(HINDI) 100 THINGS SUCCESSFUL PEOPLE DO- Little Exercises for Successful Living

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इंट्रोडक्शन 

सक्सेस की डेफिनिशन हर इंसान के लिए अलग-अलग होती है। कुछ लोग प्रमोशन के ज़रिए सक्सेसफुल महसूस करते हैं, जबकि दूसरे लोग अपना वज़न कम करने पर बेहतर महसूस करते हैं। आपकी सक्सेस की डेफिनिशन जो भी हो, इस समरी में बताए  गए स्टेप्स आपको इसे पाने में मदद करेंगे।

हर इंसान में कई तरह की आदतें होती हैं। हर दिन, आपकी आदतें दिखाती हैं कि आप लाइफ और उसमें आने वाले  सिचुएशन का सामना कैसे करते हैं। यह समरी लाइफ में अपने गोल्स को पाने के लिए सभी जरूरी आदतों के बारे में बताएगी।

ये आदतें काम, रिश्ते, पैसे, मन की शांति और कई चीजों के इर्द-गिर्द घूमती हैं। अपनी सभी बुरी आदतों को भूल जाइए और उन्हें  हेल्दी  आदतों से बदल दीजिए।

आज से ही खुद पर काम करना शुरू कीजिए और सक्सेस के एक और कदम करीब जाइए।

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Follow Your Dreams

ज्यादातर लोग आपसे अपने सपने को भूल जाने और ज़्यादा प्रैक्टिकल चीज़ को  फॉलो करने के लिए कहते हैं। आपके सपने आपका पेट या  बिल नहीं भरेंगे। अगर आप इस बारे में सोचते हैं, तो वो लोग सही लगते हैं। लेकिन, आपको इस सुस्त लाइफ में कोई एक्साइटमेंट या ख़ुशी नहीं मिलेगी जो आपको अपने सपने का पीछा करते हुए मिलती।  

आपका सपना आपको मोटिवोशन देता है। यह आपको आगे बढ़ाता है और आपको अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलने के लिए, रिस्क उठाने के लिए मजबूर करता है। अपने सपनों को फॉलो करना ही वो सबसे जरूरी चीज है जो आपको करनी चाहिए। वह रास्ता अपनाएं जो आप चाहते हैं, न कि वो  जो दूसरे आपके लिए चाहते हैं। सक्सेस तभी मीनिंगफुल होगी जब वो ऐसी किसी चीज में मिले जो आप चाहते हैं।

दूसरों के हिसाब से ज़िंदगी जीने में आपको सिर्फ कुछ समय की ख़ुशी मिलेगी। अगर आप लाइफ में सच में सक्सेसफुल होना चाहते हैं, तो अपने पैशन को फॉलो करें। कभी ना कभी आपकी बेहतर बनने की इच्छा लाइफ में पॉज़िटिव चीजों को अट्रैक्ट करेगी।

ज्यादातर सक्सेसफुल लोगों ने खुद एक प्रैक्टिकल काम करना  नहीं चुना। उन्होंने वही करना चुना जिससे उन्हें खुशी मिलती थी। जैसे, स्टीव जॉब्स के बारे में बात करें तो  अगर वो इस बात की परवाह करते कि  लोग क्या कहेंगे  तो वो कॉलेज छोड़कर दुनिया की लीडिंग टेक्नोलॉजी कंपनी को नहीं बना पाते। वो स्कूल में ही रहते और आम स्टूडेंट की तरह  कॉलेज से ग्रेजुएट होकर कोई जॉब कर रहे होते।

आइए इस आइडिया को अपनी लाइफ में अप्लाई करें।

किसी और चीज़ से पहले, आपको अपने सपने को पहचानने की जरूरत है। ये सोचें कि ऐसा क्या है जो आपको खुशी देता है। जब आप छोटे थे तब आप क्या बनना चाहते थे? ऐसी कौन सी चीजें हैं जो आपको ज्यादा जिंदा महसूस कराती हैं? क्या आप अब कुछ शुरू करना चाहते हैं?

इन सवालों के जवाब देकर आप अपने सपने को पहचान सकते हैं।

एक बार जब आप अपने सपने की पहचान कर लेते हैं, तो ये प्लान बनाएं कि आप इसे कैसे हासिल कर सकते हैं। कुछ न करने के हमेशा कुछ कारण होंगे लेकिन पॉज़िटिव साइड पर फोकस करें। ऐसा कोई फैसला नहीं है जिसमें  कोई रिस्क नहीं होगा  इसलिए  आपको ये देखना होगा कि आपके कौन से सपने रिस्क लेने लायक हैं।

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Take Breaks

रिसर्च से पता चला है कि ब्रिटेन में लगभग 50% लोग अपनी annual paid leave नहीं लेते हैं। यह परसेंटेज दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले लगभग बराबर है। वर्कहॉलिक्स यानी जो ज़रुरत से  ज्यादा काम करते हैं को थकान की  वजह से सबसे ज्यादा नुकसान होता है। वो लाइफ में कमज़ोर और अनमोटीवोटिड महसूस करने लगते हैं।

एक लैपटॉप आठ से दस घंटे बिना रुके काम कर सकता है। कम पावर पर इस्तेमाल करने से ये बारह घंटे तक लगातार काम कर सकता है। हालाँकि, लैपटॉप का कभी ना कभी बंद होना तय है। बैटरी पूरी तरह से इस्तेमाल होकर एक टाइम पर खत्म हो जाएगी। इससे आगे, आपका अगला एक्शन अपने लैपटॉप को चार्ज करना होगा। इसे दोबारा पूरा चार्ज करने के लिए कुछ घंटों की जरूरत होती है।

लैपटॉप की तरह, इंसानों को भी ब्रेक लेने की जरूरत होती है। यह कोई लक्ज़री नहीं बल्कि एक ज़रुरत है। आराम की वजह से ही काम करते वक़्त आप लगातार फंक्शन और फोकस कर पाते हैं। जो लोग ब्रेक नहीं लेते, उन्हें बेचैनी और काम का स्ट्रेस होता है। काम की चिंता से खुद को दूर ना कर पाने के कारण वो आसानी से थक  जाते हैं। स्ट्रेस इंसान को अनमोटीवोटिड और डिसस्ट्रेक्टेड महसूस करा सकता है। यह उन्हें हाई quality काम  करने से रोकता है. इस वजह से वो गलतियां भी करते हैं और गलत डिसिशन भी लेते हैं।

एक दिन की छुट्टी लें। जब भी चीजें बहुत स्ट्रेसफुल या मुश्किल हों जाएं, तो याद करें कि आपने इसे करना शुरू क्यों किया था। एक ब्रेक आपके दिमाग को काम से जुड़े सभी स्ट्रेस से डील  में मदद करता है और आपको एक फ्रेश स्टार्ट करने में मदद करता है। ज्यादातर मामलों में, जब आप break से  वापस आते हैं तो आपको बेहतर quality  वाले रिजल्ट मिल सकता है।

हर दिन अपने डेस्क से कुछ मिनट दूर रहें और ताज़ी हवा लेने के लिए बाहर जाएं। यह आपको रिलैक्स  करने और नए आइडियाज़ के बारे में सोचने में मदद करेगा।

पांच मिनट के ब्रेक लेने की प्रैक्टिस करें और इस प्रिंसिपल को अपनाएं-

काम करते समय, अपने शेड्यूल में एक ब्रेक फिट करने की कोशिश करें। पोमोडोरो technique  ऐसा करने में आपकी मदद कर सकता  है। हर 25 मिनट  के काम के बाद, 5 मिनट का ब्रेक लें। ये छोटे-छोटे  ब्रेक आपको अपनी थॉट्स  को इकट्ठा करने और ज्यादा फोकस करने में मदद करेंगे।

जब आप ब्रेक पर हों, तो अपने दिमाग को काम से जुड़े हर मुद्दे से हटा दें। अपने ईमेल या मैसेज को चेक न करें। यह वीकेंड्स और छुट्टियों पर भी अप्लाई होता है। अपनी वर्क लाइफ को अपनी पर्सनल लाइफ से अलग करना सीखें।

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Live Within Your Means

पैसा सबसे जरूरी चीजों में से एक है जो आपको अपने सपनों को हासिल करने के लिए चाहिए। यह आपको लाइफ में रिसोर्सेज़, मौके, कनेक्शंस जैसी बहुत सी चीजों को पाने में मदद करता है। इसे और समझें तो, पैसा आपको अपने सपनों को पाने के मौके देता है। लेकिन, पैसा कमाने और सेव करने का आपका मोटिवोशन ही आपके काम का असली जादू है।

ज्यादातर लोग पैसे बचाने की इम्पोर्टेंस  को नहीं जानते हैं। UK में की गई एक स्टडी से पता चला है कि पैसा कमाने वालों में लगभग 31% लोग  सेविंग्स नहीं करते हैं। वो जो पैसा कमाते हैं उसे टेम्पररी ख़ुशी पाने के लिए खर्च कर देते  हैं। वो किसी भी तरीके से ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं।

फाइनेंशियल वेल्थ का मतलब  आपके बैंक अकाउंट में ज्यादा पैसे होना नहीं है। यह लक्ज़री या महँगी चीज़ों  के होने के बारे में नहीं है। फाइनेंशियल वेल्थ  प्रेजेंट और फ्यूचर में खर्च करने के लिए आपके पास  पैसा होने के बारे में है। यह फाइनेंशियल तरीके से इंडिपेंडेंट और सिक्योर होना है।

हर सक्सेसफुल इंसान अपने फाइनेंस को लेकर स्ट्रिक्ट होता है। अपनी लिमिट्स के अंदर रहने के बारे में जानना बहुत ज़रूरी  है जो आपको फाइनेंशियल फ्रीडम पाने के लिए चाहिए। अगर आप हर महीने  छोटा  अमाउंट अलग रखते हैं, तो आपके पास साल के अंत में एक बड़ा अमाउंट होगा। अगर आपको अच्छा इन्वेस्टमेंट मिलता है तो आप साल में की हुई सेविंग्स को दोगुना या तिगुना कर सकते हैं।

बाहर से अमीर दिखने के लिए खुद को कर्ज में न डालें। ज्यादा पैसा  कमाने के लिए, पैसे बचाने और इंवेस्ट  करने का तरीका जानें। सैलरी के भरोसे जीना बंद करें।

इस आईडिया को अपनी लाइफ में अप्लाई करें – 

सबसे पहले, आपको एक फाइनेंशियल गोल सेट करने की जरूरत है। अपने इनकम के सोर्स को पहचानें और सोचें कि आपको हर महीने कितनी सेविंग्स करनी चाहिए। आपकी सेविंग्स लाइफ में आपके गोल्स के हिसाब से होनी चाहिए। अगर आप दस साल में रिटायर होना चाहते हैं, तो आप अपने बच्चों की जरूरतों के लिए जरूरी पैसा अलग रखने के बारे में सोचेंगे।

दूसरा, आपको अपनी खरीदारी को लिमिट करने की जरूरत है। अपनी जरूरत की चीजें खरीदें और अपने मजे के लिए कभी कभार ही खर्च करें। जब आप बाहर जाते हैं तो हर नई चीज़ को न खरीदें। खुद को कंट्रोल करना सीखें और उन चीजों को “ना” कहें जिनकी आपको जरूरत नहीं है।

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Forgive Others

जब भी आप बुरा महसूस करते हैं, तो आप एक के बाद एक नेगेटिव इमोशंस एक्सपीरियंस करते हैं। यह गुस्सा, जलन, कड़वाहट हो सकता है। जो भी इमोशन हो, ये आपको लाइफ में आगे बढ़ने से रोकता है। दूसरों को माफ़ ना करने से आप पास्ट में ही फंस जाते हैं। यह आपको प्रेजेंट को एन्जॉय करने से रोकता है और आप बार-बार उन्हीं नेगेटिव इमोशंस के साथ फसें रह जाते हैं।

माफ़ करना सक्सेस का एक जरूरी हिस्सा है। यह आपको अपने पास्ट को भूलने और अपने फ्यूचर की ओर बढ़ने देता है। लोग कहते हैं कि दूसरों को माफ़ ना करना आपको  फंसे होने का एहसास कराता है। यह दूसरों की गलती के लिए खुद को सजा देने जैसा है। माफ़ कर देने से, आपके पास उस जेल से निकलने और एक बेहतर लाइफ जीने का मौका होता है।

दूसरों को माफ़ करने से आपके इमोशंस झूठे नहीं हो जाते। इसका मतलब ये भी नहीं है कि जो हुआ उससे आपको कोई फर्क नहीं पड़ा। यह बस दिखाता है कि अब आप अपनी एनर्जी दूसरों पर बर्बाद नहीं करेंगे। दूसरों को माफ करना उनके लिए नहीं बल्कि आपके लिए फायदेमंद होता है। खुद के फायदे के लिए उन लोगों को माफ़ करें जिन्होंने आपको चोट पहुंचाई है और उनसे दूर हो जाएं। खुद को हर नेगेटिव इमोशन से दूर रखें और अच्छे इमोशंस पर फोकस करें।

इस आईडिया को अपने लाइफ में आजमाएं और माफ करने को लेकर ईमानदारी से प्रैक्टिस करें।

माफ़ करने से पहले, आपको यह मानना जरूरी है कि आपको इससे  चोट पंहुची हैं। किसी  छोटी बात के लिए अपसेट फील करना गलत नहीं है। इससे आगे बढ़ने के लिए आपको अपनी फीलिंग्स के साथ ईमानदार  रहना होगा। यह दिखावा करना कि आप ठीक हैं, सिचुएशन को और खराब करेगा। यह आपको आपके असली इमोशंस का सामना करने से रोकता है और आपकी फीलिंग्स को गलत साबित करता है। अपनी फीलिंग्स के साथ सीधे सीधे डील करें और उनसे आगे बढ़ें।

दूसरों को कैसे माफ़ करें, इस बारे में  कोई गाइडलाइन नहीं है। आपको उन्हें यह दिखाने के लिए कोई स्ट्रिक्ट रास्ते को अपनाने की जरूरत नहीं है कि आपने उन्हें माफ कर दिया है। पहला स्टेप आपके अंदर ही है। आपको खुद के साथ शांति बनाने और जो हुआ है उसे एक्सेप्ट करने की जरूरत है। उसके बाद, आप सिचुएशन से डील  की ताकत हासिल कर सकते हैं। आप दूसरों  को कैसे माफ करते हैं यह आप पर डिपेंड करता है। आप उन्हें सीधे बता सकते हैं या नहीं भी। ये आपकी चॉइस है।

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Show Confidence

कॉन्फिडेंस क्या है? क्या ये किसी रूम जाते  वक़्त ये सोचना है कि आप सभी से बेहतर हैं या यह वह एबिलिटी है जिस वजह से  सब आपको पसंद करते हैं?

किसी रूम में जाते  वक़्त किसी से अपनी बराबरी न करना ही कॉन्फिडेंस है। यह अपने आप पर और अपनी काबिलियत पर भरोसा करने के बारे में है।

यह सक्सेस का एक जरूरी हिस्सा है। कॉन्फिडेंस की मदद से, आप जो हैं और आपके पास जो है, उसी में संतुष्ट रहते हैं। कॉन्फिडेंस के साथ ही ग्रेटीट्यूड, मतलब शुक्रगुज़ार होने का एहसास, भी आता  है क्योंकि आपके पास जो कुछ है उससे आप खुश हैं, इसलिए आपको अपनी ईगो को बढ़ाने के लिए कुछ भी करने की जरूरत नहीं है।

जिन लोगों में कॉन्फिडेंस की कमी होती है उन्हें सक्सेस मिलने में परेशानी होती है। वो दूसरों को पसंद आने के काबिल बनने के बारे में लगातार चिंता करते हैं। अक्सर, वो अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों को खुश करने के लिए कुछ करते हैं।

ज़िंदगी में  कॉन्फिडेंस लेवल  का कम ज्यादा होना नॉर्मल है। आपके आस-पास जो कुछ भी होता है, उससे आपके कॉन्फिडेंस पर फर्क पड़ता है। कुछ ऐसे दिन हो सकते हैं जब आपको लगेगा  कि आप हर चीज में बेस्ट हैं और कुछ दिन आपको लगेगा  कि कोई आपको पसंद नहीं करता है।

दूसरे लोगों के छोटे छोटे कमेंट्स आपके कॉन्फिडेंस के लेवल पर असर डाल सकते हैं। अगर आपको अच्छे कमेंट्स मिलते हैं, तो आप बेहतर महसूस करते हैं। लेकिन, अगर कोई आपकी बुराई करता है, तो आप अपने और अपने काम में कॉन्फिडेंस की कमी महसूस कर सकते हैं।

इन कमेंट्स को भूल जाना जरूरी है। ये एक्सेप्ट कीजिए कि ये सिर्फ किसी की राय है और उनसे सीखने की कोशिश करें। उन्हें दिल पर न लें। कुछ लोग आपको नीचा दिखाने के लिए ऐसा कह रहे होंगे।

आप खुद को कितनी अहमियत देते हैं इस हिसाब से अपना कॉन्फिडेंस बनाएं, न कि इस हिसाब से कि  दूसरे आपको कितनी अहमियत देते हैं। इसके जरिए आपको सेल्फ कॉन्फिडेंस की मजबूत फाउंडेशन मिलेगी।

अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलिए। ऐसा टाइम जरूर आएगा जब आप किसी  नई सिचुएशन में खुद को खोया हुआ महसूस करेंगे। आप नर्वस महसूस कर सकते हैं, और यह ठीक है। कॉन्फिडेंस का मतलब सब कुछ जानना नहीं होता  है। यह ये जानने के बारे में है कि आप नहीं जानते कि  किसी सिचुएशन को कैसे हैंडल करना है और इसका रास्ता ढूंढना  है ताकि आप इससे सीख सकें।

यहां तक कि जब आप कॉंफिडेंट महसूस नहीं करते हैं, तब भी खुद को कॉन्फिडेंट दिखाइए। इसकी मदद से आपको ऐसा टाइम मिलेगा जिसमें आप कॉन्फिडेंस आसानी से बढ़ा सकते हैं और आपको इसे महसूस करने के लिए इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। अगर आप कॉन्फिडेंस से काम करते हैं, तो आपका मन जल्दी ही उस पर यकीन करने लगेगा। एक दिन, आपको एहसास होगा कि अब आप एक्टिंग नहीं कर रहे हैं। दूसरों को यकीन दिलाते दिलाते आपको खुद को भी यकीन हो जाएगा।

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