पीच देते तो फ्रेड का स्टोरी ज़रूर सुनाते. कई लोगो ने उन्हें मैसेज किया कि फ्रेड की स्टोरी ने उन्हें काफी इंस्पायर किया है.

फिर संबोर्न ने ये बाद फ्रेड को भी बताई तो वो बड़ा खुश हुआ. कहने का मतलब ये है कि हम सबके अंदर एक फ्रेड है. आप चाहे तो आप भी फ्रेड बन सकते है, जानना चाहोगे कैसे? तो चलो आओ अपने नेक्स्ट चैप्टर की तरफ बढ़ते है.

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द फ्रेड प्रिंसिपल (The Fred Principles: )

प्रिंसिपल I: एवेरीवन मेक्स अ डिफ़रेंस: (Principle I: Everyone Makes a Difference: )
बदलाव कोई भी ला सकता है:

एक एम्प्लोई भी चाहे तो काफी कुछ चेंज ला सकता है, फिर चाहे ऑर्गेनाइजेशन कितनी बड़ी या इन्सिग्निफिकेट क्यों ना हो. या तो वो कुछ अच्छा करेगा या कुछ गलत या फिर कुछ भी नहीं. फ्रेड ये बात जानता है. उसे मालूम है कि उसकी जॉब सिर्फ मेल्स डिलीवर करना नहीं है बल्कि उसके काम से उसके क्लाइंट्स पर काफी असर पड़ सकता है, वो उनकी लाइफ को और ज्यादा एन्जोएबल बनाने में उनकी हेल्प कर सकता है.

पोलिटीशियंस हमे हमेशा यही बताते है कि काम हमे एक डिग्निटी देता है और बात एक हद तक सच है. आप जो भी काम करते हो, वो आपकी लाइफ का एक इम्पोर्टेंट पार्ट है जिसके बिना आपकी पहचान अधूरी है. लेकिन ये बार आधा सच है. पूरा सच तो ये है कि लोगो की वजह से भी काम को डिग्निटी मिलती है. ऐसा कोई काम नहीं है जो अनइम्पोर्टेंट हो लेकिन उस काम को करते वक्त लोगो को लगता है कि वो एक अनइम्पोर्टेंट काम कर रहे है.

प्रिंसिपल II: सक्सेस इज़ बिल्ट ओं रिलेशनशिप
( Principle II: Success is Built on Relationships: )
सक्सेस रिलेशनशिप के बेस पर बिल्ट होती है

संबोर्न (Sanborn ) सारी उम्र अपने मेलबॉक्स में मेल्स रीसीव करते रहे., जो वो करते थे उन्हें उसके पैसे मिलते है. ना इससे कुछ कम ना ज्यादा. लेकीन फ्रेड से मिलने के बाद उन्होंने देखा कि फ्रेड की सर्विस कई मायनों बहुत बैटर है. और मोस्ट इम्पोर्टेंट चीज़ ये कि उसने एफोर्ट लगाया और संबोर्न की नीड्स के हिसाब से खुद को एडाप्ट किया. वो उनकी ज़रूरत समझता था इसीलिए उसने अपनी सर्विस को पर्सनल बना दिया था.

और यही चीज़ आपको करनी है, अगर आप भी” फ्रेड” बनना चाहते है. एक सक्सेसफुल लीडर बनने के लिए आपको ये समझना चाहिए कि आपके एम्प्लोईज जीते जागते इंसान है और कोई टेक्नोलोजी तभी सक्सेसफुल होगी जब इसे पता होगा कि इसके यूज़र्स ह्यूम्न्स है. इसी तरह एम्प्लोईज भी तभी स्क्सीड होंगे जब उन्हे इस बात का एहसास होगा कि उनके क्लाइंट्स ह्यूम्न्स है और उनकी अपनी-अपनी ज़रूरते है.

प्रिंसिपल III: यू मस्ट कंटीन्यूअली क्रिएट वैल्यू फॉर अदर्स, एंड इट डज़न्ट हेव टू कास्ट अ पेनी: Principle III: You Must Continually Create Value for Others, and it Doesn’t Have to Cost a Penny: )
आप दूसरो के लिए वैल्यू क्रिएट करते रहिये, इसका कोई पैसा नहीं लगता :

ये मत सोचो कि आपके पास पैसा नहीं है, प्रॉपर ट्रेनिंग या रीसोर्स नहीं है इसलिए आप स्क्सीड नहीं हो पाए. ये सब बहाने है. फ्रेड को देखो और बताओ उसके पास भला कौन से रीसोर्सेस है? कुछ भी तो नहीं ! बस वो और उसकी ब्ल्यू यूनिफॉर्म और मेल से भरा एक बैग. बस इतना ही लेकिन फिर भी वो कितना क्रिएटिव माइंडेड है. यहाँ पर पॉइंट ये है कि हमें अपने कॉम्पटीटर्स से ज्यादा स्पेंड नहीं करना है बल्कि उन्हें आउटस्मार्ट करना है यानी उनसे ज्यादा स्मार्ट वे में अपना काम करना है.

अगर आप बेरोजगार है तो कोई बात नहीं. आजकल ज्यादातर कंपनीज डाउनसाईंजिंग कर रही है, इसलिए खुद को एम्प्लोयेबल बनाने पर फोकस करे और इसके लिए बेस्ट चीज़ यही है कि आप खुद को इतना स्किलफुल बना ले कि कंपनी खुद आपको ढूंढें. लेकिन क्या आप जानते है एक एम्प्लोयर की मोस्ट इम्पोर्टेंट स्किल क्या होनी चाहिए? इसमें ऐसी एबिलिटी होनी चाहिए कि ये बेकार लगने वाली चीज़ की भी वैल्यू क्रिएट कर सके.

प्रिंसिपल IV : यूं केन रीइन्वेंट योरसेल्फ रेगुलेरली Principle IV: You Can Reinvent Yourself Regularly:
आप खुद को रेगुलर रीइन्वेंट कर सकते हो

अगर फ्रेड अपनी मेल डिलीवरी में इतना एफर्ट्स और क्रिएटिविटी डाल सकता है तो ज़रा सोचो कि आप अपनी जॉब में कितना एफर्ट डाल सकते हो? तो इसका जवाब है बहुत ज्यादा. संबोर्न (Sanborn) मानते है कि हर कोई अपनी जॉब में उतनी ही क्रिएटिविटी और इमेजीनेशन डाल सकता है जितना कि फ्रेड, बल्कि उसके कहीं ज्यादा. चाहे आप कुछ भी करते हो उससे फर्क नहीं पड़ता. हर रोज़ जब आप उठते हो तो आपके पास चॉइस होती है कि आप जो चाहे करे, जो चाहे बने. और संबोर्न इसी को फ्रेड फैक्टर बोलते है.

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